Traduzione dei Significati del Sacro Corano - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Indice Traduzioni


Traduzione dei significati Versetto: (76) Sura: Al-Hajj
یَعْلَمُ مَا بَیْنَ اَیْدِیْهِمْ وَمَا خَلْفَهُمْ ؕ— وَاِلَی اللّٰهِ تُرْجَعُ الْاُمُوْرُ ۟
वह सर्वशक्तिमान फ़रिश्तों और इनसानों में से अपने संदेशवाहकों के उनके पैदा होने के पहले और उनके मरने के बाद के हालात से अवगत है। और उसी की ओर क़ियामत के दिन सारे मामले लौटाए जाएँगे, जब वह अपने बंदों को दोबारा जीवित करेगा और उन्हें उनके कर्मों का बदला देगा।
Esegesi in lingua araba:
Alcuni insegnamenti da trarre da questi versi sono:
• أهمية ضرب الأمثال لتوضيح المعاني، وهي طريقة تربوية جليلة.
• अर्थ को स्पष्ट करने के लिए उदाहरण प्रस्तुत करने का महत्व। और यह एक महान शैक्षणिक पद्धति है।

• عجز الأصنام عن خلق الأدنى دليل على عجزها عن خلق غيره.
• मूर्तियों की अत्यंत तुच्छ चीज़ को पैदा करने में अक्षमता, उसके अलावा चीज़ों को भी पैदा करने में उनकी अक्षमता का प्रमाण है।

• الإشراك بالله سببه عدم تعظيم الله.
• अल्लाह के साथ साझी बनाने का कारण, उसका आदर न करना है।

• إثبات صفتي القوة والعزة لله، وأهمية أن يستحضر المؤمن معاني هذه الصفات.
• अल्लाह के लिए 'क़ुव्वत' (शक्ति) और 'इज़्ज़त' (गौरव, प्रभुत्व) के गुणों को साबित करना। और इस बात का महत्व कि इनसान इन गुणों के अर्थों को हमेशा दिमाग़ में रखे।

 
Traduzione dei significati Versetto: (76) Sura: Al-Hajj
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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