Traduzione dei Significati del Sacro Corano - Traduzione indiana * - Indice Traduzioni

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Traduzione dei significati Versetto: (6) Sura: Al-Hujurât
یٰۤاَیُّهَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْۤا اِنْ جَآءَكُمْ فَاسِقٌ بِنَبَاٍ فَتَبَیَّنُوْۤا اَنْ تُصِیْبُوْا قَوْمًا بِجَهَالَةٍ فَتُصْبِحُوْا عَلٰی مَا فَعَلْتُمْ نٰدِمِیْنَ ۟
ऐ ईमान वालो! यदि कोई दुराचारी (अवज्ञाकारी)[4] तुम्हारे पास कोई सूचना लेकर आए, तो उसकी अच्छी तरह जाँच-पड़ताल कर लिया करो। ऐसा न हो कि तुम किसी समुदाय को अज्ञानता के कारण हानि पहुँचा दो, फिर अपने किए पर पछताओ।
4. इसमें इस्लाम का यह नियम बताया गया है कि बिना छान-बीन के किसी की ऐसी बात न मानी जाए जिसका संबंध दीन अथवा बहुत गंभीर समस्या से हो। अथवा उसके कारण कोई बहुत बड़ी समस्या उत्पन्न हो सकती हो। और जैसा कि आप जानते हैं कि अब यह नियम संसार के कोने-कोने में फैल गया है। सारे न्यायालयों में इसी के अनुसार न्याय किया जाता है। और जो इसके विरुद्ध निर्णय करता है उसकी कड़ी आलोचना की जाती है। तथा अब नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की मृत्यु के पश्चात् यह नियम आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की ह़दीस पाक के लिए भी है। यह छान-बीन किये बग़ैर कि वह सह़ीह़ है या नहीं, उसपर अमल नहीं किया जाना चाहिए। और इस चीज़ को इस्लाम के विद्वानों ने पूरा कर किया है कि अल्लाह के रसूल की वे हदीसें कौन सी हैं जो सह़ीह़ हैं तथा वे कौन सी ह़दीसें हैं जो सह़ीह़ नहीं हैं। यह विशेषता केवल इस्लाम की है। संसार का कोई धर्म यह विशेषता नहीं रखता।
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Traduzione dei significati del Nobile Corano in lingua indiana di Azizul-Haqq Al-Umary

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