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કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - હિન્દી ભાષામાં અલ્ મુખતસર ફી તફસીરિલ્ કુરઆનીલ્ કરીમ કિતાબનું અનુવાદ * - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા


શબ્દોનું ભાષાંતર સૂરહ: અલ્ મુલ્ક   આયત:
وَاَسِرُّوْا قَوْلَكُمْ اَوِ اجْهَرُوْا بِهٖ ؕ— اِنَّهٗ عَلِیْمٌۢ بِذَاتِ الصُّدُوْرِ ۟
(ऐ लोगो) तुम अपनी बात छिपाओ या उसे प्रकट करो, अल्लाह उसे जानता है। निश्चय वह अपने बंदों के दिलों की बातों को भी जानता है, उसमें से कुछ भी उससे छिपा नहीं है।
અરબી તફસીરો:
اَلَا یَعْلَمُ مَنْ خَلَقَ ؕ— وَهُوَ اللَّطِیْفُ الْخَبِیْرُ ۟۠
क्या वह जिसने सभी प्राणियों को पैदा किया, वह भेद और भेद से भी अधिक छिपी चीज़ को नहीं जानेगा?! जबकि वह अपने बंदों के रहस्यों से अवगत, उनके मामलों की पूरी ख़बर रखने वाला है। उनमें से कुछ भी उससे छिपा नहीं है।
અરબી તફસીરો:
هُوَ الَّذِیْ جَعَلَ لَكُمُ الْاَرْضَ ذَلُوْلًا فَامْشُوْا فِیْ مَنَاكِبِهَا وَكُلُوْا مِنْ رِّزْقِهٖ ؕ— وَاِلَیْهِ النُّشُوْرُ ۟
वही है जिसने तुम्हारे लिए धरती को उसपर रहने के लिए नरम बनाया, तो तुम उसके विभिन्न क्षेत्रों में चलो-फिरो, और उसकी उस रोज़ी से खाओ, जो उसने उसमें तुम्हारे लिए तैयार की है, और अकेले उसी की ओर तुम्हें हिसाब और बदला के लिए जीवित होकर जाना है।
અરબી તફસીરો:
ءَاَمِنْتُمْ مَّنْ فِی السَّمَآءِ اَنْ یَّخْسِفَ بِكُمُ الْاَرْضَ فَاِذَا هِیَ تَمُوْرُ ۟ۙ
क्या तुम उस अल्लाह से निडर हो गए, जो आकाश में है कि वह इस धरती को तुम्हारे नीचे से फाड़ दे, जैसे कि क़ारून के नीचे से फाड़ दिया था, जबकि वह रहने के लिए नरम और अधीनस्थ थी, फिर वह अपनी स्थिरता के बाद अचानक तुम्हें लेकर काँपने लगे?!
અરબી તફસીરો:
اَمْ اَمِنْتُمْ مَّنْ فِی السَّمَآءِ اَنْ یُّرْسِلَ عَلَیْكُمْ حَاصِبًا ؕ— فَسَتَعْلَمُوْنَ كَیْفَ نَذِیْرِ ۟
क्या तुम उस अल्लाह से, जो आकाश में है, निडर हो गए हो कि वह तुमपर आकाश से पत्थर बरसा दे, जैसे लूत अलैहिस्सलाम की जाति पर बरसाया था?! फिर जब तुम मेरी यातना को देखोगे, तो तुम्हें मेरी चेतावनी का पता चल जाएगा, लेकिन यातना देख लेने के बाद तुम्हें इससे कोई फायदा नहीं होगा।
અરબી તફસીરો:
وَلَقَدْ كَذَّبَ الَّذِیْنَ مِنْ قَبْلِهِمْ فَكَیْفَ كَانَ نَكِیْرِ ۟
निःसंदेह इन मुश्रिकों से पहले के समुदायों ने भी झुठलाया है। जब उन्होंने अपने कुफ़्र और झुठलाने पर हठ किया, तो उनपर अल्लाह की यातना उतरी। तो उनके खिलाफ़ मेरा इनकार कैसा था?! निश्चय वह बहुत सख़्त इनकार था।
અરબી તફસીરો:
اَوَلَمْ یَرَوْا اِلَی الطَّیْرِ فَوْقَهُمْ صٰٓفّٰتٍ وَّیَقْبِضْنَ ؕۘؔ— مَا یُمْسِكُهُنَّ اِلَّا الرَّحْمٰنُ ؕ— اِنَّهٗ بِكُلِّ شَیْءٍ بَصِیْرٌ ۟
क्या इन झुठलाने वालों ने अपने ऊपर पक्षियों को उड़ते नहीं देखा, जो कभी हवा में अपने पंख फैलाते हैं और कभी उन्हें समेट लेते हैं। उन्हें ज़मीन पर गिरने से अल्लाह के अलावा कोई नहीं रोकता है। निश्चय वह हर चीज़ को देखने वाला है, उससे कोई भी चीज़ छिपी नहीं है।
અરબી તફસીરો:
اَمَّنْ هٰذَا الَّذِیْ هُوَ جُنْدٌ لَّكُمْ یَنْصُرُكُمْ مِّنْ دُوْنِ الرَّحْمٰنِ ؕ— اِنِ الْكٰفِرُوْنَ اِلَّا فِیْ غُرُوْرٍ ۟ۚ
