કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા


શબ્દોનું ભાષાંતર સૂરહ: અલ્ મુદષષિર   આયત:

सूरा अल्-मुद्दस्सिर

સૂરતના હેતુઓ માંથી:
الأمر بالاجتهاد في دعوة المكذبين، وإنذارهم بالآخرة والقرآن.
झुठलाने वालों को अल्लाह की ओर बुलाने में परिश्रम करने, तथा उन्हें आख़िरत और क़ुरआन के द्वारा चेतावनी देने का आदेश।

یٰۤاَیُّهَا الْمُدَّثِّرُ ۟ۙ
ऐ कपड़े में लिपटने वाले! (अर्थात नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम)
અરબી તફસીરો:
قُمْ فَاَنْذِرْ ۟ۙ
उठ खड़े हो और अल्लाह की यातना से डराओ।
અરબી તફસીરો:
وَرَبَّكَ فَكَبِّرْ ۟ۙ
और केवल अपने रब की बड़ाई बयान करो।
અરબી તફસીરો:
وَثِیَابَكَ فَطَهِّرْ ۟ۙ
और अपने आपको गुनाहों से तथा अपने कपड़े को गंदगियों से पवित्र रखो।
અરબી તફસીરો:
وَالرُّجْزَ فَاهْجُرْ ۟ۙ
और मूर्तियों की पूजा से दूर रहो।
અરબી તફસીરો:
وَلَا تَمْنُنْ تَسْتَكْثِرُ ۟ۙ
और अपने अच्छे कार्यों को अधिक समझकर अपने रब पर उपकार न जताओ।
અરબી તફસીરો:
وَلِرَبِّكَ فَاصْبِرْ ۟ؕ
तथा अपको जिन तकलीफ़ों का सामना होता है, उनपर अल्लाह ही के लिए धैर्य रखो।
અરબી તફસીરો:
فَاِذَا نُقِرَ فِی النَّاقُوْرِ ۟ۙ
फिर जब सूर में दूसरी बार फूँक मारी जाएगी।
અરબી તફસીરો:
فَذٰلِكَ یَوْمَىِٕذٍ یَّوْمٌ عَسِیْرٌ ۟ۙ
तो वह दिन बड़ा कठिन दिन होगा।
અરબી તફસીરો:
عَلَی الْكٰفِرِیْنَ غَیْرُ یَسِیْرٍ ۟
अल्लाह का और उसके रसूलों का इनकार करने वालों पर आसान न होगा।
અરબી તફસીરો:
ذَرْنِیْ وَمَنْ خَلَقْتُ وَحِیْدًا ۟ۙ
(ऐ रसूल) मुझे और उस व्यक्ति को छोड़ दें, जिसे मैंने, बिना धन या संतान के, उसकी माँ के गर्भ में अकेला पैदा किया। (वह वलीद बिन मुग़ीरा है।)
અરબી તફસીરો:
وَّجَعَلْتُ لَهٗ مَالًا مَّمْدُوْدًا ۟ۙ
और मैंने उसे बहुत सारा धन दिया।
અરબી તફસીરો:
وَّبَنِیْنَ شُهُوْدًا ۟ۙ
और उसे ऐसे पुत्र दिए, जो उसके पास मौजूद रहने वाले हैं और उसके साथ सभाओं में उपस्थित होते हैं। उसे किसी यात्रा के लिए अकेला नहीं छोड़ते; क्योंकि उसके पास धन की कोई कमी नहीं है।
અરબી તફસીરો:
وَّمَهَّدْتُّ لَهٗ تَمْهِیْدًا ۟ۙ
और हमने उसे जीवन, आजीविका और संतान में ख़ूब विस्तार प्रदान किया।
અરબી તફસીરો:
ثُمَّ یَطْمَعُ اَنْ اَزِیْدَ ۟ۙ
फिर वह, मेरे साथ कुफ़्र करने के बावजूद, इस बात की लालसा रखता है कि यह सब कुछ देने के बाद, मैं उसे और अधिक प्रदान करूँ।
અરબી તફસીરો:
كَلَّا ؕ— اِنَّهٗ كَانَ لِاٰیٰتِنَا عَنِیْدًا ۟ؕ
मामला वैसा नहीं है, जैसा उसने समझ लिया है। वह हमारे रसूल पर उतरने वाली हमारी आयतों का विरोधी और उन्हें झुठलाने वाला है।
અરબી તફસીરો:
سَاُرْهِقُهٗ صَعُوْدًا ۟ؕ
शीघ्र ही मैं उसे यातना की ऐसी वेदना में डालूँगा, जिसे वह सहन न कर सकेगा।
અરબી તફસીરો:
اِنَّهٗ فَكَّرَ وَقَدَّرَ ۟ۙ
इस काफ़िर ने, जिसे हमने ये सारी नेमतें प्रदान कीं, सोच-विचार किया कि इस क़ुरआन के बारे में उसे ग़लत साबित करने के लिए क्या कहे, और अपने दिल में उसका अनुमान लगाया।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• المشقة تجلب التيسير.
• कठिनाई, आसानी लाती है।

