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Traduzione dei Significati del Sacro Corano - Traduzione hindi dell'Abbreviata Esegesi del Nobile Corano * - Indice Traduzioni


Traduzione dei significati Sura: Al-A‘râf   Versetto:
قَالَ یٰمُوْسٰۤی اِنِّی اصْطَفَیْتُكَ عَلَی النَّاسِ بِرِسٰلٰتِیْ وَبِكَلَامِیْ ۖؗ— فَخُذْ مَاۤ اٰتَیْتُكَ وَكُنْ مِّنَ الشّٰكِرِیْنَ ۟
अल्लाह ने कहा : ऐ मूसा! मैंने तुम्हें चुन लिया और अपने संदेशों के साथ लोगों पर तुम्हें श्रेष्ठता प्रदान की जब मैंने तुम्हें उनके पास भेजा, और मैंने तुम्हें बिना किसी मध्यस्थ के अपनी वार्ता का सौभाग्य प्रदान किया। अतः हमारे दिए हुए इस उदार सम्मान को ले लो और इस महान प्रदान पर अल्लाह का शुक्रिया अदा करने वालों में से हो जाओ।
Esegesi in lingua araba:
وَكَتَبْنَا لَهٗ فِی الْاَلْوَاحِ مِنْ كُلِّ شَیْءٍ مَّوْعِظَةً وَّتَفْصِیْلًا لِّكُلِّ شَیْءٍ ۚ— فَخُذْهَا بِقُوَّةٍ وَّاْمُرْ قَوْمَكَ یَاْخُذُوْا بِاَحْسَنِهَا ؕ— سَاُورِیْكُمْ دَارَ الْفٰسِقِیْنَ ۟
हमने मूसा के लिए लकड़ी अथवा अन्य किसी वस्तु से बनी तख़्तियों में, हर वह चीज़ लिख दी, जिसकी बनी इसराईल को उनके धर्म और दुनिया के मामलों में ज़रूरत थी, ताकि उनमें से उपदेश ग्रहण करने वालों के लिए उपदेश और उन नियमों का विवरण हो जाए, जिनके विवरण की आवश्यकता हो। अब (ऐ मूसा!) इस तौरात को पूरी शक्ति से थाम लो, और अपनी जाति बनी इसराईल को आदेश दो कि वे इसकी उत्तम चीज़ों को पकड़ लें, जिनका बदला बहुत बड़ा है, जैसे आदेशों का संपूर्ण तरीके से पालन करना, और जैसे कि धैर्य रखना और माफ़ करना। मैं शीघ्र ही तुम्हें उन लोगों का परिणाम दिखाऊँगा, जिन्होंने मेरे आदेश का उल्लंघन किया और मेरी आज्ञाकारिता से निकल गए, तथा उन्हें किस तरह के विनाश और तबाही का सामना करना पड़ेगा।
Esegesi in lingua araba:
سَاَصْرِفُ عَنْ اٰیٰتِیَ الَّذِیْنَ یَتَكَبَّرُوْنَ فِی الْاَرْضِ بِغَیْرِ الْحَقِّ ؕ— وَاِنْ یَّرَوْا كُلَّ اٰیَةٍ لَّا یُؤْمِنُوْا بِهَا ۚ— وَاِنْ یَّرَوْا سَبِیْلَ الرُّشْدِ لَا یَتَّخِذُوْهُ سَبِیْلًا ۚ— وَاِنْ یَّرَوْا سَبِیْلَ الْغَیِّ یَتَّخِذُوْهُ سَبِیْلًا ؕ— ذٰلِكَ بِاَنَّهُمْ كَذَّبُوْا بِاٰیٰتِنَا وَكَانُوْا عَنْهَا غٰفِلِیْنَ ۟
मैं संसार एवं इनसान के अंदर मौजूद अपनी निशानियों से सीख ग्रहण करने और मेरी किताब की आयतों को समझने से उन लोगों को विचलित कर दूँगा, जो अल्लाह के बंदों पर और सत्य पर नाहक़ अभिमान करते हैं। और जिनका हाल यह है कि यदि वे हर प्रकार की निशानियाँ देखते हैं, तो भी उन्हें नहीं मानते हैं; क्योंकि वे उनपर आपत्ति करते और उनसे मुँह फेरते हैं, तथा इसलिए भी कि वे अल्लाह और उसके रसूल का विरोध करते हैं। और यदि वे सत्य का मार्ग देखते हैं, जो अल्लाह की प्रसन्नता की ओर ले जाता है, तो वे उसका पालन नहीं करते हैं और न उसमें कोई दिलचस्पी रखते हैं। और अगर वे अल्लाह के क्रोध की ओर ले जाने वाले गुमराही के रास्ते को देखते हैं, तो उसका अनुसरण करते हैं। यह मुसीबत जो उनपर आई, केवल इस कारण आई कि उन्होंने रसूलों के लाए हुए संदेश की सच्चाई को दर्शाने वाली अल्लाह की महान निशानियों को झुठलाया, और इसलिए कि उन्होंने उनपर सोच-विचार करने से उपेक्षा की।
Esegesi in lingua araba:
وَالَّذِیْنَ كَذَّبُوْا بِاٰیٰتِنَا وَلِقَآءِ الْاٰخِرَةِ حَبِطَتْ اَعْمَالُهُمْ ؕ— هَلْ یُجْزَوْنَ اِلَّا مَا كَانُوْا یَعْمَلُوْنَ ۟۠
जिन लोगों ने हमारे रसूलों की सच्चाई को दर्शाने वाली हमारी आयतों को झुठलाया तथा क़ियामत के दिन अल्लाह से मिलने को झुठलाया, उनके वे कर्म व्यर्थ हो गए, जो इबादत के वर्ग से हैं। चुनाँचे उन्हें उनका प्रतिफल नहीं मिलेगा। क्योंकि उसकी शर्त अर्थ ईमान ही मौजूद नहीं है। और क़ियामत के दिन उन्हें उसी कुफ़्र और शिर्क का बदला दिया जाएगा, जो वे किया करते थे। और उसका बदला हमेशा के लिए जहन्नम में रहना है।
Esegesi in lingua araba:
وَاتَّخَذَ قَوْمُ مُوْسٰی مِنْ بَعْدِهٖ مِنْ حُلِیِّهِمْ عِجْلًا جَسَدًا لَّهٗ خُوَارٌ ؕ— اَلَمْ یَرَوْا اَنَّهٗ لَا یُكَلِّمُهُمْ وَلَا یَهْدِیْهِمْ سَبِیْلًا ۘ— اِتَّخَذُوْهُ وَكَانُوْا ظٰلِمِیْنَ ۟
जब मूसा अलैहिस्सलाम अपने पालनहार से बात करने के लिए गए, तो उनकी जाति के लोगों ने अपने गहनों से बछड़े की एक मूर्ति बना ली, जिसमें कोई आत्मा नहीं थी, जबकि उसकी एक आवाज़ थी। क्या उन्हें पता नहीं कि यह बछड़ा न तो उनसे बात करता है, न किसी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष भलाई का मार्ग दिखाता है और न उन्हें कोई लाभ पहुँचाता है या उनसे कोई हानि दूर करता है?! उन्होंने उसे पूज्य बना लिया तथा ऐसा करके वे अपने ऊपर अत्याचार करने वाले थे।
Esegesi in lingua araba:
وَلَمَّا سُقِطَ فِیْۤ اَیْدِیْهِمْ وَرَاَوْا اَنَّهُمْ قَدْ ضَلُّوْا ۙ— قَالُوْا لَىِٕنْ لَّمْ یَرْحَمْنَا رَبُّنَا وَیَغْفِرْ لَنَا لَنَكُوْنَنَّ مِنَ الْخٰسِرِیْنَ ۟
और जब वे (अपने किए पर) लज्जित और चकित हुए तथा समझ गए कि वे अल्लाह के साथ बछड़े को पूज्य बनाने के कारण सही मार्ग से भटक गए हैं, तो अल्लाह से विनयपूर्वक प्रार्थना करते हुए कहने लगे : यदि हमारे पालनहार ने अपने आज्ञापालन की तौफ़ीक़ देकर हमपर दया नहीं की, और हमने बछड़े की पूजा करके जो पाप किया है, उसे क्षमा नहीं किया, तो हम निश्चित रूप से उन लोगों में से हो जाएँगे जिन्होंने अपनी दुनिया और आख़िरत दोनों का घाटा किया।
Esegesi in lingua araba:
Alcuni insegnamenti da trarre da questi versi sono:
• على العبد أن يكون من المُظْهِرين لإحسان الله وفضله عليه، فإن الشكر مقرون بالمزيد.
• बंदे को चाहिए कि अपने ऊपर अल्लाह के उपकार और उसके अनुग्रह को अभिव्यक्त करने वालों में से हो। क्योंकि शुक्रिया अदा करने से और अधिक मिलता है।

