Traduzione dei Significati del Sacro Corano - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Indice Traduzioni


Traduzione dei significati Versetto: (9) Sura: Al-Baqarah
یُخٰدِعُوْنَ اللّٰهَ وَالَّذِیْنَ اٰمَنُوْا ۚ— وَمَا یَخْدَعُوْنَ اِلَّاۤ اَنْفُسَهُمْ وَمَا یَشْعُرُوْنَ ۟ؕ
वे अपनी अज्ञानतावश यह समझते हैं कि वे ईमान का प्रदर्शन करके और कुफ़्र को छिपाकर अल्लाह और मोमिनों को धोखा दे रहे हैं। लेकिन उन्हें इसका एहसास नहीं है; क्योंकि अल्लाह रहस्य और छिपी बातों को जानता है और उसने ईमान वालों को उनकी विशेषताओं और स्थितियों के बारे में सूचित कर दिया है।
Esegesi in lingua araba:
Alcuni insegnamenti da trarre da questi versi sono:
• أن من طبع الله على قلوبهم بسبب عنادهم وتكذيبهم لا تنفع معهم الآيات وإن عظمت.
• जिन लोगों के हठ और झुठलाने ( इनकार) के कारण अल्लाह ने उनके दिलों पर, मुहर लगा दी है, उनके लिए बड़ी से बड़ी निशानी भी लाभकारी नहीं हो सकती।

• أن إمهال الله تعالى للظالمين المكذبين لم يكن عن غفلة أو عجز عنهم، بل ليزدادوا إثمًا، فتكون عقوبتهم أعظم.
• अल्लाह तआला का अत्याचारियों को ढील देना, उनसे बेख़बरी अथवा विवशता के कारण नहीं है, बल्कि इसलिए है कि वे पाप में बढ़ जाएँ, फिर उनकी सज़ा और अधिक बढ़ा दी जाए।

 
Traduzione dei significati Versetto: (9) Sura: Al-Baqarah
Indice delle Sure Numero di pagina
 
Traduzione dei Significati del Sacro Corano - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - Indice Traduzioni

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

Chiudi