કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા


શબ્દોનું ભાષાંતર સૂરહ: અદ્ દુખાન   આયત:

सूरा अद्-दुख़ान

સૂરતના હેતુઓ માંથી:
تهديد المشركين ببيان ما ينتظرهم من العقوبة العاجلة والآجلة.
बहुदेववादियों को यह बयान करके धमकी देना कि दुनिया एवं आख़िरत में कौन-सी सज़ा उनके इंतज़ार में है।

حٰمٓ ۟ۚۛ
{हा, मीम।} सूरतुल-बक़रा की शुरुआत में इस प्रकार के अक्षरों के बारे में बात गुज़र चुकी है।
અરબી તફસીરો:
وَالْكِتٰبِ الْمُبِیْنِ ۟ۙۛ
अल्लाह ने सत्य का मार्ग दर्शाने वाले क़ुरआन की क़सम खाई है।
અરબી તફસીરો:
اِنَّاۤ اَنْزَلْنٰهُ فِیْ لَیْلَةٍ مُّبٰرَكَةٍ اِنَّا كُنَّا مُنْذِرِیْنَ ۟
निःसंदेह हमने क़ुरआन को लैलतुल-क़द्र (सम्मानित रात) में उतारा है, जो बहुत अच्छाइयों वाली रात है। हम इस क़ुरआन के माध्यम से डराने वाले हैं।
અરબી તફસીરો:
فِیْهَا یُفْرَقُ كُلُّ اَمْرٍ حَكِیْمٍ ۟ۙ
इसी रात में आजीविका और मृत्यु (नियत समय) इत्यादि से संबंधित उस साल घटित होने वाले सभी सुदृढ़ मामलों का फैसला किया जाता है।
અરબી તફસીરો:
اَمْرًا مِّنْ عِنْدِنَا ؕ— اِنَّا كُنَّا مُرْسِلِیْنَ ۟ۚ
हम प्रत्येक सुदृढ़ मामले का फैसला अपनी ओर से करते हैं। निःसंदेह हम ही रसूलों को भेजने वाले हैं।
અરબી તફસીરો:
رَحْمَةً مِّنْ رَّبِّكَ ؕ— اِنَّهٗ هُوَ السَّمِیْعُ الْعَلِیْمُ ۟ۙ
हम रसूलों को (ऐ रसूल!) आपके पालनहार की ओर से, उन लोगों पर दया के रूप में भेजते हैं, जिनकी ओर उन्हें भेजा जाता है। निःसंदेह वह महिमावान अल्लाह अपने बंदों की बातों को सुनने वाला, उनके कामों और इरादों को जानने वाला है। इनमें से कुछ भी उससे छिपा नहीं है।
અરબી તફસીરો:
رَبِّ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ وَمَا بَیْنَهُمَا ۘ— اِنْ كُنْتُمْ مُّوْقِنِیْنَ ۟
वह आकाशों का पालनहार, धरती का पालनहार और उन दोनों के बीच की चीज़ों का पालनहार है। यदि तुम इसपर विश्वास करने वाले हो, तो मेरे रसूल पर ईमान लाओ।
અરબી તફસીરો:
لَاۤ اِلٰهَ اِلَّا هُوَ یُحْیٖ وَیُمِیْتُ ؕ— رَبُّكُمْ وَرَبُّ اٰبَآىِٕكُمُ الْاَوَّلِیْنَ ۟
उसके सिवा कोई सत्य पूज्य नहीं। वही जीवित करता और मारता है। उसके सिवा कोई जीवन तथा मृत्यु देने वाला नहीं है। वही तुम्हारा पालनहार तथा तुम्हारे पहले बाप-दादाओं का पालनहार है।
અરબી તફસીરો:
بَلْ هُمْ فِیْ شَكٍّ یَّلْعَبُوْنَ ۟
ये मुश्रिक उसपर विश्वास करने वाले नहीं हैं, बल्कि वे उसके बारे में संदेह में पड़े हुए हैं और वे जिस झूठ पर क़ायम हैं उसके कारण उससे ग़ाफ़िल हैं।
અરબી તફસીરો:
فَارْتَقِبْ یَوْمَ تَاْتِی السَّمَآءُ بِدُخَانٍ مُّبِیْنٍ ۟ۙ
तो (ऐ रसूल!) आप अपनी जाति पर जल्द ही आने वाली यातना की प्रतीक्षा करें, जो उस दिन आएगी, जिस दिन आकाश स्पष्ट धुएँ के साथ आएगा, जिसे वे गंभीर भूख के कारण अपनी आँखों से देख रहे होंगे।
અરબી તફસીરો:
