Traduzione dei Significati del Sacro Corano - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Indice Traduzioni


Traduzione dei significati Versetto: (67) Sura: Al-Furqân
وَالَّذِیْنَ اِذَاۤ اَنْفَقُوْا لَمْ یُسْرِفُوْا وَلَمْ یَقْتُرُوْا وَكَانَ بَیْنَ ذٰلِكَ قَوَامًا ۟
और वे लोग कि जब अपना धन खर्च करते हैं, तो फ़िज़ूलखर्ची की सीमा तक नहीं पहुँचते और जिनपर ख़र्च करने के लिए वे बाध्य हैं, उनपर ख़र्च करने में तंगी नहीं करते हैं। बल्कि खर्च करने के मामले में फ़िज़ूलख़र्ची और कंजूसी के बीच संतुलित राह अपनाते हैं।
Esegesi in lingua araba:
Alcuni insegnamenti da trarre da questi versi sono:
• الداعي إلى الله لا يطلب الجزاء من الناس.
• अल्लाह की ओर बुलाने वाला लोगों से बदला नहीं माँगता।

• ثبوت صفة الاستواء لله بما يليق به سبحانه وتعالى.
• अल्लाह के लिए "इस्तिवा" (अर्श पर बुलंद होने) के गुण का प्रमाण, जैसा कि उस सर्वशक्तिमान की महिमा के योग्य है।

• أن الرحمن اسم من أسماء الله لا يشاركه فيه أحد قط، دال على صفة من صفاته وهي الرحمة.
• "रहमान" अल्लाह के नामों में से एक ऐसा नाम है, जिसमें कोइ कभी भी उसका साझी नहीं हो सकता। यह अल्लाह के गुणों में से एक गुण "रहमत" (दया) को इंगित करता है।

• إعانة العبد بتعاقب الليل والنهار على تدارُكِ ما فاتَهُ من الطاعة في أحدهما.
• रात और दिन को एक-दूसरे के पीछे लाकर बंदे की उस नेकी के कार्य की भरपाई करने में मदद करना, जो उससे उन दोनों में से किसी एक में छूट गया है।

• من صفات عباد الرحمن التواضع والحلم، وطاعة الله عند غفلة الناس، والخوف من الله، والتزام التوسط في الإنفاق وفي غيره من الأمور.
• अल्लाह के सदाचारी बंदों के गुणों में विनम्रता, सहनशीलता, लोगों की लापरवाह के समय अल्लाह की आज्ञाकारिता, अल्लाह का भय, तथा खर्च करने और अन्य मामलों में मध्यमता अपनाने की प्रतिबद्धता शामिल है।

 
Traduzione dei significati Versetto: (67) Sura: Al-Furqân
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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