Terjemahan makna Alquran Alkarim - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Daftar isi terjemahan


Terjemahan makna Surah: Surah Al-Aḥqāf   Ayah:

सूरा अल्-अह़्क़ाफ़

Tujuan Pokok Surah Ini:
بيان حاجة البشريّة للرسالة وإنذار المعرضين عنها.
ईश्वरीय संदेश के लिए मानवता की आवश्यकता का वर्णन और उससे मुँह फेरने वालों को चेतावनी देना।

حٰمٓ ۟ۚ
{हा॰ मीम॰} सूरतुल-बक़रा की शुरुआत में इस प्रकार के अक्षरों के बारे में बात गुज़र चुकी है।
Tafsir berbahasa Arab:
تَنْزِیْلُ الْكِتٰبِ مِنَ اللّٰهِ الْعَزِیْزِ الْحَكِیْمِ ۟
क़ुरआन का उतारना अल्लाह की ओर से है, जो सबपर प्रभुत्वशाली है, उसे कोई पराजित नहीं कर सकता, अपनी रचना, तक़दीर और शरीयत में हिकमत वाला है।
Tafsir berbahasa Arab:
مَا خَلَقْنَا السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ وَمَا بَیْنَهُمَاۤ اِلَّا بِالْحَقِّ وَاَجَلٍ مُّسَمًّی ؕ— وَالَّذِیْنَ كَفَرُوْا عَمَّاۤ اُنْذِرُوْا مُعْرِضُوْنَ ۟
हमने आकाशों और धरती को और जो कुछ उन दोनों के बीच है, व्यर्थ नहीं बनाया, बल्कि हमने उन सभी को सत्य के साथ व्यापक हिकमतों के तहत बनाया है। उन हिकमतों में से यह है कि बंदे उनके माध्यम से अपने रब को पहचानें, ताकि वे केवल उसी की इबादत करें, और उसके साथ किसी चीज़ को साझी न बनाएँ, और यह कि वे धरती पर अपने उत्तराधिकार की अपेक्षाओं को एक विशिष्ट अवधि के लिए पूरा करें जिसे केवल अल्लाह ही जानता है। लेकिन जिन लोगों ने अल्लाह का इनकार किया, वे उस चीज़ से मुँह फेरने वाले हैं, जिससे उन्हें अल्लाह की किताब में डराया गया है। वे उसकी परवाह नहीं करते।
Tafsir berbahasa Arab:
قُلْ اَرَءَیْتُمْ مَّا تَدْعُوْنَ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ اَرُوْنِیْ مَاذَا خَلَقُوْا مِنَ الْاَرْضِ اَمْ لَهُمْ شِرْكٌ فِی السَّمٰوٰتِ ؕ— اِیْتُوْنِیْ بِكِتٰبٍ مِّنْ قَبْلِ هٰذَاۤ اَوْ اَثٰرَةٍ مِّنْ عِلْمٍ اِنْ كُنْتُمْ صٰدِقِیْنَ ۟
(ऐ रसूल!) आप सत्य से मुँह फेरने वाले इन मुश्रिकों से कह दें : मुझे अपने उन बुतों के बारे में बताओ, जिनकी तुम अल्लाह के अलावा पूजा करते हो कि उन्होंने धरती के हिस्सों में से क्या बनाया है? क्या उन्होंने कोई पहाड़ बनाया? क्या उन्होंने कोई नहर बनाई? या क्या आकाशों को बनाने में अल्लाह के साथ उनका कोई हिस्सा है? यदि तुम अपने इस दावे में सच्चे हो कि तुम्हारी मूर्तियाँ पूजा के योग्य हैं, तो मेरे पास क़ुरआन से पहले अल्लाह की उतारी हुई कोई किताब या पूर्वजों के छोड़े हुए ज्ञान का अवशेष ले आओ।
Tafsir berbahasa Arab:
وَمَنْ اَضَلُّ مِمَّنْ یَّدْعُوْا مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ مَنْ لَّا یَسْتَجِیْبُ لَهٗۤ اِلٰی یَوْمِ الْقِیٰمَةِ وَهُمْ عَنْ دُعَآىِٕهِمْ غٰفِلُوْنَ ۟
उस व्यक्ति से अधिक पथभ्रष्ट कोई नहीं, जो अल्लाह को छोड़कर ऐसी मूर्ति की पूजा करे, जो क़ियामत के दिन तक उसकी प्रार्थना क़बूल नहीं कर सकती। ये मूर्तियाँ जिनकी ये लोग अल्लाह के अलावा पूजा करते हैं, उन्हें लाभ या हानि पहुँचाना तो दूर की बात, अपने उपासकों की प्रार्थना तक से बेखबर हैं।
Tafsir berbahasa Arab:
Beberapa Faedah Ayat-ayat di Halaman Ini:
• الاستهزاء بآيات الله كفر.
• अल्लाह की आयतों का मज़ाक़ उड़ाना कुफ़्र है।

• خطر الاغترار بلذات الدنيا وشهواتها.
• सांसारिक सुखों और वासनाओं के धोखे में आने का खतरा।

• ثبوت صفة الكبرياء لله تعالى.
• अल्लाह के लिए 'किब्रिया' (महिमा) की विशेषता का प्रमाण।

• إجابة الدعاء من أظهر أدلة وجود الله سبحانه وتعالى واستحقاقه العبادة.
• प्रार्थना स्वीकार करना सर्वशक्तिमान अल्लाह के अस्तित्व और उसके उपासना के योग्य होने के सबसे स्पष्ट प्रमाणों में से एक है।

