કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા


શબ્દોનું ભાષાંતર સૂરહ: અલ્ હાકકહ   આયત:

सूरा अल्-ह़ाक़्क़ा

સૂરતના હેતુઓ માંથી:
إثبات أن وقوع القيامة والجزاء فيها حقٌّ لا ريب فيه.
यह साबित करना कि क़ियामत का घटित होना और उसमें बदला दिया जाना सत्य है, जिसमें कोई संदेह नहीं है।

اَلْحَآقَّةُ ۟ۙ
अल्लाह मरणोपरांत दोबारा जीवित होकर उठने की घड़ी का उल्लेख कर हा है, जो सभी लोगों पर घटित होगी।
અરબી તફસીરો:
مَا الْحَآقَّةُ ۟ۚ
फिर अल्लाह इस सवाल के द्वारा उसकी महानता और गंभीरता का वर्णन कर रहा है कि : वह होकर रहने वाली क्या चीज़ है?
અરબી તફસીરો:
وَمَاۤ اَدْرٰىكَ مَا الْحَآقَّةُ ۟ؕ
और आपको किस चीज़ ने ज्ञात कराया कि यह होकर रहने वाली क्या है?
અરબી તફસીરો:
كَذَّبَتْ ثَمُوْدُ وَعَادٌ بِالْقَارِعَةِ ۟
सालेह अलैहिस्सलाम की जाति समूद और हूद अलैहिस्सलाम की जाति आद ने उस क़ियामत को झुठलाया, जो अपनी भयावहता की तीव्रता से लोगों (के दिलों) को खड़खड़ा (दहला) देगी।
અરબી તફસીરો:
فَاَمَّا ثَمُوْدُ فَاُهْلِكُوْا بِالطَّاغِیَةِ ۟
जहाँ तक समूद के लोगों की बात है, तो अल्लाह ने उन्हें ऐसी आवाज़ से नष्ट कर दिया, जो तीव्रता और भयावहता में अंत को पहुँच गई थी।
અરબી તફસીરો:
وَاَمَّا عَادٌ فَاُهْلِكُوْا بِرِیْحٍ صَرْصَرٍ عَاتِیَةٍ ۟ۙ
और रही बात आद समुदाय की, तो अल्लाह ने उन्हें बड़ी ठंडी और प्रचंड आँधी से विनष्ट कर दिया।
અરબી તફસીરો:
سَخَّرَهَا عَلَیْهِمْ سَبْعَ لَیَالٍ وَّثَمٰنِیَةَ اَیَّامٍ ۙ— حُسُوْمًا فَتَرَی الْقَوْمَ فِیْهَا صَرْعٰی ۙ— كَاَنَّهُمْ اَعْجَازُ نَخْلٍ خَاوِیَةٍ ۟ۚ
अल्लाह ने उसे उनपर सात रातों और आठ दिनों की अवधि के लिए भेज दिया, जो उन्हें जड़ से विनष्ट कर रही थी। चुनाँचे आप उन्हें उनके घरों में मृत ज़मीन पर पड़े हुए देखते, गोया कि वे विनष्ट किए जाने के बाद धरती पर गिरे हुए खजूरों के जर्जर तने हों।
અરબી તફસીરો:
فَهَلْ تَرٰی لَهُمْ مِّنْ بَاقِیَةٍ ۟
तो क्या उनके इस यातना से पीड़ित होने के बाद आपको उनमें से कोई भी प्राणी बाक़ी दिखाई देता है?!
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• الصبر خلق محمود لازم للدعاة وغيرهم.
• धैर्य एक प्रशंसनीय चरित्र है, जो अल्लाह की ओर बुलाने वालों तथा अन्य लोगों के लिए आवश्यक है।

• التوبة تَجُبُّ ما قبلها وهي من أسباب اصطفاء الله للعبد وجعله من عباده الصالحين.
• तौबा पहले के गुनाहों को मिटा देती है, तथा यह अल्लाह के बंदे को चुन लेने और उसे अपने सदाचारी बंदों में से बनाने के कारणों में से है।