یَّغْشَی النَّاسَ ؕ— هٰذَا عَذَابٌ اَلِیْمٌ ۟
वह यातना आपकी पूरी जाति को अपनी चपेट में ले लेगी और उनसे कहा जाएगा : यह यातना जो तुम्हें पहुँची है, एक दर्दनाक यातना है।
અરબી તફસીરો:
رَبَّنَا اكْشِفْ عَنَّا الْعَذَابَ اِنَّا مُؤْمِنُوْنَ ۟
तो वे अपने पालनहार से गिड़गिड़ाते हुए कहेंगे : ऐ हमारे पालनहार! हमसे उस अज़ाब को दूर कर दे, जिसे तूने हमपर भेजा है। अगर तूने उसे हमसे दूर कर दिया, तो हम तुझपर और तेरे रसूल पर ईमान ले आएँगे।
અરબી તફસીરો:
اَنّٰی لَهُمُ الذِّكْرٰی وَقَدْ جَآءَهُمْ رَسُوْلٌ مُّبِیْنٌ ۟ۙ
उनके लिए नसीहत हासिल करने और पश्चाताप कर अपने पालनहार की ओर लौटने का अवसर अब कहाँ रहा, जबकि उनके पास एक स्पष्ट संदेश वाला रसूल आ चुका है और वे उसकी सच्चाई और अमानतदारी से भी अवगत हैं?!
અરબી તફસીરો:
ثُمَّ تَوَلَّوْا عَنْهُ وَقَالُوْا مُعَلَّمٌ مَّجْنُوْنٌ ۟ۘ
फिर उन्होंने उस पर विश्वास करने से मुँह फेर लिया और उन्होंने उसके बारे में कहा : वह एक सिखाया हुआ व्यक्ति है, जिसे कोई दूसरा सिखाता है, वह संदेशवाहक नहीं है। तथा उन्होंने उसके बारे में कहा कि : वह पागल है।
અરબી તફસીરો:
اِنَّا كَاشِفُوا الْعَذَابِ قَلِیْلًا اِنَّكُمْ عَآىِٕدُوْنَ ۟ۘ
जब हम तुम पर से यातना को थोड़ा टाल देंगे, तो तुम अपने कुफ़्र और झुठलाने के रवैये की ओर लौट जाओगे।
અરબી તફસીરો:
یَوْمَ نَبْطِشُ الْبَطْشَةَ الْكُبْرٰی ۚ— اِنَّا مُنْتَقِمُوْنَ ۟
(ऐ रसूल!) उनके लिए उस दिन की प्रतीक्षा करें, जब हम बद्र के दिन आपकी जाति के काफ़िरों की बड़ी पकड़ करेंगे। निश्चय ही हम उनसे, उनके अल्लाह के साथ कुफ़्र करने और उसके रसूल को झुठलाने के कारण, बदला लेने वाले हैं।
અરબી તફસીરો:
وَلَقَدْ فَتَنَّا قَبْلَهُمْ قَوْمَ فِرْعَوْنَ وَجَآءَهُمْ رَسُوْلٌ كَرِیْمٌ ۟ۙ
निश्चय ही हमने उनसे पहले फ़िरऔन की जाति को आज़माया और उनके पास अल्लाह की ओर से एक सम्मानित रसूल आया, जिसने उन्हें अल्लाह के एकेश्वरवाद (अल्लाह को एकमात्र पूज्य मानने) और उसकी इबादत की ओर आमंत्रित किया। और वह मूसा अलैहिस्सलाम हैं।
અરબી તફસીરો:
اَنْ اَدُّوْۤا اِلَیَّ عِبَادَ اللّٰهِ ؕ— اِنِّیْ لَكُمْ رَسُوْلٌ اَمِیْنٌ ۟ۙ
मूसा ने फ़िरऔन और उसके लोगों से कहा : बनी इसराईल को मेरे लिए छोड़ दो। क्योंकि वे अल्लाह के बंदे हैं। तुम्हें उन्हें दास बनाने का कोई अधिकार नहीं है। मैं तुम्हारे लिए अल्लाह की ओर से एक रसूल बनाकर भेजा गया हूँ। उस बात के प्रति विश्वसनीय हूँ, जिसे उसने मुझे तुमको पहुँचाने का आदेश दिया है, मैं उसमें कुछ कमी या वृद्धि नहीं करता हूँ।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• نزول القرآن في ليلة القدر التي هي كثيرة الخيرات دلالة على عظم قدره.
• क़ुरआन का लैलतुल-क़द्र में अवतरित होना, जो कि बहुत अच्छाइयों वाली रात है, उसकी महानता को दर्शाता है।

