Check out the new design

Traduzione dei Significati del Sacro Corano - Traduzione indiana - Azizul-Haqq Al-Umary * - Indice Traduzioni

XML CSV Excel API
Please review the Terms and Policies

Traduzione dei significati Sura: Al-Mâ’idah   Versetto:
وَمِنَ الَّذِیْنَ قَالُوْۤا اِنَّا نَصٰرٰۤی اَخَذْنَا مِیْثَاقَهُمْ فَنَسُوْا حَظًّا مِّمَّا ذُكِّرُوْا بِهٖ ۪— فَاَغْرَیْنَا بَیْنَهُمُ الْعَدَاوَةَ وَالْبَغْضَآءَ اِلٰی یَوْمِ الْقِیٰمَةِ ؕ— وَسَوْفَ یُنَبِّئُهُمُ اللّٰهُ بِمَا كَانُوْا یَصْنَعُوْنَ ۟
तथा जिन लोगों ने कहा कि हम ईसाई हैं, हमने उनसे (भी) दृढ़ वचन लिया, फिर वे उसका एक हिस्सा भूल गए जिसका उन्हें उपदेश दिया गया था। अतः हमने उनके बीच क़ियामत के दिन तक के लिए दुश्मनी और द्वेष भड़का दिया। और शीघ्र ही अल्लाह उन्हें उसकी ख़बर[17] देगा, जो वे किया करते थे।
17. आयत का अर्थ यह है कि जब ईसाइयों ने वचन भंग कर दिया, तो उनमें कई परस्पर विरोधी संप्रदाय हो गए, जैसे याक़ूबिय्यः, नसतूरिय्यः और आरयूसिय्यः। ये सभी एक-दूसरे के शत्रु हो गए। तथा इस समय आर्थिक और राजनीतिक संप्रदायों में विभाजित होकर आपस में रक्तपात कर रहे हैं। इसमें मुसलमानों को भी सावधान किया गया है कि क़ुरआन के अर्थों में परिवर्तन करके ईसाइयों के समान संप्रदायों में विभाजित न होना।
Esegesi in lingua araba:
یٰۤاَهْلَ الْكِتٰبِ قَدْ جَآءَكُمْ رَسُوْلُنَا یُبَیِّنُ لَكُمْ كَثِیْرًا مِّمَّا كُنْتُمْ تُخْفُوْنَ مِنَ الْكِتٰبِ وَیَعْفُوْا عَنْ كَثِیْرٍ ؕ۬— قَدْ جَآءَكُمْ مِّنَ اللّٰهِ نُوْرٌ وَّكِتٰبٌ مُّبِیْنٌ ۟ۙ
ऐ किताब वालो! तुम्हारे पास हमारे रसूल[18] आ गए हैं, जो तुम्हारे लिए उनमें से बहुत-सी बातें खोलकर बयान करते हैं, जिन्हें तुम किताब में से छिपाया करते थे और बहुत-सी बातों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं। निःसंदेह तुम्हारे पास अल्लाह की ओर से एक प्रकाश तथा स्पष्ट पुस्तक (क़ुरआन) आई है।
18. अर्थात मुह़म्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम। तथा प्रकाश से अभिप्राय क़ुरआन पाक है।
Esegesi in lingua araba:
یَّهْدِیْ بِهِ اللّٰهُ مَنِ اتَّبَعَ رِضْوَانَهٗ سُبُلَ السَّلٰمِ وَیُخْرِجُهُمْ مِّنَ الظُّلُمٰتِ اِلَی النُّوْرِ بِاِذْنِهٖ وَیَهْدِیْهِمْ اِلٰی صِرَاطٍ مُّسْتَقِیْمٍ ۟
जिसके द्वारा अल्लाह उन लोगों को शांति के मार्ग दिखाता है, जो उसकी प्रसन्नता के पीछे चलें। और उन्हें अपनी अनुमति से अँधेरों से प्रकाश की ओर निकालता है और उन्हें सीधे रास्ते का मार्गदर्शन प्रदान करता है।
Esegesi in lingua araba:
لَقَدْ كَفَرَ الَّذِیْنَ قَالُوْۤا اِنَّ اللّٰهَ هُوَ الْمَسِیْحُ ابْنُ مَرْیَمَ ؕ— قُلْ فَمَنْ یَّمْلِكُ مِنَ اللّٰهِ شَیْـًٔا اِنْ اَرَادَ اَنْ یُّهْلِكَ الْمَسِیْحَ ابْنَ مَرْیَمَ وَاُمَّهٗ وَمَنْ فِی الْاَرْضِ جَمِیْعًا ؕ— وَلِلّٰهِ مُلْكُ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ وَمَا بَیْنَهُمَا ؕ— یَخْلُقُ مَا یَشَآءُ ؕ— وَاللّٰهُ عَلٰی كُلِّ شَیْءٍ قَدِیْرٌ ۟
निश्चय वे लोग काफ़िर[19] हो गए, जिन्होंने कहा कि निःसंदेह अल्लाह मरयम का पुत्र मसीह ही तो है। (ऐ नबी!) कह दें : यदि अल्लाह मसीह बिन मरयम और उसकी माता तथा धरती में मौजूद सभी लोगों को विनष्ट करना चाहे, तो कौन अल्लाह को रोकने का अधिकार रखता है? तथा अल्लाह ही के लिए आकाशों और धरती का राज्य है और उसकी भी जो उन दोनों के बीच है। वह पैदा करता है जो चाहता है तथा अल्लाह हर चीज़ का पूर्ण सामर्थ्य रखता है।
19. इस आयत में ईसा अलैहिस्सलाम के अल्लाह होने की मिथ्या आस्था का खंडन किया जा रहा है।
Esegesi in lingua araba:
 
Traduzione dei significati Sura: Al-Mâ’idah
Indice delle Sure Numero di pagina
 
Traduzione dei Significati del Sacro Corano - Traduzione indiana - Azizul-Haqq Al-Umary - Indice Traduzioni

La traduzione di Aziz al-Haqq al-Omari.

Chiudi