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કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - હિન્દી ભાષામાં અલ્ મુખતસર ફી તફસીરિલ્ કુરઆનીલ્ કરીમ કિતાબનું અનુવાદ * - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા


શબ્દોનું ભાષાંતર સૂરહ: અલ્ માઇદહ   આયત:
مِنْ اَجْلِ ذٰلِكَ ؔۛۚ— كَتَبْنَا عَلٰی بَنِیْۤ اِسْرَآءِیْلَ اَنَّهٗ مَنْ قَتَلَ نَفْسًا بِغَیْرِ نَفْسٍ اَوْ فَسَادٍ فِی الْاَرْضِ فَكَاَنَّمَا قَتَلَ النَّاسَ جَمِیْعًا ؕ— وَمَنْ اَحْیَاهَا فَكَاَنَّمَاۤ اَحْیَا النَّاسَ جَمِیْعًا ؕ— وَلَقَدْ جَآءَتْهُمْ رُسُلُنَا بِالْبَیِّنٰتِ ؗ— ثُمَّ اِنَّ كَثِیْرًا مِّنْهُمْ بَعْدَ ذٰلِكَ فِی الْاَرْضِ لَمُسْرِفُوْنَ ۟
क़ाबील द्वारा अपने भाई की हत्या के कारण, हमने बनी इसराईल को सूचित किया कि जिसने किसी व्यक्ति की क़िसास (खून के बदले खून) या कुफ़्र अथवा विद्रोह द्वारा धरती में बिगाड़ पैदा करने के कारण के बिना हत्या कर दी, तो मानो उसने सभी लोगों की हत्या कर दी, क्योंकि उसके निकट निर्दोष और अपराधी के बीच कोई अंतर नहीं है। तथा जिसने किसी प्राणी की, जिसे अल्लाह ने हराम ठहराया है, यह मानते हुए हत्या करने से परहेज़ किया कि उसकी हत्या करना निषिद्ध (हराम) है और उसकी हत्या नहीं की; तो मानो उसने सभी लोगों को जीवन प्रदान किया; क्योंकि उसके इस व्यवहार में सभी लोगों की सुरक्षा है। निःसंदेह हमारे रसूल बनी इसराईल के पास स्पष्ट प्रमाण और खुली निशानियाँ लेकर आए, लेकिन इसके बावजूद उनमें से बहुत से लोग पाप करके तथा अपने रसूलों का विरोध करके अल्लाह की सीमाओं का उल्लंघन करने वाले हैं।
અરબી તફસીરો:
اِنَّمَا جَزٰٓؤُا الَّذِیْنَ یُحَارِبُوْنَ اللّٰهَ وَرَسُوْلَهٗ وَیَسْعَوْنَ فِی الْاَرْضِ فَسَادًا اَنْ یُّقَتَّلُوْۤا اَوْ یُصَلَّبُوْۤا اَوْ تُقَطَّعَ اَیْدِیْهِمْ وَاَرْجُلُهُمْ مِّنْ خِلَافٍ اَوْ یُنْفَوْا مِنَ الْاَرْضِ ؕ— ذٰلِكَ لَهُمْ خِزْیٌ فِی الدُّنْیَا وَلَهُمْ فِی الْاٰخِرَةِ عَذَابٌ عَظِیْمٌ ۟ۙ
जो लोग अल्लाह और उसके रसूल से युद्ध करते हैं, और उनसे खुली दुश्मनी करते हुए हत्या, लूटमार और डकैती के द्वारा धरती में उत्पात मचाते हैं, उनकी सज़ा यही है कि उन्हें सूली पर चढ़ाए बिना क़त्ल कर दिया जाए, या उन्हें सूली पर चढ़ाकर क़त्ल कर दिया जाए, या उनका दायाँ हाथ और बायाँ पैर काट दिया जाए, यदि वह फिर से ऐसी हरकत करे, तो उसका बायाँ हाथ और दायाँ पैर काट दिया जाए, या उन्हें देश से निकाल दिया जाए। यह सज़ा उनके लिए इस दुनिया में एक अपमान है, तथा आख़िरत में उनके लिए बहुत बड़ी यातना है।
અરબી તફસીરો:
اِلَّا الَّذِیْنَ تَابُوْا مِنْ قَبْلِ اَنْ تَقْدِرُوْا عَلَیْهِمْ ۚ— فَاعْلَمُوْۤا اَنَّ اللّٰهَ غَفُوْرٌ رَّحِیْمٌ ۟۠
परंतु (ऐ अधिकार वालो!) इन लड़ाई करने वालों में से जो लोग तुम्हारी पकड़ में आने से पहले तौबा कर लें, तो जान लो कि अल्लाह तौबा के बाद उन्हें क्षमा करने वाला और उनपर दया करने वाला है। और उनपर उसकी दया में से उनसे दंड को हटा देना है।
અરબી તફસીરો:
یٰۤاَیُّهَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوا اتَّقُوا اللّٰهَ وَابْتَغُوْۤا اِلَیْهِ الْوَسِیْلَةَ وَجَاهِدُوْا فِیْ سَبِیْلِهٖ لَعَلَّكُمْ تُفْلِحُوْنَ ۟
ऐ ईमान वालो! अल्लाह के आदेशों का पालन करके और उसके निषेधों से बचकर उससे डरो, तथा उसने तुम्हें जिसका हुक्म दिया है, उसे पूरा करके और जिससे उसने तुम्हें मना किया है, उससे दूर रहकर उसकी निकटता तलाश करो, और उसकी प्रसन्नता प्राप्त करने के लिए काफ़िरों से जिहाद करो। ताकि ऐसा करने पर तुम्हें वह चीज़ प्राप्त हो जाए, जो तुम माँगते हो और उस चीज़ से बचा लिए जाओ, जिससे तुम डरते हो।
અરબી તફસીરો:
اِنَّ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا لَوْ اَنَّ لَهُمْ مَّا فِی الْاَرْضِ جَمِیْعًا وَّمِثْلَهٗ مَعَهٗ لِیَفْتَدُوْا بِهٖ مِنْ عَذَابِ یَوْمِ الْقِیٰمَةِ مَا تُقُبِّلَ مِنْهُمْ ۚ— وَلَهُمْ عَذَابٌ اَلِیْمٌ ۟
जिन लोगों ने अल्लाह और उसके रसूल के साथ कुफ़्र किया, यदि मान लिया जाए कि उनमें से हर एक धरती की सारी धन-दौलत का मालिक हो जाए और उसके साथ उतना ही और भी हो, फिर वे क़ियामत के दिन अपने आपको अल्लाह की यातना से मुक्त करने के लिए उसे पेश कर दें, तो वह उनसे स्वीकार नहीं किया जाएगा, और उनके लिए दर्दनाक यातना है।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• حرمة النفس البشرية، وأن من صانها وأحياها فكأنما فعل ذلك بجميع البشر، وأن من أتلف نفسًا بشرية أو آذاها من غير حق فكأنما فعل ذلك بالناس جميعًا.
• मानव आत्मा का सम्मान, और यह कि जिसने उसकी रक्षा की तथा उसे जीवन प्रदान किया, तो मानो उसने सभी मनुष्यों के साथ ऐसा किया, और जिसने किसी मानव आत्मा को अन्यायपूर्ण तरीके से नष्ट कर दिया या उसे नुक़सान पहुँचाया, तो मानो उसने सभी लोगों के साथ ऐसा किया।