• بعثة الرسل ونزول القرآن من مظاهر رحمة الله بعباده.
• रसूलों का भेजना और क़ुरआन का उतरना, अल्लाह की अपने बंदों पर दया के प्रतीकों में से है।

• رسالات الأنبياء تحرير للمستضعفين من قبضة المتكبرين.
• रसूलों के संदेश का उद्देश्य कमज़ोरों को अहंकारियों के चंगुल से मुक्त करना है।

وَّاَنْ لَّا تَعْلُوْا عَلَی اللّٰهِ ؕ— اِنِّیْۤ اٰتِیْكُمْ بِسُلْطٰنٍ مُّبِیْنٍ ۟ۚ
और तुम लोग अल्लाह की इबादत छोड़कर और उसके बंदों पर आधिपत्य जमाकर, उसके सामने घमंड मत करो। निश्चय मैं तुम्हारे पास स्पष्ट प्रमाण लेकर आया हूँ।
અરબી તફસીરો:
وَاِنِّیْ عُذْتُ بِرَبِّیْ وَرَبِّكُمْ اَنْ تَرْجُمُوْنِ ۟ۚ
मैंने अपने पालनहार तथा तुम्हारे पालनहार की शरण ली है, इस बात से कि तुम पत्थर मार-मारकर मेरी हत्या कर डालो।
અરબી તફસીરો:
وَاِنْ لَّمْ تُؤْمِنُوْا لِیْ فَاعْتَزِلُوْنِ ۟
और अगर तुम मेरे लाए हुए संदेश पर विश्वास नहीं करते, तो मुझसे अलग रहो और किसी बुराई के साथ मेरे निकट न आओ।
અરબી તફસીરો:
فَدَعَا رَبَّهٗۤ اَنَّ هٰۤؤُلَآءِ قَوْمٌ مُّجْرِمُوْنَ ۟
अंततः मूसा अलैहिस्सलाम ने अपने पालनहार से प्रार्थना की : ये लोग - अर्थात् फ़िरऔन और उसके प्रमुख - अपराधी हैं, जो जल्द सज़ा दिए जाने के पात्र हैं।
અરબી તફસીરો:
فَاَسْرِ بِعِبَادِیْ لَیْلًا اِنَّكُمْ مُّتَّبَعُوْنَ ۟ۙ
तब अल्लाह ने मूसा अलैहिस्सलाम को अपनी जाति के लोगों को लेकर रातों-रात निकल जाने का आदेश दिया और उन्हें यह भी बता दिया कि फ़िरऔन और उसकी जाति के लोग उनका पीछा करेंगे।
અરબી તફસીરો:
وَاتْرُكِ الْبَحْرَ رَهْوًا ؕ— اِنَّهُمْ جُنْدٌ مُّغْرَقُوْنَ ۟
तथा उन्हें आदेश दिया कि जब वह और बनी इसराईल समुद्र पार कर लें, तो उसे उसी तरह स्थिर छोड़ दें, जैसा कि वह था। निःसंदेह फ़िरऔन और उसके सैनिक समुद्र में डूबकर विनष्ट होने वाले हैं।
અરબી તફસીરો:
كَمْ تَرَكُوْا مِنْ جَنّٰتٍ وَّعُیُوْنٍ ۟ۙ
फ़िरऔन और उसकी जाति के लोग अपने पीछे कितने ही बाग़ और बहते हुए स्रोत छोड़ गए!
અરબી તફસીરો:
وَّزُرُوْعٍ وَّمَقَامٍ كَرِیْمٍ ۟ۙ
तथा वे अपने पीछे कितनी ही खेतियाँ तथा अच्छी सभाएँ छोड़ गए!
અરબી તફસીરો:
وَّنَعْمَةٍ كَانُوْا فِیْهَا فٰكِهِیْنَ ۟ۙ
और वे अपने पीछे कितनी ही सुख-सामग्रियाँ छोड़ गए, जिनका वे आनंद ले रहे थे।
અરબી તફસીરો:
كَذٰلِكَ ۫— وَاَوْرَثْنٰهَا قَوْمًا اٰخَرِیْنَ ۟
उनके साथ ऐसा ही हुआ, जिसका तुमसे वर्णन किया गया है। और हमने उनके बाग़ों, जल स्रोतों, खेतियों और घरों का वारिस अन्य लोगों अर्थात बनी इसराईल को बना दिया।
અરબી તફસીરો:
فَمَا بَكَتْ عَلَیْهِمُ السَّمَآءُ وَالْاَرْضُ وَمَا كَانُوْا مُنْظَرِیْنَ ۟۠
जब फ़िरऔन तथा उसकी जाति के लोग डूब गए, तो उनपर न तो आकाश और धरती ने विलाप किया और न उन्हें तौबा करने की मोहलत दी गई।
અરબી તફસીરો:
وَلَقَدْ نَجَّیْنَا بَنِیْۤ اِسْرَآءِیْلَ مِنَ الْعَذَابِ الْمُهِیْنِ ۟ۙ
वस्तुतः हमने बनी इसराईल को अपमानजनक यातना से बचा लिया। क्योंकि फ़िरऔन और उसकी जाति के लोग उनके बेटों को मार डालते थे और उनकी स्त्रियों को जीवित रहने देते थे।
અરબી તફસીરો:
مِنْ فِرْعَوْنَ ؕ— اِنَّهٗ كَانَ عَالِیًا مِّنَ الْمُسْرِفِیْنَ ۟
हमने उन्हें फ़िरऔन के उत्पीड़न से बचा लिया। निश्चय वह अल्लाह के आदेश तथा उसके धर्म का उल्लंघन करने वालों में से एक घमंडी व्यक्ति था।
અરબી તફસીરો:
وَلَقَدِ اخْتَرْنٰهُمْ عَلٰی عِلْمٍ عَلَی الْعٰلَمِیْنَ ۟ۚ
तथा हमने बनी इसराईल को अपने ज्ञान के आधार पर उनके समय के लोगों पर चुन लिया, उनके नबियों की अधिकता के कारण।
અરબી તફસીરો:
وَاٰتَیْنٰهُمْ مِّنَ الْاٰیٰتِ مَا فِیْهِ بَلٰٓؤٌا مُّبِیْنٌ ۟
और हमने उन्हें मूसा अलैहिस्सलाम के समर्थन में ऐसे प्रमाण और सबूत दिए, जिसमें उनके लिए स्पष्ट अनुग्रह थी, जैसे कि मन्न और सलवा इत्यादि।
