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કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - હિન્દી ભાષામાં અલ્ મુખતસર ફી તફસીરિલ્ કુરઆનીલ્ કરીમ કિતાબનું અનુવાદ * - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા


શબ્દોનું ભાષાંતર સૂરહ: અલ્ અઅરાફ   આયત:
اُبَلِّغُكُمْ رِسٰلٰتِ رَبِّیْ وَاَنَا لَكُمْ نَاصِحٌ اَمِیْنٌ ۟
मैं तुम्हें अल्लाह की वह तौहीद (एकेश्वरवाद) और उसकी शरीयत पहुँचाता हूँ, जिसका उसने मुझे तुमको पहुँचाने का आदेश दिया है, तथा जो मुझे पहुँचाने का आदेश दिया गया है, उसमें मैं तुम्हारा विश्वस्त हितैषी हूँ, न तो उसमें कुछ वृद्धि करता हूँ और न ही उसमें कमी करता हूँ।
અરબી તફસીરો:
اَوَعَجِبْتُمْ اَنْ جَآءَكُمْ ذِكْرٌ مِّنْ رَّبِّكُمْ عَلٰی رَجُلٍ مِّنْكُمْ لِیُنْذِرَكُمْ ؕ— وَاذْكُرُوْۤا اِذْ جَعَلَكُمْ خُلَفَآءَ مِنْ بَعْدِ قَوْمِ نُوْحٍ وَّزَادَكُمْ فِی الْخَلْقِ بَصْۜطَةً ۚ— فَاذْكُرُوْۤا اٰلَآءَ اللّٰهِ لَعَلَّكُمْ تُفْلِحُوْنَ ۟
क्या तुम्हें इस बात पर आश्चर्य हो रहा है कि तुम्हारे पास तुम्हारे पालनहार की ओर से एक ऐसे व्यक्ति के माध्यम से सदुपदेश आया जो तुम्हारी ही जाति में से है, फ़रिश्तों या जिन्नो की जाति से नहीं है, ताकि वह तुम्हें सचेत करे?! तुम अपने पालनहार की स्तुति करो और उसका शुक्र अदा करो कि उसने तुम्हें धरती में प्रभुत्व प्रदान किया और तुम्हें नूह की जाति का उत्तराधिकारी बनाया, जिन्हें अल्लाह ने उनके कुफ़्र के कारण नष्ट कर दिया था। तथा अल्लाह का शुक्र अदा करो कि उसने तुम्हें भारी-भरकम डील-डौल और शक्ति-बल प्रदान की, और अपने ऊपर अल्लाह की विशाल नेमतों को याद करो, इस आशा में कि तुम अपनी वांछित चीज़ को प्राप्त कर सको और उस चीज़ से बच सको जिससे तुम डरते हो।
અરબી તફસીરો:
قَالُوْۤا اَجِئْتَنَا لِنَعْبُدَ اللّٰهَ وَحْدَهٗ وَنَذَرَ مَا كَانَ یَعْبُدُ اٰبَآؤُنَا ۚ— فَاْتِنَا بِمَا تَعِدُنَاۤ اِنْ كُنْتَ مِنَ الصّٰدِقِیْنَ ۟
उनकी जाति के लोगों ने उनसे कहा : (ऐ हूद!) क्या तुम हमारे पास इसलिए आए हो कि हमें अकेले अल्लाह की इबादत का आदेश दो, और ताकि हम उन्हें छोड़ दें जिनकी पूजा हमारे बाप-दादा करते थे?! तो हमपर वह अज़ाब ले आओ जिसकी तुम हमें धमकी देते हो, यदि तुम अपने दावे में सच्चे हो।
અરબી તફસીરો:
قَالَ قَدْ وَقَعَ عَلَیْكُمْ مِّنْ رَّبِّكُمْ رِجْسٌ وَّغَضَبٌ ؕ— اَتُجَادِلُوْنَنِیْ فِیْۤ اَسْمَآءٍ سَمَّیْتُمُوْهَاۤ اَنْتُمْ وَاٰبَآؤُكُمْ مَّا نَزَّلَ اللّٰهُ بِهَا مِنْ سُلْطٰنٍ ؕ— فَانْتَظِرُوْۤا اِنِّیْ مَعَكُمْ مِّنَ الْمُنْتَظِرِیْنَ ۟
हूद अलैहिस्सलाम ने उन्हें उत्तर देते हुए कहा : निश्चय तुम अल्लाह की यातना और प्रकोप के हक़दार बन चुके हो, इसलिए वह निश्चित रूप से तुमपर टूट पड़ने वाला है। क्या तुम मुझसे उन मूर्तियों के बारे में बहस करते हो, जिन्हें तुमने और तुम्हारे बाप-दादा ने पूज्य का नाम दे दिया है, जबकि उनकी कोई वास्तविकता नहीं है?! क्योंकि अल्लाह ने कोई प्रमाण नहीं उतारा है, जिसे तुम इनके पूज्य होने के अपने दावे पर तर्क बना सको। अतः जिस यातना को जल्दी लाने की तुमने माँग की है, उसकी प्रतीक्षा करो, मैं भी तुम्हारे साथ प्रतीक्षा करने वालों में से हूँ। क्योंकि उसे तो आना ही है।
અરબી તફસીરો:
فَاَنْجَیْنٰهُ وَالَّذِیْنَ مَعَهٗ بِرَحْمَةٍ مِّنَّا وَقَطَعْنَا دَابِرَ الَّذِیْنَ كَذَّبُوْا بِاٰیٰتِنَا وَمَا كَانُوْا مُؤْمِنِیْنَ ۟۠
अंततः हमने हूद - अलैहिस्सलाम - तथा उनके साथ जो मोमिन थे, उन्हें अपनी दया से बचा लिया और उन लोगों को नष्ट कर दिया, जिन्होंने हमारी आयतों को झुठलाया। वे ईमान वाले न थे, बल्कि वे झुठलाने वाले थे। इस कारण वे यातना के भागी थे।
અરબી તફસીરો:
وَاِلٰی ثَمُوْدَ اَخَاهُمْ صٰلِحًا ۘ— قَالَ یٰقَوْمِ اعْبُدُوا اللّٰهَ مَا لَكُمْ مِّنْ اِلٰهٍ غَیْرُهٗ ؕ— قَدْ جَآءَتْكُمْ بَیِّنَةٌ مِّنْ رَّبِّكُمْ ؕ— هٰذِهٖ نَاقَةُ اللّٰهِ لَكُمْ اٰیَةً فَذَرُوْهَا تَاْكُلْ فِیْۤ اَرْضِ اللّٰهِ وَلَا تَمَسُّوْهَا بِسُوْٓءٍ فَیَاْخُذَكُمْ عَذَابٌ اَلِیْمٌ ۟
और हमने 'समूद' के गोत्र की ओर उनके भाई सालेह - अलैहिस्सलाम - को भेजा, कि वह उन्हें अल्लाह की तौहीद (एकेश्वरवाद) और उसकी इबादत की ओर बुलाएँ। सालेह ने उनसे कहा : ऐ मेरी क़ौम के लोगो! केवल अल्लाह की इबादत करो। क्योंकि तुम्हारे लिए उसके सिवा कोई पूज्य नहीं, जो इबादत के योग्य हो। तुम्हारे पास अल्लाह की ओर से उस चीज़ की सच्चाई पर स्पष्ट निशानी आ चुकी है, जो कुछ मैं तुम्हारे पास लेकर आया हूँ, जो एक चट्टान से निकलने वाली एक ऊँटनी के रूप में है। उसके पानी पीने का एक समय निर्धारित है और तुम्हारे पीने का भी एक ज्ञात दिन है। अतः उसे अल्लाह की भूमि में खाने के लिए छोड़ दो, क्योंकि तुमपर इसके भोजन में से किसी चीज़ की ज़िम्मेदारी नहीं है, तथा उसे कोई नुक़सान न पहुँचाओ। क्योंकि उसे नुक़सान पहुँचाने के कारण तुम्हें दर्दनाक यातना का सामना करना पड़ेगा।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• ينبغي التّحلّي بالصبر في الدعوة إلى الله تأسيًا بالأنبياء عليهم السلام.
• नबियों के आदर्श का पालन करते हुए अल्लाह की ओर बुलाने के क्रम में धैर्य (सब्र) से सुसज्जित होना चाहिए।