• عقوبة الذين يحاربون الله ورسوله ممن يفسدون بالقتل وانتهاب الأموال وقطع الطرق هي: القتل بلا صلب، أو مع الصلب، أو قطع الأطرف من خلاف، أو بتغريبهم من البلاد؛ وهذا على حسب ما صدر منهم.
• जो लोग अल्लाह और उसके रसूल से युद्ध करते हैं, यानी जो हत्या करके, धन लूटकर और बटमारी करके (धरती में) उपद्रव फैलाते हैं, उनकी सज़ा : सूली पर चढ़ाए बिना, या सूली पर चढ़ाकर क़त्ल करना, या विपरीत दिशाओं से अंगों (हाथ-पैर) को काटना, या उन्हें देश से निष्कासित कर देना है; यह उनके द्वारा किए गए अपराध के अनुसार होगा।

• توبة المفسدين من المحاربين وقاطعي الطريق قبل قدرة السلطان عليهم توجب العفو.
• लूट-मार तथा उपद्रव करने वालों का प्रशासन के नियंत्रण में आने से पहले तौबा करना, क्षमा का कारण है।

 
શબ્દોનું ભાષાંતર સૂરહ: અલ્ માઇદહ
સૂરહ માટે અનુક્રમણિકા પેજ નંબર
 
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તફસીર લિદ્ દિરાસતીલ્ કુરઆનિયહ કેન્દ્ર દ્વારા પ્રકાશિત.

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