કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા


શબ્દોનું ભાષાંતર સૂરહ: અલ્ જુમ્આ   આયત:

सूरा अल्-जुमुआ

સૂરતના હેતુઓ માંથી:
الامتنان على الأمة وتفضيلها برسولها، وبيان فضل يوم الجمعة.
उम्मत पर उपकार जताना और उसके रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के द्वारा उसे श्रेष्ठता प्रदान करना, तथा जुमा के दिन की विशेषता का वर्णन।

یُسَبِّحُ لِلّٰهِ مَا فِی السَّمٰوٰتِ وَمَا فِی الْاَرْضِ الْمَلِكِ الْقُدُّوْسِ الْعَزِیْزِ الْحَكِیْمِ ۟
आकाशों और धरती में मौजूद सभी प्राणी अल्लाह के उन सभी कमियों से पवित्र होने का वर्णन करते हैं, जो उसकी महिमा के योग्य नहीं हैं। वह राजा है, जो अपने राज्य में एकता है, हर कमी से मुक्त व पवित्र है, सब पर प्रभुत्वशाली है, जिसपर किसी का ज़ोर नहीं चलता, तथा अपनी रचना, शरीयत और तक़दीर (निर्णय) में हिकमत वाला है।
અરબી તફસીરો:
هُوَ الَّذِیْ بَعَثَ فِی الْاُمِّیّٖنَ رَسُوْلًا مِّنْهُمْ یَتْلُوْا عَلَیْهِمْ اٰیٰتِهٖ وَیُزَكِّیْهِمْ وَیُعَلِّمُهُمُ الْكِتٰبَ وَالْحِكْمَةَ ۗ— وَاِنْ كَانُوْا مِنْ قَبْلُ لَفِیْ ضَلٰلٍ مُّبِیْنٍ ۟ۙ
वही है, जिसने उन अरबों के बीच, जो पढ़ना-लिखना नहीं जानते थे, उन्हीं की जाति में से एक रसूल भेजा, जो उन्हें अपने ऊपर अल्लाह की उतारी हुई आयतों को पढ़कर सुनाता है, उन्हें कुफ़्र और बुरी नैतिकताओं से शुद्ध करता है, उन्हें क़ुरआन सिखाता और सुन्नत की शिक्षा देता है। हालाँकि, वे उसके उनकी ओर रसूल बनाकर भेजे जाने से पहले स्पष्ट रूप से सत्य से भटके हुए थे, जहाँ वे मूर्तियों की पूजा करते, खून बहाते और रिश्ते-नाते काटते थे।
અરબી તફસીરો:
وَّاٰخَرِیْنَ مِنْهُمْ لَمَّا یَلْحَقُوْا بِهِمْ ؕ— وَهُوَ الْعَزِیْزُ الْحَكِیْمُ ۟
और उसने इस रसूल को अरब के कुछ दूसरे लोगों और उनके अलावा अन्य लोगों की ओर भी भेजा, जो अभी तक नहीं आए हैं, और वे आएँगे। और वह प्रभुत्वशाली है, जिसे कोई पराजित नहीं कर सकता, वह अपनी रचना, शरीयत और तक़दीर (निर्णय) में हिकमत वाला है।
અરબી તફસીરો:
ذٰلِكَ فَضْلُ اللّٰهِ یُؤْتِیْهِ مَنْ یَّشَآءُ ؕ— وَاللّٰهُ ذُو الْفَضْلِ الْعَظِیْمِ ۟
यह उपर्युक्त (रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को अरबों और अन्य लोगों की ओर भेजना) अल्लाह का अनुग्रह है, वह जिसे चाहे यह अनुग्रह प्रदान करे। और अल्लाह महान उपकार वाला है। और उसके महान उपकार का एक उदाहरण इस उम्मत के रसूल को सभी लोगों की ओर भेजना है।
અરબી તફસીરો:
مَثَلُ الَّذِیْنَ حُمِّلُوا التَّوْرٰىةَ ثُمَّ لَمْ یَحْمِلُوْهَا كَمَثَلِ الْحِمَارِ یَحْمِلُ اَسْفَارًا ؕ— بِئْسَ مَثَلُ الْقَوْمِ الَّذِیْنَ كَذَّبُوْا بِاٰیٰتِ اللّٰهِ ؕ— وَاللّٰهُ لَا یَهْدِی الْقَوْمَ الظّٰلِمِیْنَ ۟
