Traduzione dei Significati del Sacro Corano - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Indice Traduzioni


Traduzione dei significati Versetto: (27) Sura: Yûsuf
وَاِنْ كَانَ قَمِیْصُهٗ قُدَّ مِنْ دُبُرٍ فَكَذَبَتْ وَهُوَ مِنَ الصّٰدِقِیْنَ ۟
और यदि यूसुफ़ का कुर्ता उसके पीछे से फाड़ा गया है, तो यह उनके सच्चे होने का सबूत है; क्योंकि वह उन्हें फुसला रही थी और वह उससे भाग रहे थे। इसलिए वह झूठी है।
Esegesi in lingua araba:
Alcuni insegnamenti da trarre da questi versi sono:
• قبح خيانة المحسن في أهله وماله، الأمر الذي ذكره يوسف من جملة أسباب رفض الفاحشة.
• उपकार करने वाले के साथ उसके परिवार एवं धन में विश्वासघात करने की बुराई। यही वह बात है, जिसका उल्लेख यूसुफ़ अलैहिस्सलाम ने कुकर्म को नकारने के कारणों में किया है।

• بيان عصمة الأنبياء وحفظ الله لهم من الوقوع في السوء والفحشاء.
• नबियों के दोषरहित होने और अल्लाह के उन्हें बुराई और अनैतिकता में पड़ने से सुरक्षित रखने का वर्णन।

• وجوب دفع الفاحشة والهرب والتخلص منها.
• कुकर्म को रोकना, उससे भागना और उससे पीछा छुड़ाना ज़रूरी है।

• مشروعية العمل بالقرائن في الأحكام.
• अह़काम में संकेतों पर अमल करने की वैधता।

 
Traduzione dei significati Versetto: (27) Sura: Yûsuf
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