• وجوب الطهارة من الخَبَث الظاهر والباطن.
• आंतरिक एवं बाहरी अपवित्रता से पवित्रता प्राप्त करना ज़रूरी है।

• الإنعام على الفاجر استدراج له وليس إكرامًا.
• दुराचारी को नेमतें प्रदान करना, दरअसल उसे ढील देना है, उसके लिए सम्मान के तौर पर नहीं है।

فَقُتِلَ كَیْفَ قَدَّرَ ۟ۙ
उसपर धिक्कार हो और उसका विनाश हो! उसने यह कैसी बात बनाई?
અરબી તફસીરો:
ثُمَّ قُتِلَ كَیْفَ قَدَّرَ ۟ۙ
फिर उसपर धिक्कार हो और उसका विनाश हो! उसने कैसी बात बनाई?
અરબી તફસીરો:
ثُمَّ نَظَرَ ۟ۙ
फिर उसने अपनी बात पर पुनर्विचार किया।
અરબી તફસીરો:
ثُمَّ عَبَسَ وَبَسَرَ ۟ۙ
फिर जब उसने कोई ऐसी बात न पाई, जिसे आधार बनाकर क़ुरआन के अंदर दोष निकाले, तो माथे पर बल दिया और मुँह बनाया।
અરબી તફસીરો:
ثُمَّ اَدْبَرَ وَاسْتَكْبَرَ ۟ۙ
फिर उसने ईमान से मुँह फेरा और नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का अनुसरण करने से अहंकार किया।
અરબી તફસીરો:
فَقَالَ اِنْ هٰذَاۤ اِلَّا سِحْرٌ یُّؤْثَرُ ۟ۙ
अंततः बोला : मुहम्मद जो कुछ लेकर आए हैं, वह अल्लाह की वाणी नहीं है, बल्कि वह एक जादू है, जिसे वह किसी और से बयान करते हैं।
અરબી તફસીરો:
اِنْ هٰذَاۤ اِلَّا قَوْلُ الْبَشَرِ ۟ؕ
यह अल्लाह की वाणी नहीं, बल्कि वह इनसान की वाणी है।
અરબી તફસીરો:
سَاُصْلِیْهِ سَقَرَ ۟
मैं इस काफ़िर को जहन्नम की आग के वर्गों में से एक वर्ग में प्रवेश करूँगा, जिसका नाम 'सक़र' है, वह उसकी गर्मी सहन करेगा।
અરબી તફસીરો:
وَمَاۤ اَدْرٰىكَ مَا سَقَرُ ۟ؕ
और (ऐ मुहम्मद) आपको किस चीज़ ने अवगत कराया कि 'सक़र' (जहन्नम) क्या है?!
અરબી તફસીરો:
لَا تُبْقِیْ وَلَا تَذَرُ ۟ۚ
उसमें डाली जाने वाली किसी चीज़ को वह शेष नहीं रखेगी, बल्कि उसका काम तमाम कर देगी और उसे छोड़े गी नहीं। फिर वह अपनी पहली स्थिति में लौट आएगी, तो वह फिर उसका काम तमाम कर देगी। इसी तरह यह सिलसिला चलता रहेगा।
અરબી તફસીરો:
لَوَّاحَةٌ لِّلْبَشَرِ ۟ۚ
वह खाल को बुरी तरह जला देने वाली और उसकी हालत बदल देने वाली है।
અરબી તફસીરો:
عَلَیْهَا تِسْعَةَ عَشَرَ ۟ؕ
उसपर उन्नीस फ़रिश्ते नियुक्त हैं, जो उसके रक्षक हैं।
અરબી તફસીરો:
