કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા


શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (16) સૂરહ: મુહમ્મદ
وَمِنْهُمْ مَّنْ یَّسْتَمِعُ اِلَیْكَ ۚ— حَتّٰۤی اِذَا خَرَجُوْا مِنْ عِنْدِكَ قَالُوْا لِلَّذِیْنَ اُوْتُوا الْعِلْمَ مَاذَا قَالَ اٰنِفًا ۫— اُولٰٓىِٕكَ الَّذِیْنَ طَبَعَ اللّٰهُ عَلٰی قُلُوْبِهِمْ وَاتَّبَعُوْۤا اَهْوَآءَهُمْ ۟
और मुनाफ़िक़ों में से कुछ लोग ऐसे हैं, जो (ऐ रसूल!) आपकी ओर कान लगाते हैं, लेकिन उनका उद्देश्य स्वीकार करना नहीं, बल्कि मुँह फेरना होता है। यहाँ तक कि जब आपके पास से निकलते हैं, तो अनजान बनते हुए और उपेक्षा करते हुए उन लोगों से कहते हैं, जिन्हें अल्लाह ने ज्ञान दिया है : उन्होंने अभी-अभी अपनी बात में क्या कहा? यही वे लोग हैं, जिनके दिलों पर अल्लाह ने मुहर लगा दी है, इसलिए कोई अच्छाई उन तक नहीं पहुँचती, तथा उन्होंने अपनी इच्छाओं का पालन किया है, जिनके कारण वे सच्चाई से अंधे कर दिए गए हैं।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• اقتصار همّ الكافر على التمتع في الدنيا بالمتع الزائلة.
• काफ़िर की चिंता दुनिया में नश्वर सुखों का आनंद लेने तक सीमित होती है।

• المقابلة بين جزاء المؤمنين وجزاء الكافرين تبيّن الفرق الشاسع بينهما؛ ليختار العاقل أن يكون مؤمنًا، ويختار الأحمق أن يكون كافرًا.
• मोमिनों के प्रतिफल और काफ़िरों के प्रतिफल के बीच तुलना करना उन दोनों के बीच विशाल अंतर को दर्शाता है; ताकि बुद्धिमान व्यक्ति मोमिन होने का चुनाव कर ले और मूर्ख व्यक्ति काफिर होने का चुनाव कर ले।

• بيان سوء أدب المنافقين مع رسول الله صلى الله عليه وسلم.
• अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के साथ मुनाफ़िक़ों के बुरे व्यवहार का वर्णन।

• العلم قبل القول والعمل.
• कुछ कहने अथवा करने से पहले ज्ञान ज़रूरी है।

 
શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (16) સૂરહ: મુહમ્મદ
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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