وَاِذَا حُشِرَ النَّاسُ كَانُوْا لَهُمْ اَعْدَآءً وَّكَانُوْا بِعِبَادَتِهِمْ كٰفِرِیْنَ ۟
हालाँकि ये मूर्तियाँ उन्हें इस दुनिया में कोई लाभ नहीं पहुँचा सकतीं, इसके बावजूद जब वे क़ियामत के दिन एकत्र किए जाएँगे, तो वे उनके दुश्मन हो जाएँगे जो उनकी पूजा करते थे, और उनसे अलगाव प्रकट करेंगे और इस बात का इनकार कर देंगे कि वे उनकी पूजा के बारे में जानते थे।
Tafsir berbahasa Arab:
وَاِذَا تُتْلٰی عَلَیْهِمْ اٰیٰتُنَا بَیِّنٰتٍ قَالَ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا لِلْحَقِّ لَمَّا جَآءَهُمْ ۙ— هٰذَا سِحْرٌ مُّبِیْنٌ ۟ؕ
और जब उनके सामने हमारे रसूल पर उतरने वाली आयतें पढ़ी जाती हैं, तो काफ़िर लोग क़ुरआन के बारे में, जब वह रसूल के माध्यम से उनके पास आ गया, कहते हैं : यह स्पष्ट जादू है, और यह अल्लाह की ओर से कोई वह़्य नहीं है।
Tafsir berbahasa Arab:
اَمْ یَقُوْلُوْنَ افْتَرٰىهُ ؕ— قُلْ اِنِ افْتَرَیْتُهٗ فَلَا تَمْلِكُوْنَ لِیْ مِنَ اللّٰهِ شَیْـًٔا ؕ— هُوَ اَعْلَمُ بِمَا تُفِیْضُوْنَ فِیْهِ ؕ— كَفٰی بِهٖ شَهِیْدًا بَیْنِیْ وَبَیْنَكُمْ ؕ— وَهُوَ الْغَفُوْرُ الرَّحِیْمُ ۟
क्या ये मुश्रिक लोग कहते हैं : मुहम्मद ने इस क़ुरआन को गढ़कर अल्लाह की ओर मनसूब कर दिया है?! (ऐ रसूल!) आप उनसे कह दें : यदि मैंने इसे अपनी मर्ज़ी से गढ़ लिया है और इसके कारण अल्लाह मुझे यातना देना चाहे, तो तुम मुझे बचा नहीं सकते। तो फिर मैं इसे अल्लाह पर गढ़कर अपने आपको यातना से कैसे पीड़ित कर सकता हूं?! तुम क़ुरआन पर जो आरोप और मुझपर जो लांछन लगा रहे हो, उसे अल्लाह बहुत अच्छी तरह से जानता है। वह महिमावान मेरे और तुम्हारे बीच गवाह के रूप में पर्याप्त है। तथा वह अपने तौबा करने वाले बंदों के गुनाहों को माफ़ करने वाला, उनपर दया करने वाला है।
Tafsir berbahasa Arab:
قُلْ مَا كُنْتُ بِدْعًا مِّنَ الرُّسُلِ وَمَاۤ اَدْرِیْ مَا یُفْعَلُ بِیْ وَلَا بِكُمْ ؕ— اِنْ اَتَّبِعُ اِلَّا مَا یُوْحٰۤی اِلَیَّ وَمَاۤ اَنَا اِلَّا نَذِیْرٌ مُّبِیْنٌ ۟
(ऐ रसूल!) आप इन मुश्रिकों से, जो आपकी नुबुव्वत को झुठलाते हैं, कह दें : मैं कोई पहला रसूल नहीं हूँ, जिसे अल्लाह ने भेजा है, कि तुम मेरे आह्वान पर आश्चर्यचकित हो। मुझसे पहले बहुत-से रसूल गुज़र चुके हैं। और मैं नहीं जानता कि अल्लाह दुनिया में मेरे साथ क्या करेगा और तुम्हारे साथ क्या करेगा। मैं तो केवल अल्लाह की वह़्य (प्रकाशना) का पालन करता हूँ। मैं केवल वही कहता और करता हूँ जो वह मुझे वह़्य द्वारा निर्देश देता है। मैं तो केवल एक सावधान करने वाला हूँ, तुम्हें अल्लाह की यातना से, स्पष्ट तौर पर, सावधान करता हूँ।
Tafsir berbahasa Arab:
قُلْ اَرَءَیْتُمْ اِنْ كَانَ مِنْ عِنْدِ اللّٰهِ وَكَفَرْتُمْ بِهٖ وَشَهِدَ شَاهِدٌ مِّنْ بَنِیْۤ اِسْرَآءِیْلَ عَلٰی مِثْلِهٖ فَاٰمَنَ وَاسْتَكْبَرْتُمْ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ لَا یَهْدِی الْقَوْمَ الظّٰلِمِیْنَ ۟۠