उन यहूदियों का उदाहरण, जिन्हें तौरात की शिक्षाओं पर अमल करने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई थी, परंतु वे उसे छोड़ बैठे, जिसकी उन्हें ज़िम्मेदारी सौंपी गई थी, उस गधे के समान है, जो बड़ी-बड़ी किताबें लादे हुए हो, वह नहीं जानता कि उसकी पीठ पर क्या लदा हुआ है : क्या वह किताबें हैं या कुछ और? बहुत बुरा उदाहरण है उन लोगों का, जिन्होंने अल्लाह की आयतों को झुठलाया। और अल्लाह अत्याचारी लोगों को सत्य तक पहुँचने का सामर्थ्य नहीं देता।
અરબી તફસીરો:
قُلْ یٰۤاَیُّهَا الَّذِیْنَ هَادُوْۤا اِنْ زَعَمْتُمْ اَنَّكُمْ اَوْلِیَآءُ لِلّٰهِ مِنْ دُوْنِ النَّاسِ فَتَمَنَّوُا الْمَوْتَ اِنْ كُنْتُمْ صٰدِقِیْنَ ۟
(ऐ रसूल) आप कह दीजिए : ऐ वे लोगो, जो यहूदी धर्म के विकृत होने के बाद भी उसपर बने हुए हो, अगर तुम्हारा यह दावा है कि तुम अल्लाह के दोस्त हो, उसने दूसरे लोगों को छोड़कर तुम्हें दोस्ती के लिए विशिष्ट कर लिया है, तो फिर मृत्यु की कामना करो। ताकि अल्लाह तुम्हें वह सम्मान जल्दी प्रदान कर दे, जो उसने (तुम्हारे दावे के अनुसार) तुम्हारे लिए खास कर रखा है, यदि तुम अपने इस दावे में सच्चे हो कि तुम ही अल्लाह के दोस्त हो, कोई और नहीं।
અરબી તફસીરો:
وَلَا یَتَمَنَّوْنَهٗۤ اَبَدًا بِمَا قَدَّمَتْ اَیْدِیْهِمْ ؕ— وَاللّٰهُ عَلِیْمٌۢ بِالظّٰلِمِیْنَ ۟
वे कभी भी मृत्यु की कामना नहीं करेंगे। बल्कि वे अपने कुफ़्र, पाप, अत्याचार तथा तौरात में विरूपण और परिवर्तन करने के कारण इस दुनिया में अनंत काल की कामना करते हैं। और अल्लाह अत्याचारियों को भली-भाँति जानता है। उनका कोई कार्य उससे छिपा नहीं है और वह उन्हें उनके कर्मों का बदला देगा।
અરબી તફસીરો:
قُلْ اِنَّ الْمَوْتَ الَّذِیْ تَفِرُّوْنَ مِنْهُ فَاِنَّهٗ مُلٰقِیْكُمْ ثُمَّ تُرَدُّوْنَ اِلٰی عٰلِمِ الْغَیْبِ وَالشَّهَادَةِ فَیُنَبِّئُكُمْ بِمَا كُنْتُمْ تَعْمَلُوْنَ ۟۠
और (ऐ रसूल) इन यहूदियों से कह दें : निश्चय वह मौत जिससे तुम भागते हो, अनिवार्य रूप से किसी न किसी समय तुम्हें आने वाली है। फिर तुम क़ियामत के दिन अल्लाह की ओर लौटाए जाओगे, जो हर उस चीज़ को जानता है, जो अनुपस्थित है और जो मौजूद है। उन दोनों में से कुछ भी उससे छिपा नहीं है। चुनाँचे वह तुम्हें बताएगा कि तुम दुनिया में क्या किया करते थे और तुम्हें उसका बदला देगा।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• عظم منة النبي صلى الله عليه وسلم على البشرية عامة وعلى العرب خصوصًا، حيث كانوا في جاهلية وضياع.
• नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का सामान्य रूप से मानवता पर और विशेष रूप से अरबों पर महान उपकार है, क्योंकि वे अज्ञानता और बर्बादी में थे।