• من أولويات الدعوة إلى الله الدعوة إلى عبادة الله وحده لا شريك له، ورفض الإشراك به ونبذه.
• अल्लाह की ओर बुलाने की प्राथमिकताओं में से यह है कि अकेले अल्लाह की इबादत करने तथा उसके साथ शिर्क करना त्यागने की ओर बुलाया जाए।

• الاغترار بالقوة المادية والجسدية يصرف صاحبها عن الاستجابة لأوامر الله ونواهيه.
• भौतिक तथा शारीरिक शक्ति के धोखे में आना आदमी को अल्लाह के आदेशों और निषेधों का जवाब देने से फेर देता है।

• النبي يكون من جنس قومه، لكنه من أشرفهم نسبًا، وأفضلهم حسبًا، وأكرمهم مَعْشرًا، وأرفعهم خُلُقًا.
• नबी अपनी ही जाति के वर्ग से होता है, लेकिन वह वंश में उनमें सबसे प्रतिष्ठित, उनमें सबसे कुलीन, संगति में उनमें सबसे सम्मानित, और चरित्र में उनमें सबसे ऊँचा होता है।

• الأنبياء وورثتهم يقابلون السّفهاء بالحِلم، ويغضُّون عن قول السّوء بالصّفح والعفو والمغفرة.
• नबी तथा उनके वारिस मूर्खों के साथ सहनशीलता से काम लेते हैं तथा दरगुज़र, माफ़ी और क्षमा का प्रदर्शन करते हुए बुरी बात कहने से उपेक्षा करते हैं।

 
શબ્દોનું ભાષાંતર સૂરહ: અલ્ અઅરાફ
સૂરહ માટે અનુક્રમણિકા પેજ નંબર
 
કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - હિન્દી ભાષામાં અલ્ મુખતસર ફી તફસીરિલ્ કુરઆનીલ્ કરીમ કિતાબનું અનુવાદ - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા

તફસીર લિદ્ દિરાસતીલ્ કુરઆનિયહ કેન્દ્ર દ્વારા પ્રકાશિત.

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