(ऐ रसूल!) इन झुठलाने वालों से कह दें : मुझे बताओ कि यदि यह क़ुरआन अल्लाह की ओर से है और तुमने इसका इनकार कर दिया, जबकि बनी इसराईल के एक व्यक्ति ने, उसके बारे में तौरात के अंदर जो कुछ उल्लेख हुआ हुआ है, उसके आधार पर गवाही दी कि यह अल्लाह की ओर से है, फिर वह उसपर ईमान ले आया और तुमने उसपर ईमान लाने से घमंड किया - क्या ऐसी स्थिति में तुम अत्याचारी नहीं हो?! निःसंदेह अल्लाह अत्याचारियों को सत्य की तौफ़ीक़ नहीं देता।
Tafsir berbahasa Arab:
وَقَالَ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا لِلَّذِیْنَ اٰمَنُوْا لَوْ كَانَ خَیْرًا مَّا سَبَقُوْنَاۤ اِلَیْهِ ؕ— وَاِذْ لَمْ یَهْتَدُوْا بِهٖ فَسَیَقُوْلُوْنَ هٰذَاۤ اِفْكٌ قَدِیْمٌ ۟
तथा क़ुरआन और रसूल के लाए हुए संदेश का इनकार करने वालों ने ईमान वालों के बारे में कहा : यदि मुहम्मद जो लेकर आए हैं वह सत्य होता, जो भलाई का मार्गदर्शन करता, तो ये ग़रीब, ग़ुलाम और कमज़ोर लोग हमसे पहले उसकी ओर न आते। चूँकि उनके रसूल उनके पास जो कुछ लाए थे, उससे उन्होंने मार्गदर्शन प्राप्त नहीं किया, इसलिए वे यही कहेंगे : यह जो मुहम्मद हमारे पास लाए हैं, पुराना झूठ है और हम झूठ पर नहीं चलते।
Tafsir berbahasa Arab:
وَمِنْ قَبْلِهٖ كِتٰبُ مُوْسٰۤی اِمَامًا وَّرَحْمَةً ؕ— وَهٰذَا كِتٰبٌ مُّصَدِّقٌ لِّسَانًا عَرَبِیًّا لِّیُنْذِرَ الَّذِیْنَ ظَلَمُوْا ۖۗ— وَبُشْرٰی لِلْمُحْسِنِیْنَ ۟
और इस क़ुरआन से पहले, तौरात, वह किताब जिसे अल्लाह ने मूसा अलैहिस्सलाम पर पेशवा के रूप में उतारा, जिसका सच्चाई में पालन किया जाता था, तथा उन लोगों के लिए दया के रूप में थी, जो बनी इसराईल में से उसपर ईमान लाए और उसका पालन किया। और मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर उतारा गया यह क़ुरआन, एक ऐसी किताब है जो अपने से पहली किताबों की पुष्टि करने वाली, अरबी भाषा में है; ताकि इसके द्वारा उन लोगों को डराया जाए, जिन्होंने अल्लाह के साथ शिर्क करके और पाप करके अपने ऊपर अत्याचार किया है। तथा यह उन उपकारकों के लिए शुभ सूचना है, जिन्होंने अपने स्रष्टा के साथ अपने संबंध को तथा उसकी सृष्टि के साथ अपने संबंध को बेहतर बनाया।
Tafsir berbahasa Arab:
اِنَّ الَّذِیْنَ قَالُوْا رَبُّنَا اللّٰهُ ثُمَّ اسْتَقَامُوْا فَلَا خَوْفٌ عَلَیْهِمْ وَلَا هُمْ یَحْزَنُوْنَ ۟ۚ
निःसंदेह जिन लोगों ने कहा : हमारा रब अल्लाह है, उसके सिवा हमारा कोई रब नहीं, फिर वे ईमान और अच्छे कर्म पर जमे रहे, तो वे आख़िरत में जिस चीज़ का सामना करेंगे उसके बारे में उन्हें कोई भय न होगा, और न ही उन्हें उसपर कोई शोक होगा, जो दुनिया के सुखों में से उनसे छूट गया है या जो उन्होंने अपने पीछे छोड़ा है।
Tafsir berbahasa Arab:
اُولٰٓىِٕكَ اَصْحٰبُ الْجَنَّةِ خٰلِدِیْنَ فِیْهَا ۚ— جَزَآءً بِمَا كَانُوْا یَعْمَلُوْنَ ۟
इन विशेषताओं से परिपूर्ण लोग जन्नत वाले हैं, जिसमें वे हमेशा रहेंगे; यह उनके उन अच्छे कार्यों का बदला है, जो उन्होंने दुनिया में किए थे।
Tafsir berbahasa Arab:
Beberapa Faedah Ayat-ayat di Halaman Ini:
• كل من عُبِد من دون الله ينكر على من عبده من الكافرين.
• जिसकी भी अल्लाह के सिवा पूजा की जाती है, वह उसको नकार देगा जिसने उसकी पूजा की है।

