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Traduzione dei Significati del Sacro Corano - Traduzione hindi dell'Abbreviata Esegesi del Nobile Corano * - Indice Traduzioni


Traduzione dei significati Sura: Al-Kahf   Versetto:
وَلَقَدْ صَرَّفْنَا فِیْ هٰذَا الْقُرْاٰنِ لِلنَّاسِ مِنْ كُلِّ مَثَلٍ ؕ— وَكَانَ الْاِنْسَانُ اَكْثَرَ شَیْءٍ جَدَلًا ۟
हमने मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर उतरने वाले इस क़ुरआन में अनेक प्रकार के बहुत-से उदाहरण प्रस्तुत किए हैं और उन्हें विविधता के साथ बयान किए हैं। ताकि लोग नसीहत और सदुपदेश प्राप्त करें। लेकिन मनुष्य - विशेष रूप से एक काफ़िर - की ओर से जो चीज़ सबसे ज़्यादा सामने आती है, वह ना-हक़ (सच्चाई के बिना) झगड़ना (बहस करना) है।
Esegesi in lingua araba:
وَمَا مَنَعَ النَّاسَ اَنْ یُّؤْمِنُوْۤا اِذْ جَآءَهُمُ الْهُدٰی وَیَسْتَغْفِرُوْا رَبَّهُمْ اِلَّاۤ اَنْ تَاْتِیَهُمْ سُنَّةُ الْاَوَّلِیْنَ اَوْ یَاْتِیَهُمُ الْعَذَابُ قُبُلًا ۟
हठी काफिरों और मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम अपने पालनहार की ओर से जो कुछ लेकर आए थे उसपर ईमान लाने के बीच, तथा उनके और उनके अपने गुनाहों से तौबा करने के बीच (प्रमाणों के) स्पष्टीकरण का अभाव बाधक नहीं बना। क्योंकि क़ुरआन में उनके लिए उदाहरण दिए गए थे, और उनके पास स्पष्ट तर्क आए थे। बल्कि उनके लिए रुकावट केवल उनकी यह - हठपूर्ण - माँग बन गई कि उनपर पिछले समुदायों वाला अज़ाब लाया जाए, तथा वे उस अज़ाब को अपनी आँखों से देख लें जिसका उनसे वादा किया गया था।
Esegesi in lingua araba:
وَمَا نُرْسِلُ الْمُرْسَلِیْنَ اِلَّا مُبَشِّرِیْنَ وَمُنْذِرِیْنَ ۚ— وَیُجَادِلُ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا بِالْبَاطِلِ لِیُدْحِضُوْا بِهِ الْحَقَّ وَاتَّخَذُوْۤا اٰیٰتِیْ وَمَاۤ اُنْذِرُوْا هُزُوًا ۟
और हम अपने जो भी रसूल भेजते हैं, उन्हें ईमान और आज्ञाकारिता के लोगों को शुभ सूचना देने वाले, तथा कुफ्र और अवज्ञा करने वालों को डराने वाले बनाकर भेजते हैं। और उनका लोगों के दिलों पर कोई अधिकार (ज़ोर) नहीं होता कि उन्हें मार्गदर्शन स्वीकारने पर उभार सकें। और जिन लोगों ने अल्लाह का इनकार किया है, वे अपने सामने प्रमाणों के स्पष्ट हो जाने के बावजूद भी रसूलों के साथ झगड़ा (बहस) करते हैं; ताकि वे अपने असत्य के द्वारा मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर उतरने वाले सत्य को निराकृत कर दें। तथा उन्होंने क़ुरआन को और उस चीज़ को जिससे उन्हें डराया गया था, हँसी और मज़ाक बना लिया।
Esegesi in lingua araba:
وَمَنْ اَظْلَمُ مِمَّنْ ذُكِّرَ بِاٰیٰتِ رَبِّهٖ فَاَعْرَضَ عَنْهَا وَنَسِیَ مَا قَدَّمَتْ یَدٰهُ ؕ— اِنَّا جَعَلْنَا عَلٰی قُلُوْبِهِمْ اَكِنَّةً اَنْ یَّفْقَهُوْهُ وَفِیْۤ اٰذَانِهِمْ وَقْرًا ؕ— وَاِنْ تَدْعُهُمْ اِلَی الْهُدٰی فَلَنْ یَّهْتَدُوْۤا اِذًا اَبَدًا ۟