وَمَا جَعَلْنَاۤ اَصْحٰبَ النَّارِ اِلَّا مَلٰٓىِٕكَةً ۪— وَّمَا جَعَلْنَا عِدَّتَهُمْ اِلَّا فِتْنَةً لِّلَّذِیْنَ كَفَرُوْا ۙ— لِیَسْتَیْقِنَ الَّذِیْنَ اُوْتُوا الْكِتٰبَ وَیَزْدَادَ الَّذِیْنَ اٰمَنُوْۤا اِیْمَانًا وَّلَا یَرْتَابَ الَّذِیْنَ اُوْتُوا الْكِتٰبَ وَالْمُؤْمِنُوْنَ ۙ— وَلِیَقُوْلَ الَّذِیْنَ فِیْ قُلُوْبِهِمْ مَّرَضٌ وَّالْكٰفِرُوْنَ مَاذَاۤ اَرَادَ اللّٰهُ بِهٰذَا مَثَلًا ؕ— كَذٰلِكَ یُضِلُّ اللّٰهُ مَنْ یَّشَآءُ وَیَهْدِیْ مَنْ یَّشَآءُ ؕ— وَمَا یَعْلَمُ جُنُوْدَ رَبِّكَ اِلَّا هُوَ ؕ— وَمَا هِیَ اِلَّا ذِكْرٰی لِلْبَشَرِ ۟۠
हमने जहन्नम के रक्षक के तौर पर केवल फ़रिश्तों को नियुक्त किया है, जिनसे मुक़ाबला करने की शक्ति इनसान के पास नहीं है। तथा हमने उनकी यह संख्या केवल अल्लाह का इनकार करने वालों के परीक्षण के तौर पर रखी है, ताकि वे इस तरह की बातें कहें, फिर उनकी यातना में वृद्धि कर दी जाए। और ताकि यहूदियों को, जिन्हें तौरात दी गई है, और ईसाइयों को, जिन्हें इंजील दी गई है, क़ुरआन द्वारा उनकी किताबों की बातों की पुष्टि करने के कारण विश्वास हो जाए। तथा ईमान वालों के ईमान में वृद्धि हो जाए जब पुस्तक के लोग (यहूदी एवं ईसाई) उनके साथ सहमत हों। और यहूदी, ईसाई और ईमान वाले किसी संदेह में न पड़ें। और ताकि ईमान में संकोच करने वाले और काफ़िर लोग कहें : इस विचित्र संख्या से अल्लाह का क्या उद्देश्य है?! जिस तरह इस संख्या का इनकार करने वाले को गुमराह किया गया है और उसकी पुष्टि करने वाले को हिदायत दी गई है, उसी तरह अल्लाह जिसे गुमराह करना चाहे, उसे गुमराह करता है और जिसे हिदायत देना चाहे, उसे हिदायत देता है। और तेरे रब की सेनाओं को उनकी बहुतायत के कारण, उस महिमावान् के सिवा कोई नहीं जानता। और जहन्नम तो मनुष्यों को मात्र याद दिलाने के लिए है, जिससे वे सर्वशक्तिमान अल्लाह की महानता को जानते हैं।
અરબી તફસીરો:
كَلَّا وَالْقَمَرِ ۟ۙ
बात वैसी नहीं है, जैसा कि कुछ मुश्रिकों ने दावा किया है कि उसके साथी जहन्नम की रक्षा पर नियुक्त फ़रिश्तों का काम तमाम करने के पर्याप्त हैं। अल्लाह ने चाँद की क़सम खाई है।
અરબી તફસીરો:
وَالَّیْلِ اِذْ اَدْبَرَ ۟ۙ
और रात की क़सम खाई है, जब वह जाने लगे।
અરબી તફસીરો:
وَالصُّبْحِ اِذَاۤ اَسْفَرَ ۟ۙ
और सुबह की क़सम खाई है, जब वह अच्छी तरह प्रकाशित हो जाए।
અરબી તફસીરો:
