Traduzione dei Significati del Sacro Corano - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Indice Traduzioni


Traduzione dei significati Versetto: (20) Sura: Al-Qiyâmah
كَلَّا بَلْ تُحِبُّوْنَ الْعَاجِلَةَ ۟ۙ
हरगिज़ नहीं, मामला वैसा नहीं है, जैसा तुमने मरणोपरांत पुनर्जीवित होने की असंभवता का दावा किया है। क्योंकि तुम खुद जानते हो कि जो तुम्हें शुरुआत में पैदा करने में सक्षम है, वह तुम्हारी मृत्यु के बाद तुम्हें पुनर्जीवित करने में असमर्थ नहीं होगा। लेकिन तुम्हारे मरणोपरांत पुनर्जीवित होकर उठने के इनकार का कारण इस नश्वर दुनिया से तुम्हारा प्यार है।
Esegesi in lingua araba:
Alcuni insegnamenti da trarre da questi versi sono:
• خطر حب الدنيا والإعراض عن الآخرة.
• दुनिया को प्यार करने और आख़िरत से दूर होने का खतरा।

• ثبوت الاختيار للإنسان، وهذا من تكريم الله له.
• इनसान के लिए 'इख़्तियार' (चुनने) का सबूत। यह अल्लाह की ओर से उसे सम्मान देना है।

• النظر لوجه الله الكريم من أعظم النعيم.
• अल्लाह के पवित्र चेहरे को देखना सबसे बड़ी नेमत है।

 
Traduzione dei significati Versetto: (20) Sura: Al-Qiyâmah
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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