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43 : 14

مُهْطِعِیْنَ مُقْنِعِیْ رُءُوْسِهِمْ لَا یَرْتَدُّ اِلَیْهِمْ طَرْفُهُمْ ۚ— وَاَفْـِٕدَتُهُمْ هَوَآءٌ ۟ؕ

जब लोग क़ब्रों से उठकर पुकारने वाले की ओर तेज़ी से भागेंगे, अपने सिर को उठाए हुए होंगे, वे घबराहट से आकाश की ओर देखेंगे, उनकी निगाहें उनकी ओर नहीं लौटेंगी, बल्कि वे जो कुछ भी देख रही होंगी उसके डर से खुली की खुली रह जाएँगी और उनके दिल ख़ाली होंगे, उस दिन के दृश्य की दहशत से उनमें कोई समझ-बूझ नहीं होगी। info
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44 : 14

وَاَنْذِرِ النَّاسَ یَوْمَ یَاْتِیْهِمُ الْعَذَابُ فَیَقُوْلُ الَّذِیْنَ ظَلَمُوْا رَبَّنَاۤ اَخِّرْنَاۤ اِلٰۤی اَجَلٍ قَرِیْبٍ ۙ— نُّجِبْ دَعْوَتَكَ وَنَتَّبِعِ الرُّسُلَ ؕ— اَوَلَمْ تَكُوْنُوْۤا اَقْسَمْتُمْ مِّنْ قَبْلُ مَا لَكُمْ مِّنْ زَوَالٍ ۟ۙ

(ऐ रसूल!) अपनी उम्मत को क़ियामत के दिन की यातना से डराएँ। उस समय कुफ़्र और शिर्क के द्वारा अपने ऊपर अत्याचार करने वाले लोग कहेंगे : ऐ हमारे पालनहार! हमें मोहलत दे दे और हमसे यातना को टाल दे और हमें थोड़े समय के लिए दुनिया में वापस भेज दे, हम तुझपर ईमान लाएँगे और उन रसूलों का पालन करेंगे, जिन्हें तूने हमारी ओर भेजा था। तब उन्हें फटकार लगाते हुए जवाब दिया जाएगा : क्या तुमने दुनिया के जीवन में, मरणोपरांत पुनर्जीवित किए जाने का इनकार करते हुए यह क़सम नहीं खाई थी कि तुम्हें दुनिया के जीवन से आख़िरत की ओर स्थानांतरित नहीं होना है?! info
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45 : 14

وَّسَكَنْتُمْ فِیْ مَسٰكِنِ الَّذِیْنَ ظَلَمُوْۤا اَنْفُسَهُمْ وَتَبَیَّنَ لَكُمْ كَیْفَ فَعَلْنَا بِهِمْ وَضَرَبْنَا لَكُمُ الْاَمْثَالَ ۟

और तुम अपने से पहले के उन समुदायों के रहने की जगहों में उतरे, जिन्होंने अल्लाह का इनकार करके अपने आप पर अत्याचार किया था, जैसे हूद और सालेह के समुदाय। और तुम्हारे लिए स्पष्ट हो गया कि हमने अन्हें कैसे विनष्ट किया और हमने अल्लाह की किताब में तुम्हारे लिए उदाहरण प्रस्तुत किए, ताकि तुम उपदेश ग्रहण करो, परन्तु तुमने उनसे उपदेश ग्रहण नहीं किया। info
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46 : 14

وَقَدْ مَكَرُوْا مَكْرَهُمْ وَعِنْدَ اللّٰهِ مَكْرُهُمْ ؕ— وَاِنْ كَانَ مَكْرُهُمْ لِتَزُوْلَ مِنْهُ الْجِبَالُ ۟

अत्याचारी संप्रदायों के रहने के स्थानों में उतरने वाले इन लोगों ने अल्लाह के नबी मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की हत्या करने और आपके आमंत्रण (मिशन) को समाप्त करने की साज़िश रची। हालाँकि अल्लाह उनके उपाय से अवगत है, उससे कोई बात छिपी नहीं है। तथा इन लोगों का उपाय बहुत कमज़ोर है। चुनाँचे वह कमज़ोर होने के कारण पर्वत को या उसके अलावा किसी चीज़ को उसके स्थान से नहीं टाल सकता। जबकि उनके साथ अल्लाह के उपाय का मामला इसके विपरीत है। info
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47 : 14

فَلَا تَحْسَبَنَّ اللّٰهَ مُخْلِفَ وَعْدِهٖ رُسُلَهٗ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ عَزِیْزٌ ذُو انْتِقَامٍ ۟ؕ

(ऐ रसूल!) आप हरगिज़ यह न समझें कि अल्लाह, जिसने अपने रसूलों से विजय और धर्म को प्रभुत्व प्रदान करने का वादा किया था, रसूलों से अपने किए हुए वादे के ख़िलाफ़ करने वाला है। निःसंदेह अल्लाह प्रभुत्वशाली है, उसपर किसी चीज़ का ज़ोर नहीं चलता और वह अपने दोस्तों को अवश्य प्रभुत्व प्रदान करेगा। वह अपने दुश्मनों तथा अपने रसूलों के दुश्मनों से सख़्त बदला लेने वाला है। info
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48 : 14

