કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા


શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (11) સૂરહ: અત્ તૌબા
فَاِنْ تَابُوْا وَاَقَامُوا الصَّلٰوةَ وَاٰتَوُا الزَّكٰوةَ فَاِخْوَانُكُمْ فِی الدِّیْنِ ؕ— وَنُفَصِّلُ الْاٰیٰتِ لِقَوْمٍ یَّعْلَمُوْنَ ۟
यदि वे अपने कुफ़्र से अल्लाह के समक्ष तौबा कर लें, और इस बात की गवाही दें कि अल्लाह के सिवा कोई सत्य पूज्य नहीं और मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम अल्लाह के रसूल हैं, नमाज़ क़ायम करें और अपने धन की ज़कात दें - तो वे मुसलमान हो गए और वे धर्म में तुम्हारे भाई हैं। उनके लिए वे सभी अधिकार हैं, जो तुम्हारे लिए हैं और उनपर वे सभी दायित्व हैं, जो तुमपर हैं। तुम्हारे लिए उनसे लड़ना जायज़ नहीं है, क्योंकि उनका इस्लाम उनके खून, धन और सम्मान की रक्षा करता है। हम उन लोगों के लिए आयतों को स्पष्ट करते और उन्हें खोल-खोलकर बयान करते हैं, जो ज्ञान रखते हैं। क्योंकि वही वे लोग हैं, जो उनसे लाभान्वित होते हैं, और दूसरों को भी उनसे लाभान्वित करते हैं।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• دلَّت الآيات على أن قتال المشركين الناكثين العهد كان لأسباب كثيرة، أهمها: نقضهم العهد.
• ये आयतें बताती हैं कि वचन तोड़ने वाले बहुदेववादियों से लड़ना कई कारणों से था, जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण : उनका वचन तोड़ना है।

• في الآيات دليل على أن من امتنع من أداء الصلاة أو الزكاة فإنه يُقاتَل حتى يؤديهما، كما فعل أبو بكر رضي الله عنه.
• इन आयतों में इस बात का प्रमाण है कि जो कोई नमाज़ अदा करने या ज़कात देने से इनकार करेगा, उससे उस समय तक युद्ध किया जाएगा, जब तक वह उन दोनों का पाबंद न हो जाए, जैसा कि अबू बक्र रज़ियल्लाहु अन्हु ने किया था।

• استدل بعض العلماء بقوله تعالى:﴿وَطَعَنُوا فِي دِينِكُمْ﴾ على وجوب قتل كل من طعن في الدّين عامدًا مستهزئًا به.
• कुछ विद्वानों ने अल्लाह के फरमान : (وَطَعَنُوا فِي دِينِكُمْ) ''और तुम्हारे धर्म में बुराई निकालें।'' से दलील पकड़ी है कि हर वह व्यक्ति जो जानबूझकर धर्म का मज़ाक़ उड़ाते हुए उसमें बुराई निकालता है, उसको क़त्ल करना अनिवार्य है।

• في الآيات دلالة على أن المؤمن الذي يخشى الله وحده يجب أن يكون أشجع الناس وأجرأهم على القتال.
• इन आयतों में यह संकेत मिलता है कि वह मोमिन जो केवल अल्लाह से डरता है, उसे लड़ने में सबसे बहादुर और सबसे साहसी होना चाहिए।

 
શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (11) સૂરહ: અત્ તૌબા
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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