Traduzione dei Significati del Sacro Corano - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Indice Traduzioni


Traduzione dei significati Versetto: (92) Sura: Al-A‘râf
الَّذِیْنَ كَذَّبُوْا شُعَیْبًا كَاَنْ لَّمْ یَغْنَوْا فِیْهَا ۛۚ— اَلَّذِیْنَ كَذَّبُوْا شُعَیْبًا كَانُوْا هُمُ الْخٰسِرِیْنَ ۟
जिन लोगों ने शुऐब अलैहिस्सलाम को झुठलाया, वे सब के सब विनष्ट हो गए, और वे ऐसे हो गए जैसे वे अपने घरों में बसे ही न थे और उन्होंने इसका आनंद ही नहीं लिया था। जिन लोगों ने शुऐब अलैहिस्सलाम को झुठलाया, वही लोग घाटे में रहे; इसलिए कि उन्होंने अपना और अपनी धन-संपत्ति का विनाश किया। जबकि उनकी जाति के मोमिनों का कोई घाटा नहीं हुआ, जैसा कि इन झुठलाने वाले काफ़िरों ने दावा किया था।
Esegesi in lingua araba:
Alcuni insegnamenti da trarre da questi versi sono:
• من مظاهر إكرام الله لعباده الصالحين أنه فتح لهم أبواب العلم ببيان الحق من الباطل، وبنجاة المؤمنين، وعقاب الكافرين.
• अल्लाह के अपने नेक बंदों को सम्मानित करने की एक अभिव्यक्ति यह है कि उसने असत्य से सत्य को स्पष्ट करके, तथा ईमान वालों को मोक्ष प्रदान करके और काफ़िरों को दंडित करके, उनके लिए ज्ञान के द्वार खोल दिए हैं।

• من سُنَّة الله في عباده الإمهال؛ لكي يتعظوا بالأحداث، ويُقْلِعوا عما هم عليه من معاص وموبقات.
• अल्लाह की अपने बंदों के बारे में यह परंपरा रही है कि वह उन्हें ढील देता है, ताकि वे घटनाओं से सीख प्राप्त करें और उन अवज्ञाओं तथा विनाशकारी पापों को त्याग दें, जिनमें वे लिप्त हैं ।

• الابتلاء بالشدة قد يصبر عليه الكثيرون، ويحتمل مشقاته الكثيرون، أما الابتلاء بالرخاء فالذين يصبرون عليه قليلون.
• कठिनाई द्वारा परीक्षा पर बहुत से लोग धैर्य कर सकते हैं और उसके कष्टों को बहुत से लोग सहन कर लेते हैं। परंतु समृद्धि व संपन्नता के द्वारा परीक्षा पर कम ही लोग धैर्य रखते हैं।

 
Traduzione dei significati Versetto: (92) Sura: Al-A‘râf
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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