और कोई भी उससे बढ़कर अत्याचारी नहीं हो सकता, जिसे उसके पालनहार की आयतों द्वारा समझाया जाए, लेकिन वह उसमें पाई जाने वाली अज़ाब की धमकी की परवाह न करे और उससे नसीहत प्राप्त करने से मुँह मोड़ ले। तथा उसने अपने सांसारिक जीवन में जो कुफ़्र और पाप करके आगे बढ़ाए हैं, उन्हें भूल जाए और उनसे तौबा न करे। निश्चय हमने ऐसे लोगों के दिलों पर पर्दे डाल दिए हैं, जो उन्हें क़ुरआन समझने से रोक रहे हैं, और उनके कानों में बहरापन डाल दिया है, जिसके कारण वे उसे स्वीकार करने के लिए नहीं सुनते हैं। यदि तुम उन्हें ईमान की ओर बुलाओ, तो जब तक उनके दिलों पर पर्दे और उनके कानों में बहरापन है, तुम्हारे बुलावे का कदापि उत्तर नहीं देंगे।
Esegesi in lingua araba:
وَرَبُّكَ الْغَفُوْرُ ذُو الرَّحْمَةِ ؕ— لَوْ یُؤَاخِذُهُمْ بِمَا كَسَبُوْا لَعَجَّلَ لَهُمُ الْعَذَابَ ؕ— بَلْ لَّهُمْ مَّوْعِدٌ لَّنْ یَّجِدُوْا مِنْ دُوْنِهٖ مَوْىِٕلًا ۟
और ऐसा न हो कि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम आपको झुठलाने वालों को जल्दी यातना देने की आकांक्षा करें, अल्लाह तआला ने आपसे फरमाया : और (ऐ रसूल!) आपका पालनहार अपने तौबा करने वाले बंदो के पापों को क्षमा करने वाला, तथा ऐसी दया वाला है, जो हर चीज़ को शामिल है। और उसकी दया में से यह भी है कि वह अवज्ञाकारियों को ढील देता है, ताकि वे उसके समक्ष तौबा कर लें। यदि अल्लाह इन मुँह मोड़ने वालों को सज़ा देता, तो इसी सांसारिक जीवन में उन्हें जल्दी सज़ा दे देता। परंतु वह सहनशील और दयालु है। उनसे यातना को टाल रखा है, ताकि वे तौबा कर लें। बल्कि उनके लिए एक विशिष्ट स्थान और समय है, जिनमें उन्हें उनके कुफ्र एवं मुँह मोड़ने की सज़ा दी जाएगी, यदि उन्होंने तौबा नहीं की। उसके सिवा, उन्हें बचने का कोई ऐसा स्थान नहीं मिलेगा, जहाँ वे शरण ले सकें।
Esegesi in lingua araba:
وَتِلْكَ الْقُرٰۤی اَهْلَكْنٰهُمْ لَمَّا ظَلَمُوْا وَجَعَلْنَا لِمَهْلِكِهِمْ مَّوْعِدًا ۟۠
तथा वे काफ़िर बस्तियाँ, जो तुम्हारे आस-पास ही आबाद थीं, जैसे हूद, सालेह और शुऐब अलैहिस्सलाम की जातियों की बस्तियाँ, हमने उन्हें विनष्ट कर दिया, जब उन्होंने कुफ़्र और गुनाहों के द्वारा खुद पर अत्याचार किया, और हमने उनके विनाश का एक विशिष्ट समय निर्धारित कर रखा था।
Esegesi in lingua araba:
وَاِذْ قَالَ مُوْسٰی لِفَتٰىهُ لَاۤ اَبْرَحُ حَتّٰۤی اَبْلُغَ مَجْمَعَ الْبَحْرَیْنِ اَوْ اَمْضِیَ حُقُبًا ۟
और (ऐ रसूल) वह समय याद करें, जब मूसा अलैहिस्सलाम ने अपने सेवक यूशा बिन नून से कहा : मैं लगातार चलता ही रहूँगा, यहाँ तक कि दो सागरों के संगम पर पहुँच जाऊँ या लंबे समय तक चलता ही रहूँ, यहाँ तक कि सदाचारी बंदे से मिलकर उससे कुछ ज्ञान अर्जित कर लूँ।
Esegesi in lingua araba:
فَلَمَّا بَلَغَا مَجْمَعَ بَیْنِهِمَا نَسِیَا حُوْتَهُمَا فَاتَّخَذَ سَبِیْلَهٗ فِی الْبَحْرِ سَرَبًا ۟
फिर वे दोनों चल पड़े और जब वे दो सागरों के संगम पर पहुँचे, तो वे अपनी वह मछली भूल गए, जिसे उन्होंने अपने लिए भोजन के रूप में लिया था। चुनाँचे अल्लाह ने मछली को जीवित कर दिया और उसने समुद्र में सुरंग की तरह रास्ता बना लिया, उसके साथ पानी मिलता नहीं था।
Esegesi in lingua araba:
Alcuni insegnamenti da trarre da questi versi sono:
• عظمة القرآن وجلالته وعمومه؛ لأن فيه كل طريق موصل إلى العلوم النافعة، والسعادة الأبدية، وكل طريق يعصم من الشر.
• क़ुरआन की महानता, महिमा और सर्व सामान्यता; क्योंकि उसमें लाभदायक ज्ञान और शाश्वत सुख की ओर ले जाने वाला हर रास्ता, तथा बुराई से बचाने वाला प्रत्येक मार्ग है।