• عدم معرفة النبي صلى الله عليه وسلم بالغيب إلا ما أطلعه الله عليه منه.
• नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ग़ैब की बातें नहीं जानते थे, सिवाय उसके जिसके बारे में अल्लाह ने आपको बताया हो।

• وجود ما يثبت نبوّة نبينا صلى الله عليه وسلم في الكتب السابقة.
• पिछली किताबों में हमारे पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की नुबुव्वत को साबित करने वाले प्रमाणों का अस्तित्व।

• بيان فضل الاستقامة وجزاء أصحابها.
• इस्लाम पर सुदृढ़ रहने की श्रेष्ठता और ऐसे लोगों के प्रतिफल का वर्णन।

وَوَصَّیْنَا الْاِنْسَانَ بِوَالِدَیْهِ اِحْسٰنًا ؕ— حَمَلَتْهُ اُمُّهٗ كُرْهًا وَّوَضَعَتْهُ كُرْهًا ؕ— وَحَمْلُهٗ وَفِصٰلُهٗ ثَلٰثُوْنَ شَهْرًا ؕ— حَتّٰۤی اِذَا بَلَغَ اَشُدَّهٗ وَبَلَغَ اَرْبَعِیْنَ سَنَةً ۙ— قَالَ رَبِّ اَوْزِعْنِیْۤ اَنْ اَشْكُرَ نِعْمَتَكَ الَّتِیْۤ اَنْعَمْتَ عَلَیَّ وَعَلٰی وَالِدَیَّ وَاَنْ اَعْمَلَ صَالِحًا تَرْضٰىهُ وَاَصْلِحْ لِیْ فِیْ ذُرِّیَّتِیْ ؕۚ— اِنِّیْ تُبْتُ اِلَیْكَ وَاِنِّیْ مِنَ الْمُسْلِمِیْنَ ۟
हमने निश्चित रूप से मनुष्य को आदेश दिया है कि अपने माता-पिता के साथ अच्छा व्यवहार करे। उनका उनके जीवन के दौरान और उनकी मृत्यु के बाद इस तरह से आदर-सम्मान करे कि उसमें शरीयत का उल्लंघन न हो। विशेष रूप से अपनी माँ का ध्यान रखे, जिसने उसे कठिनाई से (गर्भ में) उठाए रखा और कठिनाई से उसे जन्म दिया। उसके गर्भ में रहने और दूध छुड़ाने की शुरुआत तक की अवधि : तीस महीना है। यहाँ तक कि जब वह अपनी मानसिक और शारीरिक शक्ति की पूर्णता को पहुँच गया और चालीस वर्ष का हो गया, तो उसने कहा : ऐ मेरे पालनहार! मुझे प्रेरणा दे कि मैं तेरी उस नेमत का शुक्र अदा करूँ, जो तूने मुझे तथा मेरे माता-पिता को प्रदान की है, तथा मुझे प्रेरणा दे कि मैं वह नेक काम करूँ, जिसे तू पसंद करता है और उसे मेरी ओर से क़बूल कर ले, और मेरे लिए मेरी संतान को सुधार दे। मैं तेरे सामने अपने गुनाहों से तौबा करता हूँ, तथा मैं उन लोगों में से हूँ जो तेरी आज्ञाकारिता के अधीन हैं और तेरे आदेशों के प्रति समर्पित हैं।
Tafsir berbahasa Arab:
اُولٰٓىِٕكَ الَّذِیْنَ نَتَقَبَّلُ عَنْهُمْ اَحْسَنَ مَا عَمِلُوْا وَنَتَجَاوَزُ عَنْ سَیِّاٰتِهِمْ فِیْۤ اَصْحٰبِ الْجَنَّةِ ؕ— وَعْدَ الصِّدْقِ الَّذِیْ كَانُوْا یُوْعَدُوْنَ ۟
यही वे लोग हैं कि हम उनके द्वारा किए गए सबसे अच्छे कामों को स्वीकार करते हैं और उनके बुरे कामों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं, इसलिए हम उनपर उनकी पकड़ नहीं करते हैं। तथा वे जन्नत वालों में शामिल हैं। यह वादा जो उनसे किया गया है, बिलकुल सच्चा वादा है, अनिवार्य रूप से पूरा होगा।
Tafsir berbahasa Arab:
وَالَّذِیْ قَالَ لِوَالِدَیْهِ اُفٍّ لَّكُمَاۤ اَتَعِدٰنِنِیْۤ اَنْ اُخْرَجَ وَقَدْ خَلَتِ الْقُرُوْنُ مِنْ قَبْلِیْ ۚ— وَهُمَا یَسْتَغِیْثٰنِ اللّٰهَ وَیْلَكَ اٰمِنْ ۖۗ— اِنَّ وَعْدَ اللّٰهِ حَقٌّ ۚ— فَیَقُوْلُ مَا هٰذَاۤ اِلَّاۤ اَسَاطِیْرُ الْاَوَّلِیْنَ ۟
और जिसने अपने माता-पिता से कहा : तुम्हारा नाश हो! क्या तुम दोनों मुझे डराते हो कि मैं अपनी मृत्यु के बाद अपनी क़ब्र से जीवित निकाला जाऊँगा, हालाँकि कई शताब्दियाँ बीत चुकी हैं, और लोग उनमें मरे हैं, परंतु उनमें से कोई भी जीवित नहीं उठाया गया है?! जबकि उसके माता-पिता अल्लाह से फ़रयाद कर रहे होते हैं कि उनके बेटे को ईमान की राह पर लगा दे और अपने बेटे से कहते हैं : तेरा सर्वनाश हो यदि तू पुनर्जीवन पर ईमान नहीं लाया। अतः उसपर ईमान ले आ। निश्चय पुनर्जीवन का अल्लाह का वादा सच है, जिसमें कोई संदेह नहीं। किंतु वह फिर से पुनर्जीवन का इनकार करते हुए कहता है : पुनर्जीवन के बारे में जो कुछ कहा जा रहा है, वह पहले लोगों की पुस्तकों और उनकी लिखी हुई बातों से नक़ल (कॉपी) किया गया है, अल्लाह से प्रमाणित नहीं है।
Tafsir berbahasa Arab:
اُولٰٓىِٕكَ الَّذِیْنَ حَقَّ عَلَیْهِمُ الْقَوْلُ فِیْۤ اُمَمٍ قَدْ خَلَتْ مِنْ قَبْلِهِمْ مِّنَ الْجِنِّ وَالْاِنْسِ ؕ— اِنَّهُمْ كَانُوْا خٰسِرِیْنَ ۟
यही वे लोग हैं जिनके लिए यातना अनिवार्य हो गई, जिन्नों और मनुष्यों के उन समुदायों के साथ जो इनसे पहले थे। निश्चय वे घाटा उठाने वाले लोग थे। क्योंकि उन्होंने जहन्नम में प्रवेश करके खुद को तथा अपने परिवार को घाटे में डाल दिया।
Tafsir berbahasa Arab:
وَلِكُلٍّ دَرَجٰتٌ مِّمَّا عَمِلُوْا ۚ— وَلِیُوَفِّیَهُمْ اَعْمَالَهُمْ وَهُمْ لَا یُظْلَمُوْنَ ۟
और दोनों समूहों (जन्नत के समूह और जहन्नम के समूह) के लिए उनके कर्मों के अनुसार (अलग-अलग) दर्जे होंगे। चुनाँचे जन्नत वालों के दर्जे ऊँचे होंगे और जहन्नम वालों के दर्जे नीचे। और ताकि अल्लाह उन्हें उनके कर्मों का पूरा बदला दे। तथा क़ियामत के दिन उनकी नेकियों को घटाकर या उनके गुनाहों को बढ़ाकर उनपर अत्याचार नहीं किया जाएगा।
Tafsir berbahasa Arab:
وَیَوْمَ یُعْرَضُ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا عَلَی النَّارِ ؕ— اَذْهَبْتُمْ طَیِّبٰتِكُمْ فِیْ حَیَاتِكُمُ الدُّنْیَا وَاسْتَمْتَعْتُمْ بِهَا ۚ— فَالْیَوْمَ تُجْزَوْنَ عَذَابَ الْهُوْنِ بِمَا كُنْتُمْ تَسْتَكْبِرُوْنَ فِی الْاَرْضِ بِغَیْرِ الْحَقِّ وَبِمَا كُنْتُمْ تَفْسُقُوْنَ ۟۠
और जिस दिन अल्लाह का इनकार करने वालों और उसके रसूलों को झुठलाने वालों को आग के सामने लाया जाएगा, ताकि उन्हें उसमें यातना दी जाए और उन्हें डाँट-फटकार लगाते हुए उनसे कहा जाएगा : तुम अपनी अच्छी चीज़ें अपने सांसारिक जीवन में ले जा चुके और उसमें पाए जाने वाले सुखों का आनंद ले चुके। लेकिन आज के दिन तो तुम्हें धरती में नाहक़ अहंकार करने तथा कुफ़्र और पाप के द्वारा अल्लाह की आज्ञाकारिता से निकलने के कारण, अपमानजनक यातना दी जाएगी।
Tafsir berbahasa Arab:
Beberapa Faedah Ayat-ayat di Halaman Ini:
• بيان مكانة بِرِّ الوالدين في الإسلام، بخاصة في حق الأم، والتحذير من العقوق.
• इस्लाम में माता-पिता के साथ, विशेषकर माँ के साथ सद्व्यवहार करने के स्थान का वर्णन तथा उनकी अवज्ञा के खिलाफ चेतावनी।

