કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા


શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (11) સૂરહ: કૉફ
رِّزْقًا لِّلْعِبَادِ ۙ— وَاَحْیَیْنَا بِهٖ بَلْدَةً مَّیْتًا ؕ— كَذٰلِكَ الْخُرُوْجُ ۟
हमने इसमें से जो कुछ उगाया, उसे बंदों की रोज़ी के लिए उगाया, जिससे वे खाते हैं। और इसके साथ हमने एक ऐसे शहर को पुनर्जीवित कर दिया जिसमें कोई वनस्पति नहीं है। जिस तरह हमने इस बारिश से एक वनस्पति रहित शहर को पुनर्जीवित किया, उसी तरह हम मरे हुए लोगों को पुनर्जीवित करेंगे। चुनाँचे वे जीवित होकर बाहर निकलेंगे।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• المشركون يستعظمون النبوة على البشر، ويمنحون صفة الألوهية للحجر!
• शिर्क करने वाले मनुष्य के नबी होने को बहुत बड़ा समझते हैं, जबकि पत्थर को देवत्व का गुण प्रदान करते हैं!

• خلق السماوات، وخلق الأرض، وإنزال المطر، وإنبات الأرض القاحلة، والخلق الأول: كلها أدلة على البعث.
• आकाशों की रचना, धरती की रचना, बारिश उतारना, बंजर भूमि से पेड़-पौधे उगाना और पहली बार पैदा करना : ये सभी पुनर्जीवन के प्रमाण हैं।

• التكذيب بالرسل عادة الأمم السابقة، وعقاب المكذبين سُنَّة إلهية.
• रसूलों को झुठलाना पिछले समुदायों की आदत रही है और झुठलाने वालों को सज़ा देना अल्लाह की परंपरा रही है।

 
શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (11) સૂરહ: કૉફ
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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