કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા


શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (3) સૂરહ: અલ્ મુમતહિનહ
لَنْ تَنْفَعَكُمْ اَرْحَامُكُمْ وَلَاۤ اَوْلَادُكُمْ ۛۚ— یَوْمَ الْقِیٰمَةِ ۛۚ— یَفْصِلُ بَیْنَكُمْ ؕ— وَاللّٰهُ بِمَا تَعْمَلُوْنَ بَصِیْرٌ ۟
तुम्हारे रिश्तेदार और तुम्हारे बच्चे तुम्हें कदापि कोई लाभ नहीं देंगे, अगर तुमने उनकी खातिर काफिरों से दोस्ती रखी। क़ियामत के दिन अल्लाह तुम्हारे बीच जुदाई डाल देगा। चुनाँचे जन्नती लोग जन्नत में प्रवेश करेंगे और जहन्नमी लोग जहन्नम में। अतः तुम एक-दूसरे को लाभ नहीं पहुँचा सकोगे और अल्लाह तुम्हारे कर्मों को देख रहा है। उससे तुम्हारा कोई काम छिपा नहीं है और वह तुम्हें उनका बदला देगा।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• تسريب أخبار أهل الإسلام إلى الكفار كبيرة من الكبائر.
• काफ़िरों को मुसलमानों की गुप्त सूचनाएँ लीक करना एक बड़ा पाप है।

• عداوة الكفار عداوة مُتَأصِّلة لا تؤثر فيها موالاتهم.
• काफ़िरों की दुश्मनी एक अंतर्निहित दुश्मनी है, जिसे उनसे दोस्ती प्रभावित नहीं करती है।

• استغفار إبراهيم لأبيه لوعده له بذلك، فلما نهاه الله عن ذلك لموته على الكفر ترك الاستغفار له.
• इबराहीम अलैहिस्सलाम ने अपने पिता के लिए क्षमा इसलिए माँगी थी, क्योंकि उन्होंने अपने पिता से इसका वादा किया था। फिर जब उसकी कुफ़्र पर मृत्यु के कारण अल्लाह ने उन्हें इससे मना कर दिया, तो उन्होंने उसके लिए माफी मांगना छोड़ दिया।

 
શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (3) સૂરહ: અલ્ મુમતહિનહ
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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