• بيان خطر التوسع في ملاذّ الدنيا؛ لأنها تشغل عن الآخرة.
• दुनिया की सुख-सुविधाओं में विस्तार के खतरे का बयान; क्योंकि यह आख़िरत से भटका देता है।

• بيان الوعيد الشديد لأصحاب الكبر والفسوق.
• अहंकार और अवज्ञा करने वालों के लिए कड़ी धमकी का वर्णन।

وَاذْكُرْ اَخَا عَادٍ اِذْ اَنْذَرَ قَوْمَهٗ بِالْاَحْقَافِ وَقَدْ خَلَتِ النُّذُرُ مِنْ بَیْنِ یَدَیْهِ وَمِنْ خَلْفِهٖۤ اَلَّا تَعْبُدُوْۤا اِلَّا اللّٰهَ ؕ— اِنِّیْۤ اَخَافُ عَلَیْكُمْ عَذَابَ یَوْمٍ عَظِیْمٍ ۟
(ऐ रसूल!) आद समुदाय के नसबी भाई हूद (अलैहिस्सलाम) को याद करें, जब उन्होंने अपनी जाति के लोगों को उनपर अल्लाह की यातना उतरने से डराया। यह उस समय की बात है, जब वे अरब प्रायद्वीप के दक्षिण में स्थित 'अहक़ाफ़' नामी स्थान में अपने घरों में थे। जबकि हूद (अलैहिस्सलाम) से पहले और उनके बाद बहुत-से रसूल अपनी जातियों को सावधान करने वाले आ चुके थे। उन्होंने अपने समुदायों से कहा : केवल अल्लाह की इबादत करो। उसके साथ उसके अलावा की इबादत न करो। निःसंदेह मुझे (ऐ मेरी जाति के लोगो!) तुमपर एक बहुत बड़े दिन की यातना का भय है और वह क़ियामत का दिन है।
Tafsir berbahasa Arab:
قَالُوْۤا اَجِئْتَنَا لِتَاْفِكَنَا عَنْ اٰلِهَتِنَا ۚ— فَاْتِنَا بِمَا تَعِدُنَاۤ اِنْ كُنْتَ مِنَ الصّٰدِقِیْنَ ۟
उनकी जाति ने उनसे कहा : क्या तुम हमारे पास हमें हमारे पूज्यों की उपासना से रोकने के लिए आए हो?! ऐसा हरगिज़ नहीं हो सकता। इसलिए अगर तुम अपने दावे में सच्चे हो, तो हमपर वह यातना ले आओ, जिसकी तुम हमें धमकी देते हो।
Tafsir berbahasa Arab:
قَالَ اِنَّمَا الْعِلْمُ عِنْدَ اللّٰهِ ؗ— وَاُبَلِّغُكُمْ مَّاۤ اُرْسِلْتُ بِهٖ وَلٰكِنِّیْۤ اَرٰىكُمْ قَوْمًا تَجْهَلُوْنَ ۟
हूद (अलैहिस्सलाम) ने कहा : यातना के समय को तो केवल अल्लाह ही जानता है। मुझे इसका कोई ज्ञान नहीं है। मैं तो केवल एक रसूल हूँ, तुम्हें वह संदेश पहुँचाता हूँ, जो मुझे देकर तुम्हारी ओर भेजा गया है। लेकिन मैं तुम लोगों को देखता हूँ कि तुम उस चीज़ से अनभिज्ञ हो जिसमें तुम्हारा लाभ है, इसलिए तुम उसे छोड़ देते हो, तथा उस चीज़ से भी (अनभिज्ञ हो) जिसमें तुम्हारी हानि है, इसलिए तुम उसे करते हो।
Tafsir berbahasa Arab:
فَلَمَّا رَاَوْهُ عَارِضًا مُّسْتَقْبِلَ اَوْدِیَتِهِمْ ۙ— قَالُوْا هٰذَا عَارِضٌ مُّمْطِرُنَا ؕ— بَلْ هُوَ مَا اسْتَعْجَلْتُمْ بِهٖ ؕ— رِیْحٌ فِیْهَا عَذَابٌ اَلِیْمٌ ۟ۙ
फिर जब उनके पास वह यातना आ गई, जिसके लिए उन्होंने जल्दी मचा रखी थी, तो उन्होंने उसे आकाश के एक किनारे पर फैले हुए बादल के रूप में देखा, जो उनकी वादियों की ओर आ रहा था, सो कहने लगे : यह बादल है, जो हमपर बारिश बरसाने वाला है। हूद (अलैहिस्सलाम) ने उनसे कहा : मामला ऐसा नहीं है जैसा तुमने सोचा था कि वह बादल है जो तुम पर बरसने वाला है। बल्कि यह वह यातना है, जिसके लिए तुमने जल्दी मचा रखी थी। दरअसल, यह एक आँधी है, जिसमें दर्दनाक यातना है।
Tafsir berbahasa Arab:
تُدَمِّرُ كُلَّ شَیْ بِاَمْرِ رَبِّهَا فَاَصْبَحُوْا لَا یُرٰۤی اِلَّا مَسٰكِنُهُمْ ؕ— كَذٰلِكَ نَجْزِی الْقَوْمَ الْمُجْرِمِیْنَ ۟
वह जहाँ से गुज़रेगी, हर उस चीज़ को विनष्ट कर देगी, जिसे विनष्ट करने का अल्लाह ने उसे आदेश दिया होगा। चुनाँचे वे इस प्रकार नष्ट हो गए कि केवल उनके वे घर दिखाई देते थे जिनमें वे रहा करते थे, जो उनके वहाँ कभी आबाद होने का पता दे रहे थे। ऐसी ही दर्दनाक यातना हम उन अपराधियों को देते हैं जो अपने कुफ़्र और पाप पर अडिग रहते हैं।
Tafsir berbahasa Arab:
وَلَقَدْ مَكَّنّٰهُمْ فِیْمَاۤ اِنْ مَّكَّنّٰكُمْ فِیْهِ وَجَعَلْنَا لَهُمْ سَمْعًا وَّاَبْصَارًا وَّاَفْـِٕدَةً ۖؗ— فَمَاۤ اَغْنٰی عَنْهُمْ سَمْعُهُمْ وَلَاۤ اَبْصَارُهُمْ وَلَاۤ اَفْـِٕدَتُهُمْ مِّنْ شَیْءٍ اِذْ كَانُوْا یَجْحَدُوْنَ بِاٰیٰتِ اللّٰهِ وَحَاقَ بِهِمْ مَّا كَانُوْا بِهٖ یَسْتَهْزِءُوْنَ ۟۠
और हमने हूद (अलैहिस्सलाम) की जाति को सशक्तीकरण के ऐसे साधन प्रदान किए थे, जो हमने तुम्हें नहीं दिए। तथा हमने उन्हें सुनने के लिए कान दिए, देखने के लिए आँखें दीं और समझने के लिए दिल दिए। लेकिन उनके कानों, उनकी आँखों और उनकी बुद्धि ने उन्हें कुछ भी लाभ नहीं दिया। चुनाँचे जब उनपर अल्लाह की यातना आई, तो ये उसे उनसे टाल नहीं सके। क्योंकि वे अल्लाह की आयतों का इनकार करते थे और उनपर वही यातना टूट पड़ी, जिसका वे मज़ाक़ उड़ाया करते थे, जिससे उनके नबी हूद (अलैहिस्सलाम) ने उन्हें डराया था।
Tafsir berbahasa Arab:
وَلَقَدْ اَهْلَكْنَا مَا حَوْلَكُمْ مِّنَ الْقُرٰی وَصَرَّفْنَا الْاٰیٰتِ لَعَلَّهُمْ یَرْجِعُوْنَ ۟
निश्चय हमने (ऐ मक्का वालो!) तुम्हारे आस-पास की बस्तियों को नष्ट कर दिया। चुनाँचे हमने आद, समूद, लूत (अलैहिस्सलाम) की जाति तथा मदयन वालों को नष्ट कर दिया और हमने उनके लिए विविध प्रकार के प्रमाण और तर्क प्रस्तुत किए; इस आशा में कि वे अपने कुफ़्र से बाज़ आ जाएँ।
Tafsir berbahasa Arab:
فَلَوْلَا نَصَرَهُمُ الَّذِیْنَ اتَّخَذُوْا مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ قُرْبَانًا اٰلِهَةً ؕ— بَلْ ضَلُّوْا عَنْهُمْ ۚ— وَذٰلِكَ اِفْكُهُمْ وَمَا كَانُوْا یَفْتَرُوْنَ ۟
फिर उन मूर्तियों ने उनकी सहायता क्यों न की, जिन्हें उन्होंने अल्लाह के अलावा पूज्य बना लिया था, जिनकी वे पूजा और बलिदान के माध्यम से निकटता प्राप्त करते थे?! उन्होंने उनकी बिल्कुल भी मदद नहीं की। बल्कि वे उनसे उस समय लुप्त हो गईं जब उन्हें उनकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी। यह उनका झूठ और मिथ्यारोपण है, जिसकी वे अपने आपको आशा दिला रहे थे कि ये मूर्तियाँ उन्हें लाभ पहुँचाएँगी और अल्लाह के पास उनके लिए सिफ़ारिश करेंगी।
Tafsir berbahasa Arab:
Beberapa Faedah Ayat-ayat di Halaman Ini:
• لا علم للرسل بالغيب إلا ما أطلعهم ربهم عليه منه.
• रसूलों को परोक्ष का कोई ज्ञान नहीं होता, सिवाय इसके कि उनका रब ने उन्हें किसी बात से अवगत करा दे।

