કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા


શબ્દોનું ભાષાંતર સૂરહ: અલ્ કદર   આયત:

सूरा अल्-क़द्र

સૂરતના હેતુઓ માંથી:
بيان فضل ليلة القدر.
क़द्र की रात की प्रतिष्ठा का वर्णन।

اِنَّاۤ اَنْزَلْنٰهُ فِیْ لَیْلَةِ الْقَدْرِ ۟ۚۙ
हमने क़ुरआन को एकबारगी दुनिया के आकाश (निचले आकाश) पर रमज़ान के महीने में क़द्र की रात में अवतरित किया, इसी तरह उसे नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर उतारने की शुरूआत भी इसी रात में की।
અરબી તફસીરો:
وَمَاۤ اَدْرٰىكَ مَا لَیْلَةُ الْقَدْرِ ۟ؕ
और (ऐ रसूल) क्या आप जानते हैं कि इस रात में क्या भलाई और बरकत है?!
અરબી તફસીરો:
لَیْلَةُ الْقَدْرِ ۙ۬— خَیْرٌ مِّنْ اَلْفِ شَهْرٍ ۟ؕؔ
यह रात महान भलाई की रात है। क्योंकि यह रात उस व्यक्ति के लिए हज़ार महीने से बेहतर है, जो ईमान और नेकी प्राप्त करने के उद्देश्य से इसमें अल्लाह की इबादत करे।
અરબી તફસીરો:
تَنَزَّلُ الْمَلٰٓىِٕكَةُ وَالرُّوْحُ فِیْهَا بِاِذْنِ رَبِّهِمْ ۚ— مِنْ كُلِّ اَمْرٍ ۟ۙۛ
उस रात में फ़रिश्ते और जिबरील अलैहिस्सलाम अपने महिमावान् पालनहार की अनुमति से हर उस चीज़ के साथ उतरते हैं, जिसका आल्लाह उस वर्ष में फैसला किया होता है, चाहे उसका संबंध रोज़ी से हो, या मृत्यु, या जन्म या इनके अलावा किसी अन्य से हो, जिनका अल्लाह फैसला करता है।
અરબી તફસીરો:
سَلٰمٌ ۛ۫— هِیَ حَتّٰی مَطْلَعِ الْفَجْرِ ۟۠
यह बरकत वाली रात उसके शुरू होने से लेकर फ़ज्र के उदय होने पर उसके अंत तक सर्वथा भलाई ही भलाई है।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• فضل ليلة القدر على سائر ليالي العام.
• लैलतुल क़द्र की वर्ष की अन्य सभी रातों पर श्रेष्ठता।

• الإخلاص في العبادة من شروط قَبولها.
• इबादत में इख़्लास (निष्ठा) का होना उसकी स्वीकृति की शर्तों में से एक है।

• اتفاق الشرائع في الأصول مَدعاة لقبول الرسالة.
• समस्त शरीयतों का मौलिक सिद्धांतों में समान होना, नबी के संदेश को स्वीकार करने का एक कारण है।

 
શબ્દોનું ભાષાંતર સૂરહ: અલ્ કદર
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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