اِنَّهَا لَاِحْدَی الْكُبَرِ ۟ۙ
निःसंदेह जहन्नम की आग निश्चय महान आपदाओं में से एक है।
અરબી તફસીરો:
نَذِیْرًا لِّلْبَشَرِ ۟ۙ
लोगों को डराने और भय दिखाने के लिए है।
અરબી તફસીરો:
لِمَنْ شَآءَ مِنْكُمْ اَنْ یَّتَقَدَّمَ اَوْ یَتَاَخَّرَ ۟ؕ
तुममें से (ऐ लोगो) उस व्यक्ति के लिए, जो ईमान और सत्कर्म के साथ आगे बढ़ना चाहे या कुफ़्र एवं गुनाह के साथ पीछे हटना चाहे।
અરબી તફસીરો:
كُلُّ نَفْسٍ بِمَا كَسَبَتْ رَهِیْنَةٌ ۟ۙ
हर प्राणी की उसके किए हुए कर्मों पर पकड़ होगी। चुनाँचे या तो उसके कर्म उसका विनाश कर देंगे, और या तो उसे विनाश से बचा लेंगे।
અરબી તફસીરો:
اِلَّاۤ اَصْحٰبَ الْیَمِیْنِ ۟ؕۛ
सिवाय मोमिनों के। क्योंकि उनके गुनाहों के कारण उनकी पकड़ नहीं होगी। बल्कि उनके अच्छे कामों के कारण उनके पापों को क्षमा कर दिया जाएगा।
અરબી તફસીરો:
فِیْ جَنّٰتٍ ۛ۫— یَتَسَآءَلُوْنَ ۟ۙ
वे क़ियामत के दिन जन्नतों में एक-दूसरे से पूछेंगे।
અરબી તફસીરો:
عَنِ الْمُجْرِمِیْنَ ۟ۙ
उन काफ़िरों के बारे में, जिन्होंने पाप करके स्वयं को नष्ट कर दिया।
અરબી તફસીરો:
مَا سَلَكَكُمْ فِیْ سَقَرَ ۟
वे उनसे कहेंगे : तुम्हें क्या चीज़ जहन्नम में ले आई?
અરબી તફસીરો:
قَالُوْا لَمْ نَكُ مِنَ الْمُصَلِّیْنَ ۟ۙ
तो काफ़िर लोग उन्हें जवाब देते हुए कहेंगे : हम उन लोगों में से नहीं थे, जो दुनिया के जीवन में फ़र्ज़ नमाज़ पढ़ा करते थे।
અરબી તફસીરો:
وَلَمْ نَكُ نُطْعِمُ الْمِسْكِیْنَ ۟ۙ
और हम निर्धन को अल्लाह के दिए हुए धन से भोजन नहीं कराते थे।
અરબી તફસીરો:
وَكُنَّا نَخُوْضُ مَعَ الْخَآىِٕضِیْنَ ۟ۙ
हम झूठे लोगों के साथ थे, वे जहाँ भी गए हम उनके साथ घूमते थे और गुमराह तथा भटके हुए लोगों के साथ बातों में लगे रहते थे।
અરબી તફસીરો:
وَكُنَّا نُكَذِّبُ بِیَوْمِ الدِّیْنِ ۟ۙ
और हम बदले के दिन को झुठलाया करते थे।
અરબી તફસીરો:
حَتّٰۤی اَتٰىنَا الْیَقِیْنُ ۟ؕ
हम इसे नकारते रहे यहाँ तक कि मौत हमारे पास आ गई और उसने हमें तौबा करने से रोक दिया।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• خطورة الكبر حيث صرف الوليد بن المغيرة عن الإيمان بعدما تبين له الحق.
• घमंड का खतरा, क्योंकि उसने वलीद बिन मुग़ीरा को, उसके सामने सत्य स्पष्ट हो जाने के बावजूद, ईमान से रोक दिया।