• اغترار قوم هود حين ظنوا العذاب النازل بهم مطرًا، فلم يتوبوا قبل مباغتته لهم.
• हूद (अलैहिस्सलाम) की जाति का धोखा खाना जब उन्होंने अपने ऊपर उतरने वाली यातना को बारिश समझा। इसलिए उन्होंने यातना आने से पहले तौबा नहीं की।

• قوة قوم عاد فوق قوة قريش، ومع ذلك أهلكهم الله.
• आद के लोगों की शक्ति क़ुरैश की शक्ति से अधिक थी, फिर भी अल्लाह ने उन्हें नष्ट कर दिया।

• العاقل من يتعظ بغيره، والجاهل من يتعظ بنفسه.
• बुद्धिमान वह है, जो दूसरों (की स्थिति) से सीख ग्रहण करता है और अज्ञानी वह है, जो खुद से सीख ग्रहण करता है।

وَاِذْ صَرَفْنَاۤ اِلَیْكَ نَفَرًا مِّنَ الْجِنِّ یَسْتَمِعُوْنَ الْقُرْاٰنَ ۚ— فَلَمَّا حَضَرُوْهُ قَالُوْۤا اَنْصِتُوْا ۚ— فَلَمَّا قُضِیَ وَلَّوْا اِلٰی قَوْمِهِمْ مُّنْذِرِیْنَ ۟
और (ऐ रसूल!) उस समय को याद करें, जब हमने आपकी ओर जिन्नों का एक समूह भेजा कि वे आपपर उतरने वाले क़ुरआन को सुनें। जब वे क़ुरआन सुनने के लिए आए, तो उन्होंने एक-दूसरे से कहा : खामोश हो जाओ, ताकि हम इसे ठीक से सुन सकें। फिर जब रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने क़ुरआन पढ़ना समाप्त किया, तो वे अपनी जाति के लोगों के पास लौटे, उन्हें डराते थे कि यदि वे इस क़ुरआन पर ईमान न लाए, तो उन्हें अल्लाह की यातना का सामना करना पड़ेगा।
Tafsir berbahasa Arab:
قَالُوْا یٰقَوْمَنَاۤ اِنَّا سَمِعْنَا كِتٰبًا اُنْزِلَ مِنْ بَعْدِ مُوْسٰی مُصَدِّقًا لِّمَا بَیْنَ یَدَیْهِ یَهْدِیْۤ اِلَی الْحَقِّ وَاِلٰی طَرِیْقٍ مُّسْتَقِیْمٍ ۟
उन्होंने अपनी जाति से कहा : ऐ मेरी जाति के लोगो! हमने एक किताब सुनी है, जिसे अल्लाह ने मूसा (अलैहिस्सलाम) के बाद उतारा है। वह अल्लाह की ओर से अपने से पहले उतरने वाली किताबों की पुष्टि करती है। यह किताब जो हमने सुनी है, सत्य की ओर मार्गदर्शन करती है और सीधा मार्ग दिखाती है और वह इस्लाम का मार्ग है।
Tafsir berbahasa Arab:
یٰقَوْمَنَاۤ اَجِیْبُوْا دَاعِیَ اللّٰهِ وَاٰمِنُوْا بِهٖ یَغْفِرْ لَكُمْ مِّنْ ذُنُوْبِكُمْ وَیُجِرْكُمْ مِّنْ عَذَابٍ اَلِیْمٍ ۟
ऐ मेरी जाति के लोगो! मुहम्मद ने तुम्हें जिस सत्य की ओर बुलाया है, उसे स्वीकार कर लो और इस बात पर ईमान ले आओ कि वह अपने पालनहार की ओर से एक रसूल हैं, अल्लाह तुम्हारे पापों को क्षमा कर देगा और तुम्हें उस दर्दनाक यातना से बचा लेगा, जो तुम्हारी प्रतीक्षा कर रही है, यदि तुमने उस सत्य को स्वीकार न किया जिसकी ओर उन्होंने तुम्हें बुलाया है और इस बात पर ईमान न लाए कि वह अपने पालनहार की ओर से रसूल बनाकर भेजे गए हैं।
Tafsir berbahasa Arab:
وَمَنْ لَّا یُجِبْ دَاعِیَ اللّٰهِ فَلَیْسَ بِمُعْجِزٍ فِی الْاَرْضِ وَلَیْسَ لَهٗ مِنْ دُوْنِهٖۤ اَوْلِیَآءُ ؕ— اُولٰٓىِٕكَ فِیْ ضَلٰلٍ مُّبِیْنٍ ۟
और जो उस सत्य को नहीं मानेगा, जिसकी ओर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम बुला रहे हैं, वह धरती में कहीं भागकर अल्लाह के वश से निकल नहीं सकता। और अल्लाह के सिवा उसके कोई सहायक नहीं होंगे, जो उसे यातना से बचा सकें। ये लोग स्पष्ट रूप से सत्य से भटके हुए हैं।
Tafsir berbahasa Arab:
اَوَلَمْ یَرَوْا اَنَّ اللّٰهَ الَّذِیْ خَلَقَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ وَلَمْ یَعْیَ بِخَلْقِهِنَّ بِقٰدِرٍ عَلٰۤی اَنْ یُّحْیِ الْمَوْتٰی ؕ— بَلٰۤی اِنَّهٗ عَلٰی كُلِّ شَیْءٍ قَدِیْرٌ ۟