• تنوّع ما يرسله الله على الكفار والعصاة من عذاب دلالة على كمال قدرته وكمال عدله.
• अल्लाह काफ़िरों और अवज्ञाकारियों पर जो यातना भेजता है, उसकी विविधता, उसकी पूर्ण शक्ति और उसके पूर्ण न्याय का संकेत है।

وَجَآءَ فِرْعَوْنُ وَمَنْ قَبْلَهٗ وَالْمُؤْتَفِكٰتُ بِالْخَاطِئَةِ ۟ۚ
फ़िरऔन और उससे पहले के समुदायों और ऊपर-नीचे उलटकर यातना दी जाने वाली बस्तियों अर्थात लूत अलैहिस्सलाम की जाति के लोगों ने शिर्क एवं अवज्ञा जैसे गलत कार्य किए।
અરબી તફસીરો:
فَعَصَوْا رَسُوْلَ رَبِّهِمْ فَاَخَذَهُمْ اَخْذَةً رَّابِیَةً ۟
चुनाँचे उनमें से प्रत्येक ने अपने रसूल की अवज्ञा की और उसे झुठलाया, तो अल्लाह ने उनकी उससे कहीं अधिक पकड़ की, जो उनके विनाश के लिए काफ़ी थी।
અરબી તફસીરો:
اِنَّا لَمَّا طَغَا الْمَآءُ حَمَلْنٰكُمْ فِی الْجَارِیَةِ ۟ۙ
जब पानी ऊंचाई में अपनी सीमा से ऊपर बढ़ गया, तो हमने उन लोगों को, जिनकी पुश्त में तुम थे, उस बहती नाव में सवार किया, जिसे नूह अलैहिस्सलाम ने हमारे आदेश से बनाया था। तो इस तरह यह तुम्हें सवार करना था।
અરબી તફસીરો:
لِنَجْعَلَهَا لَكُمْ تَذْكِرَةً وَّتَعِیَهَاۤ اُذُنٌ وَّاعِیَةٌ ۟
ताकि हम नाव और उसकी कहानी को एक उपदेश बना दें, जिससे काफ़िरों को नष्ट करने और ईमान वालों को मुक्ति प्रदान करने पर प्रमाण ग्रहण किया जाए और उसे ऐसे कान याद रखें जो सुनी हुई बातों को याद रखने वाले हैं।
અરબી તફસીરો:
فَاِذَا نُفِخَ فِی الصُّوْرِ نَفْخَةٌ وَّاحِدَةٌ ۟ۙ
फिर जब सूर में फूँक मारने पर नियुक्त फ़रिश्ता एक फूँक मारेगा, और यह दूसरी बार फूँक मारना है।
અરબી તફસીરો:
وَّحُمِلَتِ الْاَرْضُ وَالْجِبَالُ فَدُكَّتَا دَكَّةً وَّاحِدَةً ۟ۙ
और धरती तथा पहाड़ों को उठाया जाएगा और दोनों को एक ही बार इस ज़ोर से टकराया जाएगा कि धरती के हिस्से तथा उसके पहाड़ों के हिस्से अलग-अलग हो जाएँगे।
અરબી તફસીરો:
فَیَوْمَىِٕذٍ وَّقَعَتِ الْوَاقِعَةُ ۟ۙ
जिस दिन यह सब कुछ होगा, उस दिन क़ियामत आ जाएगी।
અરબી તફસીરો:
وَانْشَقَّتِ السَّمَآءُ فَهِیَ یَوْمَىِٕذٍ وَّاهِیَةٌ ۟ۙ
और उस दिन आसमान फट जाएगा, ताकि उससे फ़रिश्ते उतर सकें। तो उस दिन वह कमज़ोर होगा, जबकि वह पहले मज़बूत और सुसंगत था।
અરબી તફસીરો:
وَّالْمَلَكُ عَلٰۤی اَرْجَآىِٕهَا ؕ— وَیَحْمِلُ عَرْشَ رَبِّكَ فَوْقَهُمْ یَوْمَىِٕذٍ ثَمٰنِیَةٌ ۟ؕ
और फ़रिश्ते उसके किनारों पर होंगे, तथा उस महान दिन में आठ निकटवर्ती फ़रिश्ते आपके पालनहार के अर्श को उठाए हुए होंगे।
અરબી તફસીરો:
یَوْمَىِٕذٍ تُعْرَضُوْنَ لَا تَخْفٰی مِنْكُمْ خَافِیَةٌ ۟
उस दिन तुम (ऐ लोगो) अल्लाह के सामने पेश किए जाओगे। तुम्हारी कोई गुप्त बात अल्लाह से छिपी नहीं रहेगी। बल्कि अल्लाह उसके बारे में जानने वाला, उससे अवगत होगा।
અરબી તફસીરો:
فَاَمَّا مَنْ اُوْتِیَ كِتٰبَهٗ بِیَمِیْنِهٖ فَیَقُوْلُ هَآؤُمُ اقْرَءُوْا كِتٰبِیَهْ ۟ۚ