• الهداية فضل من الله وحده، تطلب منه وتستجلب بطاعته.
• मार्गदर्शन केवल अल्लाह का एक एहसान है। उसी से मांगा जाएगा और उसी की आज्ञाकारिता से प्राप्त किया जाएगा।

• تكذيب دعوى اليهود أنهم أولياء الله؛ بتحدّيهم أن يتمنوا الموت إن كانوا صادقين في دعواهم لأن الولي يشتاق لحبيبه.
• यहूदियों को मृत्यु की कामना करने के लिए चुनौती देकर, उनके इस दावे का खंडन किया गया है कि वे अल्लाह के दोस्त हैं, क्योंकि एक दोस्त अपने प्रिय के लिए इच्छुक होता है।

یٰۤاَیُّهَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْۤا اِذَا نُوْدِیَ لِلصَّلٰوةِ مِنْ یَّوْمِ الْجُمُعَةِ فَاسْعَوْا اِلٰی ذِكْرِ اللّٰهِ وَذَرُوا الْبَیْعَ ؕ— ذٰلِكُمْ خَیْرٌ لَّكُمْ اِنْ كُنْتُمْ تَعْلَمُوْنَ ۟
ऐ अल्लाह पर ईमान रखने और उसकी शरीयत पर अमल करने वालो! जब मुअज़्ज़िन जुमा के दिन खतीब के मिंबर पर चढ़ने के बाद, नमाज़ के लिए अज़ान दे, तो ख़ुतबा सुनने और नमाज़ पढ़ने के लिए मस्जिदों की ओर दौड़ चलो और क्रय-विक्रय छोड़ दो; ताकि यह तुम्हें आज्ञाकारिता से विचलित न कर दे। यह जुमे की अज़ान के बाद नमाज़ के लिए जल्दी जाना और क्रय-विक्रय छोड़ देना (ऐ मोमिनो) तुम्हारे लिए बेहतर है, अगर तुम इस बात से अवगत हो। अतः अल्लाह ने तुम्हें जो आदेश दिया है, उसका पालन करो।
અરબી તફસીરો:
فَاِذَا قُضِیَتِ الصَّلٰوةُ فَانْتَشِرُوْا فِی الْاَرْضِ وَابْتَغُوْا مِنْ فَضْلِ اللّٰهِ وَاذْكُرُوا اللّٰهَ كَثِیْرًا لَّعَلَّكُمْ تُفْلِحُوْنَ ۟
फिर जब तुम जुमे की नमाज़ पूरी कर लो, तो हलाल रोज़ी की तलाश में और अपनी ज़रूरतों की पूर्ति के लिए धरती में फैल जाओ, और हलाल कमाई तथा वैध मुनाफ़ा के माध्यम से अल्लाह का अनुग्रह तलाश करो, और आजीविका के लिए अपनी खोज के दौरान अल्लाह को बहुत याद करते रहो, और आजीविका के लिए तुम्हारी खोज तुम्हें अल्लाह के ज़िक्र से गाफ़िल न करे, ताकि तुम्हें वह चीज़ प्राप्त हो सके, जिसे तुम पसंद करते हो और उस चीज़ से बच सको, जिससे तुम डरते हो।
અરબી તફસીરો:
وَاِذَا رَاَوْا تِجَارَةً اَوْ لَهْوَا ١نْفَضُّوْۤا اِلَیْهَا وَتَرَكُوْكَ قَآىِٕمًا ؕ— قُلْ مَا عِنْدَ اللّٰهِ خَیْرٌ مِّنَ اللَّهْوِ وَمِنَ التِّجَارَةِ ؕ— وَاللّٰهُ خَیْرُ الرّٰزِقِیْنَ ۟۠
और जब कुछ मुसलमानों ने व्यापार या खेल-तमाशा देखा, तो वे उसकी ओर निकल गए और उन्होंने (ऐ रसूल) आपको मिंबर पर खड़ा छोड़ दिया। (ऐ रसूल) आप कह दें : अल्लाह के पास अच्छे कर्म का जो बदला है, वह उस व्यापार एवं खेल-कूद से उत्तम है, जिसकी ओर तुम निकलकर गए थे। और अल्लाह सबसे उत्तम रोज़ी देने वाला है।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• وجوب السعي إلى الجمعة بعد النداء وحرمة ما سواه من الدنيا إلا لعذر.
• अज़ान के बाद जुमे की नमाज़ के लिए निकलना ज़रूरी है और बिना किसी शरई कारण के उसके सिवा कोई और कार्य करना हराम है।

• تخصيص سورة للمنافقين فيه تنبيه على خطورتهم وخفاء أمرهم.
• मुनाफ़िक़ो के बारे में एक पूरी सूरत उतारने में, उनके खतरे एवं गंभीरता तथा उनके मामले के गुप्त होने पर एक चेतावनी है।

• العبرة بصلاح الباطن لا بجمال الظاهر ولا حسن المنطق.
• इस्लाम में अंतरात्मा (हृदय) की शुद्धता का एतिबार है, ज़ाहिरी सुंदरता और अच्छी बात का नहीं।

 
શબ્દોનું ભાષાંતર સૂરહ: અલ્ જુમ્આ
સૂરહ માટે અનુક્રમણિકા પેજ નંબર
 
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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