Traduzione dei Significati del Sacro Corano - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Indice Traduzioni


Traduzione dei significati Versetto: (50) Sura: Al-An‘âm
قُلْ لَّاۤ اَقُوْلُ لَكُمْ عِنْدِیْ خَزَآىِٕنُ اللّٰهِ وَلَاۤ اَعْلَمُ الْغَیْبَ وَلَاۤ اَقُوْلُ لَكُمْ اِنِّیْ مَلَكٌ ۚ— اِنْ اَتَّبِعُ اِلَّا مَا یُوْحٰۤی اِلَیَّ ؕ— قُلْ هَلْ یَسْتَوِی الْاَعْمٰی وَالْبَصِیْرُ ؕ— اَفَلَا تَتَفَكَّرُوْنَ ۟۠
(ऐ रसूल!) आप इन मुश्रिकों से कह दें : मैं तुमसे नहीं कहता : मेरे पास अल्लाह की रोज़ी के ख़ज़ाने हैं, इसलिए मैं उन्हें अपनी इच्छानुसार ख़र्च करता हूँ। और न ही मैं तुमसे यह कहता हूँ : मुझे ग़ैब का ज्ञान है, सिवाय उस वह़्य के जिससे अल्लाह ने मुझे सूचित किया है। और न मैं तुमसे यह कहता हूँ : मैं फ़रिश्तों में से एक फ़रिश्ता हूँ। क्योंकि मैं अल्लाह का रसूल हूँ। मैं केवल उसी का अनुसरण करता हूँ, जो मेरी ओर वह़्य (प्रकाशना) की जाती है। मैं उसका दावा नहीं करता, जिसका मुझे अधिकार नहीं। (ऐ रसूल!) उनसे कह दें : क्या वह काफ़िर जिसकी अन्तर्दृष्टि सत्य से अंधी हो गई है, और वह मोमिन जिसने सत्य को देखा और उसपर ईमान लाया, क्या दोनों बराबर हो सकते हैं? तो क्या (ऐ मुश्रिको!) तुम अपनी बुद्धियों से अपने चारों ओर फैली हुई निशानियों पर ग़ौर नहीं करते।
Esegesi in lingua araba:
Alcuni insegnamenti da trarre da questi versi sono:
• الأنبياء بشر، ليس لهم من خصائص الربوبية شيء البتة، ومهمَّتهم التبليغ، فهم لا يملكون تصرفًا في الكون، فلا يعلمون الغيب، ولا يملكون خزائن رزق ونحو ذلك.
• संदेष्टा मनुष्य होते हैं। उनके पास ईश्वरत्व की कोई विशेषता बिल्कुल नहीं होती। उनका मिशन केवल अल्लाह का संदेश पहुँचाना होता है। उनका ब्रह्मांड पर कोई नियंत्रण नहीं होता है। चुनाँचे वे ग़ैब (अदृश्य) को नहीं जानते और न ही वे रोज़ी के खज़ानों आदि के मालिक होते हैं।

• اهتمام الداعية بأتباعه وخاصة أولئك الضعفاء الذين لا يبتغون سوى الحق، فعليه أن يقرِّبهم، ولا يقبل أن يبعدهم إرضاء للكفار.
• अल्लाह की ओर बुलाने वाले को चाहिए कि अपने अनुयायियों का ख़याल रखे, खासकर उन कमज़ोर लोगों का जो केवल सत्य की इच्छा रखते हैं। इसलिए उसे चाहिए कि उन्हें अपने क़रीब लाए, और काफ़िरों को खुश करने के लिए उन्हें दूर रखना स्वीकार न करे।

• إشارة الآية إلى أهمية العبادات التي تقع أول النهار وآخره.
• इस आयत में दिन की शुरुआत और उसके अंत में होने वाली इबादतों के महत्व की ओर संकेत है।

 
Traduzione dei significati Versetto: (50) Sura: Al-An‘âm
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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