• على العبد الأخذ بالأحسن في الأقوال والأفعال.
• बंदे को चाहिए कि सर्वश्रेष्ठ बात एवं कार्य को अपनाए।

• يجب تلقي الشريعة بحزم وجد وعزم على الطاعة وتنفيذ ما ورد فيها من الصلاح والإصلاح ومنع الفساد والإفساد.
• शरीयत को दृढ़ता, तत्परता और पालन करने के दृढ़ संकल्प के साथ प्राप्त किया जाना चाहिए तथा उसमें वर्णित धार्मिकता और सुधार का कार्यान्वयन तथा भ्रष्टाचार और बिगाड़ को रोकने भ्रष्टाचार की रोकथाम।

• على العبد إذا أخطأ أو قصَّر في حق ربه أن يعترف بعظيم الجُرْم الذي أقدم عليه، وأنه لا ملجأ من الله في إقالة عثرته إلا إليه.
• बंदे के लिए ज़रूरी है कि जब उससे अपने रब का हक़ अदा करने में कोई ग़लती या कोताही हो जाए, तो उसे अपने द्वारा किए गए गंभीर अपराध को स्वीकार करना चाहिए और यह कि उसकी ग़लती को अल्लाह के सिवा कोई माफ़ नहीं कर सकता।

 
Traduzione dei significati Sura: Al-A‘râf
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Emesso dal Tafseer Center per gli Studi Coranici.

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