یَوْمَ تُبَدَّلُ الْاَرْضُ غَیْرَ الْاَرْضِ وَالسَّمٰوٰتُ وَبَرَزُوْا لِلّٰهِ الْوَاحِدِ الْقَهَّارِ ۟

काफ़िरों से यह बदला क़ियामत के दिन लिया जाएगा, जिस दिन इस धरती को एक अन्य शुद्ध सफेद धरती से बदल दिया जाएगा, और आसमानों को दूसरे आसमानों से बदल दिया जाएगा। और लोग अपनी क़ब्रों से अपने शरीर और कर्मों के साथ प्रकट होंगे, उस अल्लाह के सामने खड़े होने के लिए, जो अपने राज्य और अपनी महिमा में अकेला है, ऐसा प्रभुत्वशाली है, जो सबको पराजित करता है और उसे पराजित नहीं किया जा सकता, तथा सब पर उसका प्रभुत्व है और उसपर किसी का प्रभुत्व नहीं हो सकता। info
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49 : 14

وَتَرَی الْمُجْرِمِیْنَ یَوْمَىِٕذٍ مُّقَرَّنِیْنَ فِی الْاَصْفَادِ ۟ۚ

49 - 50 - (ऐ रसूल!) जिस दिन इस धरती को दूसरी धरती से बदल दिया जाएगा और आकाशों को बदल दिया जाएगा, उस दिन आप काफ़िरों और मुश्रिकों को देखेंगे कि एक-दूसरे के साथ बेड़ियों में जकड़े हुए होंगे। उनके हाथ और पैर जंजीरों के साथ उनके गले में बाँध दिए जाएँगे। उनके कपड़े जो वे पहनेंगे, तारकोल (एक अत्यधिक ज्वलनशील पदार्थ) के बने होंगे। और उनके विकृत चेहरे आग से झुलस रहे होंगे। info
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50 : 14

سَرَابِیْلُهُمْ مِّنْ قَطِرَانٍ وَّتَغْشٰی وُجُوْهَهُمُ النَّارُ ۟ۙ

49 - 50 - (ऐ रसूल!) जिस दिन इस धरती को दूसरी धरती से बदल दिया जाएगा और आकाशों को बदल दिया जाएगा, उस दिन आप काफ़िरों और मुश्रिकों को देखेंगे कि एक-दूसरे के साथ बेड़ियों में जकड़े हुए होंगे। उनके हाथ और पैर जंजीरों के साथ उनके गले में बाँध दिए जाएँगे। उनके कपड़े जो वे पहनेंगे, तारकोल (एक अत्यधिक ज्वलनशील पदार्थ) के बने होंगे। और उनके विकृत चेहरे आग से झुलस रहे होंगे। info
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51 : 14

لِیَجْزِیَ اللّٰهُ كُلَّ نَفْسٍ مَّا كَسَبَتْ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ سَرِیْعُ الْحِسَابِ ۟

ताकि अल्लाह हर प्राणी को उसका बदला दे, जो भी उसने अच्छा या बुरा किया है। निःसंदेह अल्लाह कार्यों का शीघ्र हिसाब लेने वाला है। info
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52 : 14

هٰذَا بَلٰغٌ لِّلنَّاسِ وَلِیُنْذَرُوْا بِهٖ وَلِیَعْلَمُوْۤا اَنَّمَا هُوَ اِلٰهٌ وَّاحِدٌ وَّلِیَذَّكَّرَ اُولُوا الْاَلْبَابِ ۟۠

मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर उतरने वाला यह क़ुरआन अल्लाह की ओर से लोगों को सूचना देना (एक संदेश) है। और ताकि उन्हें इसमें मौजूद गंभीर धमकियों और भयभीत करने वाली चीज़ों से डराया जाए, और ताकि वे यह जान लें कि सत्य पूज्य अकेला अल्लाह ही है, फिर वे उसकी इबादत करें और उसके साथ किसी को साझी न बनाएँ। और ताकि सद्बुद्धि वाले लोग इससे सीख लें। क्योंकि वही लोग हैं जो उपदेशों और पाठों से लाभान्वित होते हैं। info
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ក្នុង​ចំណោម​អត្ថប្រយោជន៍​នៃអាយ៉ាត់ទាំងនេះក្នុងទំព័រនេះ:
• تصوير مشاهد يوم القيامة وجزع الخلق وخوفهم وضعفهم ورهبتهم، وتبديل الأرض والسماوات.
• क़ियामत के दिन के दृश्यों, तथा लोगों की घबराहट, दहशत, डर, कमज़ोरी और भय का चित्रण और धरती एवं आकाशों के बदल जाने का बयान। info

• وصف شدة العذاب والذل الذي يلحق بأهل المعصية والكفر يوم القيامة.
• क़ियामत के दिन गुनाहगारों और काफ़िरों को मिलने वाली यातना और अपमान की गंभीरता का वर्णन। info

• أن العبد في سعة من أمره في حياته في الدنيا، فعليه أن يجتهد في الطاعة، فإن الله تعالى لا يتيح له فرصة أخرى إذا بعثه يوم القيامة.
• बंदा दुनिया के जीवन में अपने मामले के बारे में विस्तार में होता है। इसलिए उसे नेक कार्य करने में भरपूर प्रयास करना चाहिए। क्योंकि अल्लाह उसे क़ियामत के दिन उठाने के बाद दूसरा अवसर नहीं देगा। info