क्या पुनर्जीवन को झुठलाने वाले इन मुश्रिकों ने यह नहीं देखा कि वह अल्लाह जिसने आकाशों और धरती की रचना की और उनकी भव्यता और विशालता के बावजूद उन्हें बनाने में अक्षम नहीं हुआ, वह मुर्दों को हिसाब-किताब और बदले के लिए जीवित करने में सक्षम है?! क्यों नहीं! निश्चित रूप से वह उन्हें पुनर्जीवित करने में सक्षम है, क्योंकि वह महिमावान हर चीज़ पर सर्वशक्तिमान है। इसलिए वह मृतकों को पुनर्जीवित करने में असमर्थ नहीं हो सकता है।
Tafsir berbahasa Arab:
وَیَوْمَ یُعْرَضُ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا عَلَی النَّارِ ؕ— اَلَیْسَ هٰذَا بِالْحَقِّ ؕ— قَالُوْا بَلٰی وَرَبِّنَا ؕ— قَالَ فَذُوْقُوا الْعَذَابَ بِمَا كُنْتُمْ تَكْفُرُوْنَ ۟
और जिस दिन अल्लाह और उसके रसूल का इनकार करने वालों को आग के सामने लाया जाएगा, ताकि उन्हें उसकी यातना में डाला जाए और उन्हें फटकार लगाते हुए कहा जाएगा : क्या यह यातना जो तुम देख रहे हो, सत्य नहीं है?! या यह झूठ है जैसा कि तुम दुनिया में कहा करते थे?! वे कहेंगे : क्यों नहीं, हमारे पालनहार की क़सम! यह निश्चय सत्य है। तो उनसे कहा जाएगा : अल्लाह का इनकार करने के कारण यातना का स्वाद चखो।
Tafsir berbahasa Arab:
فَاصْبِرْ كَمَا صَبَرَ اُولُوا الْعَزْمِ مِنَ الرُّسُلِ وَلَا تَسْتَعْجِلْ لَّهُمْ ؕ— كَاَنَّهُمْ یَوْمَ یَرَوْنَ مَا یُوْعَدُوْنَ ۙ— لَمْ یَلْبَثُوْۤا اِلَّا سَاعَةً مِّنْ نَّهَارٍ ؕ— بَلٰغٌ ۚ— فَهَلْ یُهْلَكُ اِلَّا الْقَوْمُ الْفٰسِقُوْنَ ۟۠
(ऐ रसूल!) आप अपनी जाति के लोगों के आपको झुठलाने पर उसी तरह धैर्य रखें, जिस तरह दृढ़ संकल्प वाले रसूलों : नूह, इबराहीम, मूसा और ईसा अलैहिमुस्सलाम ने धैर्य रखा। तथा उनके लिए यातना की जल्दी न करें। आपकी जाति के ये झुठलाने वाले लोग जब आख़िरत में वह यातना देख लेंगे, जिसका उनसे वादा किया जाता है, तो उन्हें अपनी यातना की दीर्घता के कारण ऐसा लगेगा कि वे दुनिया में दिन के एक घंटे से अधिक नहीं रहे। मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर उतरने वाला यह क़ुरआन तो संदेश का पहुँचा देना है और (यह) इनसानों एवं जिन्नों के लिए काफ़ी है। (अब) यातना से केवल वही लोग नष्ट किए जाएँगे, जो कुफ़्र और पापों के द्वारा अल्लाह की आज्ञाकारिता से निकल जाने वाले हैं।
Tafsir berbahasa Arab:
Beberapa Faedah Ayat-ayat di Halaman Ini:
• من حسن الأدب الاستماع إلى المتكلم والإنصات له.
• वक्ता की बात सुनना और उसके लिए चुप रहना अच्छे शिष्टाचार में से है।

• سرعة استجابة المهتدين من الجنّ إلى الحق رسالة ترغيب إلى الإنس.
• मार्गदर्शित जिन्नों का सत्य को स्वीकारने में जल्दी करना मानव जाति के लिए प्रोत्साहन का संदेश है।

• الاستجابة إلى الحق تقتضي المسارعة في الدعوة إليه.
• सत्य को स्वीकार करने के लिए आवश्यक है कि उसकी ओर बुलाने में जल्दी की जाए।

• الصبر خلق الأنبياء عليهم السلام.
• सब्र (धैर्य) नबियों (अलैहिमुस्सलाम) का आचरण है।

 
Terjemahan makna Surah: Surah Al-Aḥqāf
Daftar surah Nomor Halaman
 
Terjemahan makna Alquran Alkarim - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - Daftar isi terjemahan

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

Tutup