फिर रहा वह व्यक्ति, जिसे उसके कर्मों की किताब उसके दाएँ हाथ में दी गई, तो वह खुशी और प्रसन्नता से कहेगा : लो, मेरे कर्मों की किताब पढ़ो।
અરબી તફસીરો:
اِنِّیْ ظَنَنْتُ اَنِّیْ مُلٰقٍ حِسَابِیَهْ ۟ۚ
मैं दुनिया में जानता था और मुझे यक़ीन था कि मैं मरने के बाद पुनर्जीवित कर उठाया जाने वाला हूँ और अपना प्रतिफल पाने वाला हूँ।
અરબી તફસીરો:
فَهُوَ فِیْ عِیْشَةٍ رَّاضِیَةٍ ۟ۙ
अतः वह सुखमय और संतोषजनक जीवन में होगा, क्योंकि उसे स्थायी आनंद दिखाई देगा।
અરબી તફસીરો:
فِیْ جَنَّةٍ عَالِیَةٍ ۟ۙ
उच्च स्थान एवं प्रतिष्ठा वाली जन्नत में होगा।
અરબી તફસીરો:
قُطُوْفُهَا دَانِیَةٌ ۟
जिसके फल, उन्हें खाने वाले से बिल्कुल क़रीब होंगे।
અરબી તફસીરો:
كُلُوْا وَاشْرَبُوْا هَنِیْٓـًٔا بِمَاۤ اَسْلَفْتُمْ فِی الْاَیَّامِ الْخَالِیَةِ ۟
उनके सम्मान में कहा जाएगा : तुमने दुनिया में बीते हुए दिनों में जो अच्छे कर्म करके आगे भेजे थे, उसके बदले में, बिना किसी नुक़सान के खाओ और पियो।
અરબી તફસીરો:
وَاَمَّا مَنْ اُوْتِیَ كِتٰبَهٗ بِشِمَالِهٖ ۙ۬— فَیَقُوْلُ یٰلَیْتَنِیْ لَمْ اُوْتَ كِتٰبِیَهْ ۟ۚ
और रहा वह व्यक्ति, जिसे उसका कर्म-पत्र उसके बाएँ हाथ में दिया गया, तो वह पछतावे की तीव्रता से कहेगा : ऐ काश! मुझे मेरा कर्म-पत्र न दिया जाता, क्योंकि उसमें ऐसे बुरे कार्य हैं, जो मुझे यातना का पात्र बनाते हैं।
અરબી તફસીરો:
وَلَمْ اَدْرِ مَا حِسَابِیَهْ ۟ۚ
और काश मैं अपने हिसाब के बारे में कुछ न जानता।
અરબી તફસીરો:
یٰلَیْتَهَا كَانَتِ الْقَاضِیَةَ ۟ۚ
ऐ काश कि वह मौत जो मुझे आई थी, ऐसी मौत होती जिसके बाद मैं कभी उठाया न जाता।
અરબી તફસીરો:
مَاۤ اَغْنٰی عَنِّیْ مَالِیَهْ ۟ۚ
मेरा धन मुझसे अल्लाह की यातना को कुछ भी न टाल सका।
અરબી તફસીરો:
هَلَكَ عَنِّیْ سُلْطٰنِیَهْ ۟ۚ
मेरा तर्क और वह शक्ति एवं वैभव जिनपर मैं भरोसा किया करता था, सब कुछ मुझसे जाता रहा।
અરબી તફસીરો:
خُذُوْهُ فَغُلُّوْهُ ۟ۙ
और कहा जाएगा : (ऐ फ़रिश्तो) उसे पकड़ो और उसके हाथों को उसकी गरदन के साथ जकड़ दो।
અરબી તફસીરો:
ثُمَّ الْجَحِیْمَ صَلُّوْهُ ۟ۙ
फिर उसे आग में डाल दो, ताकि उसकी गर्मी झेलता रहे।
અરબી તફસીરો:
ثُمَّ فِیْ سِلْسِلَةٍ ذَرْعُهَا سَبْعُوْنَ ذِرَاعًا فَاسْلُكُوْهُ ۟ؕ
फिर उसे एक ऐसी ज़ंजीर में दाख़िल कर दो, जिसकी लंबाई सत्तर गज़ है।
અરબી તફસીરો:
اِنَّهٗ كَانَ لَا یُؤْمِنُ بِاللّٰهِ الْعَظِیْمِ ۟ۙ
निश्चय वह सबसे महान अल्लाह पर ईमान नहीं रखता था।
અરબી તફસીરો:
وَلَا یَحُضُّ عَلٰی طَعَامِ الْمِسْكِیْنِ ۟ؕ
और दूसरों को ग़रीब को खाना खिलाने के लिए प्रोत्साहित नहीं करता था।
અરબી તફસીરો:
فَلَیْسَ لَهُ الْیَوْمَ هٰهُنَا حَمِیْمٌ ۟ۙ
अतः क़ियामत के दिन उसका कोई क़रीबी (रिश्तेदार) नहीं है, जो उससे यातना को टाल सके।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• المِنَّة التي على الوالد مِنَّة على الولد تستوجب الشكر.
• पिता पर उपकार संतान पर भी उपकार है, जो धन्यवाद का पात्र है।

