Traduzione dei Significati del Sacro Corano - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Indice Traduzioni


Traduzione dei significati Versetto: (99) Sura: Al-A‘râf
اَفَاَمِنُوْا مَكْرَ اللّٰهِ ۚ— فَلَا یَاْمَنُ مَكْرَ اللّٰهِ اِلَّا الْقَوْمُ الْخٰسِرُوْنَ ۟۠
देखो, अल्लाह ने उन्हे किस क़दर मोहलत दी है, और ढील देते हुए शक्ति तथा विस्तृत जीविका प्रदान की है; तो क्या इन नगरों के ये झुठलनाने वाले लोग अल्लाह की चाल और उसके गुप्त उपाय से निश्चिंत हो गए हैं? तो (याद रखो!) अल्लाह के गुप्त उपाय से निश्चिंत केवल वही लोग होते हैं, जिनके भाग्य में विनाश लिखा हो। रही बात तौफ़ीक़ वाले लोगों की, तो वे उसके गुप्त उपाय से डरते हैं। यही कारण है कि उसकी नेमतों से धोखा नहीं खाते, बल्कि उसके एहसान के आभारी रहते हैं और उसका शुक्रिया अदा करते हैं।
Esegesi in lingua araba:
Alcuni insegnamenti da trarre da questi versi sono:
• الإيمان والعمل الصالح سبب لإفاضة الخيرات والبركات من السماء والأرض على الأمة.
• ईमान और सत्कर्म मुसलमानों को आकाश और धरती से व्यापक बरकतों और भलाइयों के प्राप्त होने का एक कारण है।

• الصلة وثيقة بين سعة الرزق والتقوى، وإنْ أنعم الله على الكافرين فإن هذا استدراج لهم ومكر بهم.
• आजीविका के विस्तार और परहेज़गारी के बीच घनिष्ठ संबंध है। अगर अल्लाह काफ़िरों को नेमतें दे रहा है, तो यह दरअसल उन्हें ढील दी जा रही है और उनके साथ एक चाल चली जा रही है।

• على العبد ألا يأمن من عذاب الله المفاجئ الذي قد يأتي في أية ساعة من ليل أو نهار.
• बंदे को अल्लाह की अचानक आने वाली यातना से निश्चिंत नहीं होना चाहिए, जो दिन या रात के किसी भी समय आ सकती है।

• يقص القرآن أخبار الأمم السابقة من أجل تثبيت المؤمنين وتحذير الكافرين.
• क़ुरआन, मोमिनों को सुदृढ़ करने और काफ़िरों को चेतावनी देने के लिए पिछले समुदायों की खबरें सुनाता है।

 
Traduzione dei significati Versetto: (99) Sura: Al-A‘râf
Indice delle Sure Numero di pagina
 
Traduzione dei Significati del Sacro Corano - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - Indice Traduzioni

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

Chiudi