અરબી તફસીરો:
اِنَّ هٰۤؤُلَآءِ لَیَقُوْلُوْنَ ۟ۙ
निश्चय ये झुठलाने वाले मुश्रिक मरणोपरांत पुनर्जीवित किए जाने का इनकार करते हुए कहते हैं :
અરબી તફસીરો:
اِنْ هِیَ اِلَّا مَوْتَتُنَا الْاُوْلٰی وَمَا نَحْنُ بِمُنْشَرِیْنَ ۟
यह केवल हमारी पहली मृत्यु है, इसके बाद कोई जीवन नहीं है। तथा हम इस मृत्यु के बाद पुनर्जीवित नहीं किए जाएँगे।
અરબી તફસીરો:
فَاْتُوْا بِاٰبَآىِٕنَاۤ اِنْ كُنْتُمْ صٰدِقِیْنَ ۟
तो (ऐ मुहम्मद!) तुम और तुम्हारे साथ मौजूद तुम्हारे अनुयायी, हमारे उन बाप-दादाओं को जिनकी मृत्यु हो चुकी है, जीवित करके ले आओ, यदि तुम अपने इस दावे में सच्चे हो कि अल्लाह मरे हुए लोगों को हिसाब और बदले के लिए पुनः जीवित करके उठाएगा।
અરબી તફસીરો:
اَهُمْ خَیْرٌ اَمْ قَوْمُ تُبَّعٍ ۙ— وَّالَّذِیْنَ مِنْ قَبْلِهِمْ ؕ— اَهْلَكْنٰهُمْ ؗ— اِنَّهُمْ كَانُوْا مُجْرِمِیْنَ ۟
क्या (ऐ रसूल!) आपको झुठलाने वाले ये मुश्रिक शक्ति और ताकत में बेहतर हैं या तुब्बा' समुदाय और वे लोग जो उनसे पहले थे, जैसे आद और समूद। हमने उन सभी को नष्ट कर दिया। निःसंदेह वे अपराधी थे।
અરબી તફસીરો:
وَمَا خَلَقْنَا السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ وَمَا بَیْنَهُمَا لٰعِبِیْنَ ۟
हमने आकाशों और धरती को और जो कुछ उनके बीच है, उन्हें खेल के रूप में नहीं बनाया।
અરબી તફસીરો:
مَا خَلَقْنٰهُمَاۤ اِلَّا بِالْحَقِّ وَلٰكِنَّ اَكْثَرَهُمْ لَا یَعْلَمُوْنَ ۟
हमने आकाशों तथा धरती को एक बड़ी हिकमत के तहत पैदा किया है, लेकिन अधिकांश बहुदेववादियों को इसकी जानकारी नहीं है।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• وجوب لجوء المؤمن إلى ربه أن يحفظه من كيد عدوّه.
• मोमिन को अपने दुश्मन की चाल से बचाव के लिए अपने पालनहार का सहारा लेना चाहिए।

