કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા


શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (16) સૂરહ: અત્ તગાબુન
فَاتَّقُوا اللّٰهَ مَا اسْتَطَعْتُمْ وَاسْمَعُوْا وَاَطِیْعُوْا وَاَنْفِقُوْا خَیْرًا لِّاَنْفُسِكُمْ ؕ— وَمَنْ یُّوْقَ شُحَّ نَفْسِهٖ فَاُولٰٓىِٕكَ هُمُ الْمُفْلِحُوْنَ ۟
अतः अल्लाह से, उसके आदेशों का पालन करके और उसकी मना की हुई बातों से बचकर, डरते रहो, जितना तुम उसका आज्ञापालन करने में सक्षम हो। तथा अल्लाह एवं उसके रसूल की बात सुनो और उनका पालन करो और अल्लाह के दिए हुए धन को भलाई के रास्तों में खर्च करो। और जिसे अल्लाह उसके दिल की लालच (कंजूसी) से सुरक्षित रखे, दरअसल वही लोग अपनी मनोकांक्षा की पूर्ति में सफल होने वाले और उस चीज़ से मुक्ति पाने वाले हैं, जिससे वे डरते हैं।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• مهمة الرسل التبليغ عن الله، وأما الهداية فهي بيد الله.
• रसूलों का काम अल्लाह का संदेश पहुँचा देना है। रही बात राह पर लाने की तो वह अल्लाह के हाथ में है।

• الإيمان بالقدر سبب للطمأنينة والهداية.
• तक़दीर पर ईमान संतुष्टि और मार्गदर्शन का एक कारण है।

• التكليف في حدود المقدور للمكلَّف.
• बंदे पर केवल उतनी ही ज़िम्मेदारी डाली गई है जो उसके सामर्थ्य की सीमा के भीतर है।

• مضاعفة الثواب للمنفق في سبيل الله.
• अल्लाह के मार्ग में खर्च करने वाले के लिए सवाब को कई गुना कर दिया जाता है।

 
શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (16) સૂરહ: અત્ તગાબુન
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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