કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા


શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (146) સૂરહ: અલ્ અન્આમ
وَعَلَی الَّذِیْنَ هَادُوْا حَرَّمْنَا كُلَّ ذِیْ ظُفُرٍ ۚ— وَمِنَ الْبَقَرِ وَالْغَنَمِ حَرَّمْنَا عَلَیْهِمْ شُحُوْمَهُمَاۤ اِلَّا مَا حَمَلَتْ ظُهُوْرُهُمَاۤ اَوِ الْحَوَایَاۤ اَوْ مَا اخْتَلَطَ بِعَظْمٍ ؕ— ذٰلِكَ جَزَیْنٰهُمْ بِبَغْیِهِمْ ۖؗ— وَاِنَّا لَصٰدِقُوْنَ ۟
और हमने यहूदियों पर उन तमाम जानवरों को हराम कर दिया था, जिनकी उंगलियाँ अलग-अलग न हों, जैसे ऊँट तथा शुतुरमुर्ग़ आदि। तथा हमने उनपर गाय और बकरी की चर्बी को भी हराम कर दिया था, सिवाय उसके जो उनकी पीठ या आँत से लगी हो, या जो हड्डियों के साथ मिश्रित हो, जैसे नितंब और पहलू की चर्बी। हमने उनके अत्याचार के बदले के तौर पर, इन चीज़ों को उनपर हराम किया था। निःसंदेह हम जो कुछ भी बताते हैं, निश्चय उसमें सच्चे हैं।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• في الآيات دليل على إثبات المناظرة في مسائل العلم، وإثبات القول بالنظر والقياس.
• इन आयतों में ज्ञान संबंधित विषयों में मुनाज़रा (तर्क-वितर्क) का सबूत है और बात को सोच-विचार तथा क़ियास के द्वारा साबित करने का प्रमाण है।

• الوحي وما يستنبط منه هو الطريق لمعرفة الحلال والحرام.
• वह़्य और जो कुछ उससे निष्कर्ष निकाला जाता है, वही हलाल और हराम को जानने का तरीक़ा है।

• إن من الظلم أن يُقْدِم أحد على الإفتاء في الدين ما لم يكن قد غلب على ظنه أنه يفتي بالصواب الذي يرضي الله.
• किसी इनसान का धार्मिक मामलों में फतवा देना अनुचित है, जब तक कि उसका यह प्रबल गुमान न हो कि वह अल्लाह को प्रसन्न करने वाला सही फतवा दे रहा है।

• من رحمة الله بعباده الإذن لهم في تناول المحرمات عند الاضطرار.
• यह अल्लाह की अपने बंदों पर दया में से है कि उसने मजबूरी की हालत में उन्हें हराम चीज़ों को खाने की अनुमति दी है।

 
શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (146) સૂરહ: અલ્ અન્આમ
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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