• مشروعية الدعاء على الكفار عندما لا يستجيبون للدعوة، وعندما يحاربون أهلها.
• काफ़िरों पर बददुआ (शाप) करने की वैधता, जब वे इस्लाम के आमंत्रण को स्वीकार न करें और जब वे इस काम को करने वालों से युद्ध करें।

• الكون لا يحزن لموت الكافر لهوانه على الله.
• काफ़िर की मृत्यु पर ब्रह्मांड शोक नहीं करता है, क्योंकि वह अल्लाह के निकट हीन (तुच्छ) होता है।

• خلق السماوات والأرض لحكمة بالغة يجهلها الملحدون.
• आकाशों तथा धरती की रचना एक व्यापक हिकमत के तहत हुई है, जिससे नास्तिक अनभिज्ञ हैं।

اِنَّ یَوْمَ الْفَصْلِ مِیْقَاتُهُمْ اَجْمَعِیْنَ ۟ۙ
निःसंदेह क़ियामत का दिन, जिस दिन अल्लाह बंदों के बीच निर्णय करेगा, सभी प्राणियों के लिए एक नियत समय है, जिसमें अल्लाह उन्हें इकट्ठा करेगा।
અરબી તફસીરો:
یَوْمَ لَا یُغْنِیْ مَوْلًی عَنْ مَّوْلًی شَیْـًٔا وَّلَا هُمْ یُنْصَرُوْنَ ۟ۙ
जिस दिन कोई रिश्तेदार अपने रिश्तेदार को और कोई मित्र अपने मित्र को कुछ लाभ नहीं पहुँचाएगा, और न ही वे अल्लाह की यातना से बचाए जाएँगे। क्योंकि उस दिन सत्ता केवल अल्लाह के हाथ में होगी। कोई भी उसका दावा नहीं कर सकता।
અરબી તફસીરો:
اِلَّا مَنْ رَّحِمَ اللّٰهُ ؕ— اِنَّهٗ هُوَ الْعَزِیْزُ الرَّحِیْمُ ۟۠
सिवाय उस व्यक्ति के, जिसपर अल्लाह दया करे, तो उसे अपने किए हुए अच्छे कामों का लाभ होगा। निःसंदेह अल्लाह वह प्रभुत्वशाली है, जिसे कोई परास्त नहीं कर सकता, जो अपने तौबा करने वाले बंदों पर अत्यंत दयालु है।
અરબી તફસીરો:
اِنَّ شَجَرَتَ الزَّقُّوْمِ ۟ۙ
निःसंदेह ज़क़्क़ूम (थूहड़) का पेड़, जिसे अल्लाह ने जहन्नम के पाताल में उगाया है।
અરબી તફસીરો:
طَعَامُ الْاَثِیْمِ ۟
(वह) महा पाप वाले व्यक्ति अर्थात् काफ़िर का खाना है, जो उसके दुष्ट फल को खाएगा।
અરબી તફસીરો:
كَالْمُهْلِ ۛۚ— یَغْلِیْ فِی الْبُطُوْنِ ۟ۙ
यह फल काले तेल की तरह होगा, जो तीव्र गर्मी से उनके पेट में खौलता होगा।
અરબી તફસીરો:
كَغَلْیِ الْحَمِیْمِ ۟
जिस तरह अत्यंत गर्म पानी खौलता है।
અરબી તફસીરો:
خُذُوْهُ فَاعْتِلُوْهُ اِلٰی سَوَآءِ الْجَحِیْمِ ۟ۙ
और जहन्नम के पहरेदारों से कहा जाएगा : इसे पकड़ो, तथा सख़्ती एवं कठोरता के साथ घसीटकर जहन्नम के बीच तक ले जाओ।
અરબી તફસીરો:
ثُمَّ صُبُّوْا فَوْقَ رَاْسِهٖ مِنْ عَذَابِ الْحَمِیْمِ ۟ؕ
फिर इस यातना दिए जाने वाले व्यक्ति के सिर पर गरम पानी उंडेल दो। चुनाँचे यातना उसका पीछा नहीं छोड़ेगी।
અરબી તફસીરો:
ذُقْ ۖۚ— اِنَّكَ اَنْتَ الْعَزِیْزُ الْكَرِیْمُ ۟
तथा उसे व्यंग्यपूर्वक कहा जाएगा : इस दर्दनाक यातना का स्वाद चख; निःसंदेह तू ही वह व्यक्ति है, जो बड़ा शक्तिशाली और अपनी जाति के अंदर बड़ा सम्मानित और आदरणीय था।
અરબી તફસીરો:
اِنَّ هٰذَا مَا كُنْتُمْ بِهٖ تَمْتَرُوْنَ ۟
यह वही यातना है, जिसके क़ियामत के दिन घटित होने के बारे में तुम संदेह करते थे। परंतु अब उसे अपनी आँखों से देखकर तुम्हारा संदेह दूर हो गया।