• إطعام الفقير والحض عليه من أسباب الوقاية من عذاب النار.
• निर्धन को खाना खिलाना और उसके लिए प्रोत्साहित करना, आग की यातना से बचाव के कारणों में से है।

• شدة عذاب يوم القيامة تستوجب التوقي منه بالإيمان والعمل الصالح.
• क़ियामत के दिन की यातना की गंभीरता इस बात की अपेक्षा करती है कि ईमान और सत्कर्म के द्वारा उससे बचा जाए।

وَّلَا طَعَامٌ اِلَّا مِنْ غِسْلِیْنٍ ۟ۙ
और उसके खाने के लिए जहन्नमियों के शरीर से निकले हुए पीप के सिवा कोई भोजन नहीं है।
અરબી તફસીરો:
لَّا یَاْكُلُهٗۤ اِلَّا الْخَاطِـُٔوْنَ ۟۠
यह भोजन केवल वही लोग खाते हैं, जो गुनहगार और पापी हैं।
અરબી તફસીરો:
فَلَاۤ اُقْسِمُ بِمَا تُبْصِرُوْنَ ۟ۙ
अल्लाह ने उन चीज़ों की क़सम खाई है, जिन्हें तुम देखते हो।
અરબી તફસીરો:
وَمَا لَا تُبْصِرُوْنَ ۟ۙ
और उन चीज़ों की भी क़सम खाई है, जिन्हें तुम नहीं देखते हो।
અરબી તફસીરો:
اِنَّهٗ لَقَوْلُ رَسُوْلٍ كَرِیْمٍ ۟ۚۙ
निःसंदेह क़ुरआन अल्लाह की वाणी है, जिसे लोगों के सामने उसका सम्मानित रसूल पढ़कर सुनाता है।
અરબી તફસીરો:
وَّمَا هُوَ بِقَوْلِ شَاعِرٍ ؕ— قَلِیْلًا مَّا تُؤْمِنُوْنَ ۟ۙ
यह किसी कवि की वाणी नहीं है। क्योंकि यह कविता के रूप में नहीं है। तुम बहुत कम ईमान लाते हो।
અરબી તફસીરો:
وَلَا بِقَوْلِ كَاهِنٍ ؕ— قَلِیْلًا مَّا تَذَكَّرُوْنَ ۟ؕ
यह किसी काहिन की भी वाणी नहीं है। क्योंकि काहिनों की बात इस क़ुरआन से बिलकुल अलग होती है। तुम बहुत कम शिक्षा ग्रहण करते हो।
અરબી તફસીરો:
تَنْزِیْلٌ مِّنْ رَّبِّ الْعٰلَمِیْنَ ۟
बल्कि यह सभी प्राणियों के पालनहार की ओर से उतारा हुआ है।
અરબી તફસીરો:
وَلَوْ تَقَوَّلَ عَلَیْنَا بَعْضَ الْاَقَاوِیْلِ ۟ۙ
और यदि मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) हमपर कोई ऐसी बात गढ़कर लगा देते, जो हमने नहीं कही है।
અરબી તફસીરો:
لَاَخَذْنَا مِنْهُ بِالْیَمِیْنِ ۟ۙ
तो निश्चय हम उससे बदला लेते और उसे शक्ति और क्षमता के साथ पकड़ लेते।
અરબી તફસીરો:
ثُمَّ لَقَطَعْنَا مِنْهُ الْوَتِیْنَ ۟ؗۖ
फिर निश्चय हम उसकी दिल से मिली हुई नस काट देते।
અરબી તફસીરો:
فَمَا مِنْكُمْ مِّنْ اَحَدٍ عَنْهُ حٰجِزِیْنَ ۟
फिर तुममें से कोई भी हमें उससे रोक नहीं सकता। इसलिए उसका तुम्हारी ख़ातिर हमपर कोई बात गढ़कर लगाना बहुत दूर की बात है।
અરબી તફસીરો:
وَاِنَّهٗ لَتَذْكِرَةٌ لِّلْمُتَّقِیْنَ ۟
निःसंदेह क़ुरआन उन लोगों के लिए निश्चय एक उपदेश है, जो अपने पालनहार से, उसके आदेशों का पालन करके और उसकी मना की हुई चीज़ों से बचकर, डरने वाले हैं।
અરબી તફસીરો:
وَاِنَّا لَنَعْلَمُ اَنَّ مِنْكُمْ مُّكَذِّبِیْنَ ۟
और निःसंदेह हम भली-भाँति जानते हैं कि तुम्हारे अंदर कुछ लोग ऐसे हैं, जो इस क़ुरआन को झुठलाते हैं।
અરબી તફસીરો:
وَاِنَّهٗ لَحَسْرَةٌ عَلَی الْكٰفِرِیْنَ ۟
और निःसंदेह क़ुरआन को झुठलाना निश्चित रूप से क़ियामत के दिन बड़े पछतावे का कारण होगा।
અરબી તફસીરો:
وَاِنَّهٗ لَحَقُّ الْیَقِیْنِ ۟
और निःसंदेह क़ुरआन बिलकुल विश्वसनीय सत्य है, जिसके अल्लाह की ओर से होने में कोई शक एवं संदेह नहीं है।
અરબી તફસીરો:
فَسَبِّحْ بِاسْمِ رَبِّكَ الْعَظِیْمِ ۟۠
तो (ऐ रसूल) आप अपने पालनहार को उस चीज़ से पवित्र ठहराएँ, जो उसके योग्य नहीं है। और अपने महान पालनहार के नाम का जप करें।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• تنزيه القرآن عن الشعر والكهانة.
• क़ुरआन न तो शेर है, न काहिन की बात।

• خطر التَّقَوُّل على الله والافتراء عليه سبحانه.
• अल्लाह पर कोई बात गढ़ने और उसपर मिथ्यारोपण करने का खतरा।

• الصبر الجميل الذي يحتسب فيه الأجر من الله ولا يُشكى لغيره.
• 'अच्छा धैर्य' वह धैर्य है, जिसमें अल्लाह से बदले की उम्मीद रखी जाए और उसके सिवा किसी अन्य के सामने शिकायत न की जाए।

 
શબ્દોનું ભાષાંતર સૂરહ: અલ્ હાકકહ
સૂરહ માટે અનુક્રમણિકા પેજ નંબર
 
કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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