Traduzione dei Significati del Sacro Corano - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Indice Traduzioni


Traduzione dei significati Versetto: (83) Sura: Al-Anbiyâ’
وَاَیُّوْبَ اِذْ نَادٰی رَبَّهٗۤ اَنِّیْ مَسَّنِیَ الضُّرُّ وَاَنْتَ اَرْحَمُ الرّٰحِمِیْنَ ۟ۚۖ
और (ऐ रसूल!) अय्यूब अलैहिस्सलाम की कहानी को याद करें, जब उन्होंने विपत्ति से ग्रस्त होने पर अपने रब को यह कहते हुए पुकारा : ऐ मेरे रब! मुझे बीमारी लग गई है और घर वाले बिछड़ गए। और तू सभी दया करने वालों में सबसे अधिक दया करने वाला है। अतः मुझसे उस विपत्ति को दूर कर दे, जो मुझे पहुँची है।
Esegesi in lingua araba:
Alcuni insegnamenti da trarre da questi versi sono:
• الصلاح سبب للرحمة.
• अच्छाई (धर्म-परायणता) दया का कारण है।

• الالتجاء إلى الله وسيلة لكشف الكروب.
• अल्लाह का सहारा लेना संकटों को दूर करने का कारण है।

• فضل طلب الولد الصالح ليبقى بعد الإنسان إذا مات.
• अल्लाह से नेक संतान माँगने की फज़ीलत, ताकि वह आदमी के मरने के बाद बाक़ी रहे।

• الإقرار بالذنب، والشعور بالاضطرار لله وشكوى الحال له، وطاعة الله في الرخاء من أسباب إجابة الدعاء وكشف الضر.
• गुनाह का इक़रार करना, अल्लाह के प्रति अपनी विवशता की भावना, उसी से अपनी स्थिति की शिकायत करना और खुशहाली में अल्लाह की आज्ञा का पालन करना, दुआ के क़बूल होने और संकट के मोचन के कारणों में से है।

 
Traduzione dei significati Versetto: (83) Sura: Al-Anbiyâ’
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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