यदि (ऐ काफ़िरो) अल्लाह तुम्हें यातना देना चाहे, तो तुम्हारे लिए कोई सेना नहीं है, जो तुम्हें उसकी यातना से बचा सके। काफ़िर लोग तो मात्र धोखे में पड़े हुए हैं। शैतान ने उन्हें धोखा दिया, तो वे उसके धोखे में पड़ गए।
અરબી તફસીરો:
اَمَّنْ هٰذَا الَّذِیْ یَرْزُقُكُمْ اِنْ اَمْسَكَ رِزْقَهٗ ۚ— بَلْ لَّجُّوْا فِیْ عُتُوٍّ وَّنُفُوْرٍ ۟
यदि अल्लाह अपनी जीविका को तुम्हारे पास तक पहुँचने से रोक ले, तो तुम्हें कोई भी जीविका प्रदान नहीं कर सकता। बल्कि, निष्कर्ष यह है कि काफ़िर लोग अपने हठ और अहंकार, तथा सच्चाई से उपेक्षा में बहुत दूर चले गए हैं।
અરબી તફસીરો:
اَفَمَنْ یَّمْشِیْ مُكِبًّا عَلٰی وَجْهِهٖۤ اَهْدٰۤی اَمَّنْ یَّمْشِیْ سَوِیًّا عَلٰی صِرَاطٍ مُّسْتَقِیْمٍ ۟
क्या वह व्यक्ति जो अपने चेहरे के बल औंधा होकर चलता है - और वह बहुदेववादी है -, अधिक सीधी राह पर है या वह मोमिन, जो सीधे रास्ते पर सीधा होकर चलता है?!
અરબી તફસીરો:
قُلْ هُوَ الَّذِیْۤ اَنْشَاَكُمْ وَجَعَلَ لَكُمُ السَّمْعَ وَالْاَبْصَارَ وَالْاَفْـِٕدَةَ ؕ— قَلِیْلًا مَّا تَشْكُرُوْنَ ۟
आप (ऐ रसूल) इन झुठलाने वाले मुश्रिकों से कह दें : अल्लाह ही ने तुम्हें पैदा किया, और तुम्हारे लिए कान बनाए जिनसे तुम सुनते हो, और आँखें बनाईं जिनसे तुम देखते हो और दिल बनाए जिनसे तुम समझते हो। तुम अल्लाह का उसकी प्रदान की हुई नेमतों पर बहुत कम शुक्रिया अदा करते हो।
અરબી તફસીરો:
قُلْ هُوَ الَّذِیْ ذَرَاَكُمْ فِی الْاَرْضِ وَاِلَیْهِ تُحْشَرُوْنَ ۟
आप (ऐ रसूल) इन झुठलाने वाले मुश्रिकों से कह दें : अल्लाह ही है, जिसने तुम्हें धरती में फैलाया, न कि तुम्हारी मूर्तियाँ, जो कुछ भी पैदा नहीं कर सकतीं। तथा क़ियामत के दिन तुम अकेले उसी के पास हिसाब और बदले के लिए एकत्र किए जाओगे, न कि अपनी मूर्तियों के पास। अतः उसी से डरो और अकेले उसी की इबादत करो।
અરબી તફસીરો:
وَیَقُوْلُوْنَ مَتٰی هٰذَا الْوَعْدُ اِنْ كُنْتُمْ صٰدِقِیْنَ ۟
तथा मरने के बाद पुनर्जीवित कर उठाए जाने का इनकार करने वाले, पुनर्जीवन को असंभव समझते हुए कहते हैं : यह वादा कब पूरा होगा, जिसका (ऐ मुहम्मद) तुम और तुम्हारे साथी हमें वचन दे रहे हैं, यदि तुम अपने इस दावे में सच्चे हो कि वह आकर ही रहेगा?!
અરબી તફસીરો:
قُلْ اِنَّمَا الْعِلْمُ عِنْدَ اللّٰهِ ۪— وَاِنَّمَاۤ اَنَا نَذِیْرٌ مُّبِیْنٌ ۟
(ऐ रसूल) आप कह दें : क़ियामत की जानकारी केवल अल्लाह के पास है। वह कब आएगी, उसके सिवा कोई नहीं जानता। और मैं तो केवल तुम्हें स्पष्ट तौर पर डराने वाला हूँ।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• اطلاع الله على ما تخفيه صدور عباده.
• अल्लाह अपने बंदों के दिलों की छिपाई हुई बातों को जानता है।

• الكفر والمعاصي من أسباب حصول عذاب الله في الدنيا والآخرة.
• कुफ़्र और पाप दुनिया एवं आख़िरत में अल्लाह की यातना के कारणों में से हैं।

• الكفر بالله ظلمة وحيرة، والإيمان به نور وهداية.
• अल्लाह का इनकार करना अंधकार और भ्रम है, जबकि उसपर ईमान रखना प्रकाश और मार्गदर्शन है।

 
શબ્દોનું ભાષાંતર સૂરહ: અલ્ મુલ્ક
સૂરહ માટે અનુક્રમણિકા પેજ નંબર
 
કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - હિન્દી ભાષામાં અલ્ મુખતસર ફી તફસીરિલ્ કુરઆનીલ્ કરીમ કિતાબનું અનુવાદ - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા

તફસીર લિદ્ દિરાસતીલ્ કુરઆનિયહ કેન્દ્ર દ્વારા પ્રકાશિત.

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