કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા


શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (22) સૂરહ: મુહમ્મદ
فَهَلْ عَسَیْتُمْ اِنْ تَوَلَّیْتُمْ اَنْ تُفْسِدُوْا فِی الْاَرْضِ وَتُقَطِّعُوْۤا اَرْحَامَكُمْ ۟
यदि तुम अल्लाह पर ईमान लाने और उसकी आज्ञा मानने से दूर हो जाओ, तो तुम्हारी स्थिति पर यही प्रबल है कि तुम कुफ़्र और पापों के द्वारा धरती में बिगाड़ पैदा करोगे और रिश्तेदारी के बंधनों को तोड़ोगे; जैसा कि जाहिलिय्यत (इस्लाम से पूर्व) के समयकाल में तुम्हारी स्थिति थी।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• التكليف بالجهاد في سبيل الله يميّز المنافقين من صفّ المؤمنين.
• अल्लाह के रास्ते में जिहाद का आदेश, ईमान वालों की पंक्तियों से मुनाफ़िक़ों को छाँटकर अलग कर देता है।

• أهمية تدبر كتاب الله، وخطر الإعراض عنه.
• अल्लाह की किताब पर मनन करने का महत्व और उससे मुँह मोड़ने का खतरा।

• الإفساد في الأرض وقطع الأرحام من أسباب قلة التوفيق والبعد عن رحمة الله.
• धरती में बिगाड़ पैदा करना और रिश्तेदारी के संबंधों को तोड़ना, अल्लाह की तौफ़ीक में कमी और उसकी दया से दूरी के कारणों में से है।

 
શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (22) સૂરહ: મુહમ્મદ
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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