કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા


શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (26) સૂરહ: અલ્ અહકાફ
وَلَقَدْ مَكَّنّٰهُمْ فِیْمَاۤ اِنْ مَّكَّنّٰكُمْ فِیْهِ وَجَعَلْنَا لَهُمْ سَمْعًا وَّاَبْصَارًا وَّاَفْـِٕدَةً ۖؗ— فَمَاۤ اَغْنٰی عَنْهُمْ سَمْعُهُمْ وَلَاۤ اَبْصَارُهُمْ وَلَاۤ اَفْـِٕدَتُهُمْ مِّنْ شَیْءٍ اِذْ كَانُوْا یَجْحَدُوْنَ بِاٰیٰتِ اللّٰهِ وَحَاقَ بِهِمْ مَّا كَانُوْا بِهٖ یَسْتَهْزِءُوْنَ ۟۠
और हमने हूद (अलैहिस्सलाम) की जाति को सशक्तीकरण के ऐसे साधन प्रदान किए थे, जो हमने तुम्हें नहीं दिए। तथा हमने उन्हें सुनने के लिए कान दिए, देखने के लिए आँखें दीं और समझने के लिए दिल दिए। लेकिन उनके कानों, उनकी आँखों और उनकी बुद्धि ने उन्हें कुछ भी लाभ नहीं दिया। चुनाँचे जब उनपर अल्लाह की यातना आई, तो ये उसे उनसे टाल नहीं सके। क्योंकि वे अल्लाह की आयतों का इनकार करते थे और उनपर वही यातना टूट पड़ी, जिसका वे मज़ाक़ उड़ाया करते थे, जिससे उनके नबी हूद (अलैहिस्सलाम) ने उन्हें डराया था।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• لا علم للرسل بالغيب إلا ما أطلعهم ربهم عليه منه.
• रसूलों को परोक्ष का कोई ज्ञान नहीं होता, सिवाय इसके कि उनका रब ने उन्हें किसी बात से अवगत करा दे।

• اغترار قوم هود حين ظنوا العذاب النازل بهم مطرًا، فلم يتوبوا قبل مباغتته لهم.
• हूद (अलैहिस्सलाम) की जाति का धोखा खाना जब उन्होंने अपने ऊपर उतरने वाली यातना को बारिश समझा। इसलिए उन्होंने यातना आने से पहले तौबा नहीं की।

• قوة قوم عاد فوق قوة قريش، ومع ذلك أهلكهم الله.
• आद के लोगों की शक्ति क़ुरैश की शक्ति से अधिक थी, फिर भी अल्लाह ने उन्हें नष्ट कर दिया।

• العاقل من يتعظ بغيره، والجاهل من يتعظ بنفسه.
• बुद्धिमान वह है, जो दूसरों (की स्थिति) से सीख ग्रहण करता है और अज्ञानी वह है, जो खुद से सीख ग्रहण करता है।

 
શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (26) સૂરહ: અલ્ અહકાફ
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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