અરબી તફસીરો:
اِنَّ الْمُتَّقِیْنَ فِیْ مَقَامٍ اَمِیْنٍ ۟ۙ
निःसंदेह अपने पालनहार से, उसके आदेशों का पालन करके और उसकी मना की हुई चीज़ों से दूर रहकर, डरने वाले लोग, एक ऐसे निवास की जगह में होंगे, जहाँ हर बुराई और नुकसान से सुरक्षित होंगे।
અરબી તફસીરો:
فِیْ جَنّٰتٍ وَّعُیُوْنٍ ۟ۚۙ
बाग़ों तथा बहते जल स्राेतों में होंगेl
અરબી તફસીરો:
یَّلْبَسُوْنَ مِنْ سُنْدُسٍ وَّاِسْتَبْرَقٍ مُّتَقٰبِلِیْنَ ۟ۚۙ
वे जन्नत में पतले और मोटे रेशम के कपड़े पहने हुए, एक-दूसरे के आमने-सामने बैठे होंगे। कोई किसी की पीठ नहीं देखेगा।
અરબી તફસીરો:
كَذٰلِكَ ۫— وَزَوَّجْنٰهُمْ بِحُوْرٍ عِیْنٍ ۟ؕ
जिस तरह हमने उन्हें उपर्युक्त चीज़ों से सम्मानित किया, उसी तरह हम जन्नत में उनका विवाह ऐसी सुंदर स्त्रियों से कर देंगे, जो बड़ी-बड़ी आँखों वाली होंगी और उन आँखों की सफेदी बहुत सफेद तथा उनका कालापन बहुत काला होगा।
અરબી તફસીરો:
یَدْعُوْنَ فِیْهَا بِكُلِّ فَاكِهَةٍ اٰمِنِیْنَ ۟ۙ
वे वहाँ अपने सेवकों से इच्छानुसार हर प्रकार के फल मंगवाएँगे। वे उन फलों के खत्म होने और उनके हानिकारक प्रभावों से सुरक्षित होंगे।
અરબી તફસીરો:
لَا یَذُوْقُوْنَ فِیْهَا الْمَوْتَ اِلَّا الْمَوْتَةَ الْاُوْلٰی ۚ— وَوَقٰىهُمْ عَذَابَ الْجَحِیْمِ ۟ۙ
उसी में सदैव रहेंगे। वे दुनिया के जीवन में होने वाली पहली मौत के सिवा, उसमें मौत का स्वाद नहीं चखेंगे। तथा उनका पालनहार उन्हें जहन्नम की यातना से सुरक्षित रखेगा।
અરબી તફસીરો:
فَضْلًا مِّنْ رَّبِّكَ ؕ— ذٰلِكَ هُوَ الْفَوْزُ الْعَظِیْمُ ۟
यह आपके पालनहार की ओर से उनपर अनुग्रह और उपकार के तौर पर होगा। यह उपर्युक्त - अर्थात उन्हें जन्नत में प्रवेश देना और जहन्नम से बचाना - ही बड़ी सफलता है, जिसकी बराबरी कोई सफलता नहीं कर सकती।
અરબી તફસીરો:
فَاِنَّمَا یَسَّرْنٰهُ بِلِسَانِكَ لَعَلَّهُمْ یَتَذَكَّرُوْنَ ۟
हमने इस क़ुरआन को (ऐ रसूल!) आपकी अरबी भाषा में उतारकर सरल और आसान कर दिया है, ताकि वे नसीहत पकड़ें।
અરબી તફસીરો:
فَارْتَقِبْ اِنَّهُمْ مُّرْتَقِبُوْنَ ۟۠
अतः आप अपनी जीत और उनके विनाश की प्रतीक्षा करें। निःसंदेह वे (भी) आपके विनाश की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• الجمع بين العذاب الجسمي والنفسي للكافر.
• काफ़िर को शारीरिक तथा मानसिक दोनों यातनाएँ दी जाएँगी।

• الفوز العظيم هو النجاة من النار ودخول الجنة.
• महान सफलता जहन्नम से बचकर जन्नत में प्रवेश करना है।

• تيسير الله لفظ القرآن ومعانيه لعباده.
• अल्लाह ने अपने बंदों के लिए क़ुरआन के उच्चारण और उसके अर्थों को आसान बनाया है।

 
શબ્દોનું ભાષાંતર સૂરહ: અદ્ દુખાન
સૂરહ માટે અનુક્રમણિકા પેજ નંબર
 
કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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