• من حكمة الله ورحمته أن تقييضه المبطلين المجادلين الحق بالباطل من أعظم الأسباب إلى وضوح الحق، وتبيُّن الباطل وفساده.
• यह अल्लाह की हिकमत और दया में से है कि उसका असत्य के साथ सत्य से वाद-विवाद करने वाले असत्यवादियों को उत्पन्न करना, सत्य की स्पष्टता तथा असत्य और उसकी खराबियों को स्पष्ट करने के सबसे बड़े कारणों में से है।

• في الآيات من التخويف لمن ترك الحق بعد علمه أن يحال بينه وبين الحق، ولا يتمكن منه بعد ذلك، ما هو أعظم مُرَهِّب وزاجر عن ذلك.
• इन आयतों में, सत्य को जानने के बावजूद उसे त्याग कर देने वाले को इस बात से डराया गया है कि उसके और सत्य के बीच बाधा न खड़ी कर दी जाए और उसके बाद वह सत्य को प्राप्त करने में सक्षम न हो सके, जो ऐसा करने से सबसे बड़ा निरोधक और भयभीत करने वाला है।

• فضيلة العلم والرحلة في طلبه، واغتنام لقاء الفضلاء والعلماء وإن بعدت أقطارهم.
• ज्ञान की श्रेष्ठता और उसे प्राप्त करने के लिए यात्रा का महत्व, तथा गुणी लोगों और विद्वानों की मुलाक़ात से लाभ उठाना, भले ही उनके देश दूर हों।

• الحوت يطلق على السمكة الصغيرة والكبيرة ولم يرد في القرآن لفظ السمك، وإنما ورد الحوت والنون واللحم الطري.
• 'ह़ूत' शब्द छोटी और बड़ी दोनों तरह की मछली के लिए आता है। दरअसल, क़ुरआन में 'समक' शब्द नहीं आया है, बल्कि 'ह़ूत', 'नून' और 'लहम तरी' (नरम मांस) शब्द आए हैं।

 
Traduzione dei significati Sura: Al-Kahf
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Emesso dal Tafseer Center per gli Studi Coranici.

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