• مسؤولية الإنسان عن أعماله في الدنيا والآخرة.
• इनसान की दुनिया एवं आख़िरत में अपने कार्यों के प्रति ज़िम्मेदारी।

• عدم إطعام المحتاج سبب من أسباب دخول النار.
• ज़रूरतमंद को खाना न खिलाना आग (जहन्नम) में प्रवेश करने का एक कारण है।

فَمَا تَنْفَعُهُمْ شَفَاعَةُ الشّٰفِعِیْنَ ۟ؕ
चुनाँचे सिफ़ारिश करने वाले फ़रिश्तों, नबियों और सदाचारियों की मध्यस्थता (सिफ़ारिश) क़ियामत के दिन उन्हें कुछ लाभ न देगी। क्योंकि अल्लाह के यहाँ सिफ़ारिश क़बूल होने की शर्तों में से एक अल्लाह का उस बंदे से राज़ी होना है, जिसके लिए सिफ़ारिश की जा रही है।
અરબી તફસીરો:
فَمَا لَهُمْ عَنِ التَّذْكِرَةِ مُعْرِضِیْنَ ۟ۙ
किस चीज़ ने इन काफ़िरों को क़ुरआन से मुँह मोड़ने वाला बना दिया है?!
અરબી તફસીરો:
كَاَنَّهُمْ حُمُرٌ مُّسْتَنْفِرَةٌ ۟ۙ
वे क़ुरआन से मुँह मोड़ने और उससे भागने में सख़्त बिदकने वाले जंगली गधों जैसे मालूम होते हैं।
અરબી તફસીરો:
فَرَّتْ مِنْ قَسْوَرَةٍ ۟ؕ
जो शेर से डरकर भाग खड़े हुए हैं।
અરબી તફસીરો:
بَلْ یُرِیْدُ كُلُّ امْرِئٍ مِّنْهُمْ اَنْ یُّؤْتٰی صُحُفًا مُّنَشَّرَةً ۟ۙ
बल्कि इन मुश्रिकों में से हर व्यक्ति चाहता है कि उसके सिर के पास एक खुली किताब हो, जो उसे बताए कि मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम अल्लाह के रसूल हैं। और इसका कारण प्रमाणों की कमी या तर्कों का कमज़ोर होना नहीं है, बल्कि इसका कारण हठ और घमंड है।
અરબી તફસીરો:
كَلَّا ؕ— بَلْ لَّا یَخَافُوْنَ الْاٰخِرَةَ ۟ؕ
मामला यह नहीं है। बल्कि उनके गुमराही में में बने रहने का कारण यह है कि वे आख़िरत की यातना पर ईमान नहीं रखते हैं। इसलिए वे अपने कुफ़्र पर बने हुए हैं।
અરબી તફસીરો:
كَلَّاۤ اِنَّهٗ تَذْكِرَةٌ ۟ۚ
सुन लो, निःसंदेह यह क़ुरआन एक उपदेश और याददेहानी है।
અરબી તફસીરો:
فَمَنْ شَآءَ ذَكَرَهٗ ۟ؕ
अतः जो क़ुरआन पढ़ना और उससे नसीहत हासिल करना चाहे, वह उसे पढ़े और उससे नसीहत हासिल करे।
અરબી તફસીરો:
وَمَا یَذْكُرُوْنَ اِلَّاۤ اَنْ یَّشَآءَ اللّٰهُ ؕ— هُوَ اَهْلُ التَّقْوٰی وَاَهْلُ الْمَغْفِرَةِ ۟۠
वे नसीहत हासिल नहीं करेंगे, परंतु यह कि अल्लाह चाहे कि वे नसीहत हासिल करें। वह पवित्र अल्लाह इस योग्य है कि उसके आदेशों का पालन करके और उसके निषेधों से बचकर, उससे डरा जाए। तथा वह इस योग्य है कि अपने बंदों के गुनाहों को माफ़ कर दे, यदि वे उसके समक्ष तौबा करें।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• مشيئة العبد مُقَيَّدة بمشيئة الله.
• बंदे की इच्छा अल्लाह की इच्छा के अधीन है।

• حرص رسول الله صلى الله عليه وسلم على حفظ ما يوحى إليه من القرآن، وتكفّل الله له بجمعه في صدره وحفظه كاملًا فلا ينسى منه شيئًا.
• अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम, क़ुरआन में से जो कुछ आपकी ओर वह़्य उतरती थी, उसे याद करने के लिए उत्सुक होते थे। तथा अल्लाह ने उसे आपके सीने में इकट्ठा करने और उसे पूर्ण रूप से संरक्षित करने की ज़िम्मेदारी ली है। इसलिए आप उसमें से कुछ भी नहीं भूलेंगे।

 
શબ્દોનું ભાષાંતર સૂરહ: અલ્ મુદષષિર
સૂરહ માટે અનુક્રમણિકા પેજ નંબર
 
કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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