وه‌رگێڕانی ماناكانی قورئانی پیرۆز - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - پێڕستی وه‌رگێڕاوه‌كان


وه‌رگێڕانی ماناكان ئایه‌تی: (49) سوره‌تی: سورەتی الأنبياء
الَّذِیْنَ یَخْشَوْنَ رَبَّهُمْ بِالْغَیْبِ وَهُمْ مِّنَ السَّاعَةِ مُشْفِقُوْنَ ۟
जो अपने उस रब की यातना से डरते हैं, जिसपर वे ईमान रखते हैं, जबकि उन्होंने उसे नहीं देखा है और वे क़ियामत से डरने वाले हैं।
تەفسیرە عەرەبیەکان:
سوودەکانی ئایەتەکان لەم پەڕەیەدا:
• نَفْع الإقرار بالذنب مشروط بمصاحبة التوبة قبل فوات أوانها.
• गुनाह के इक़रार का फ़ायदा उसी समय है, जब समय रहते तौबा कर ली जाए।

• إثبات العدل لله، ونفي الظلم عنه.
• अल्लाह के लिए 'न्याय' का प्रमाण, तथा उससे 'अत्याचार' का खंडन।

• أهمية قوة الحجة في الدعوة إلى الله.
• अल्लाह की ओर बुलाने के काम में, तर्क की शक्ति का महत्व।

• ضرر التقليد الأعمى.
• अंधे अनुकरण का नुक़सान।

• التدرج في تغيير المنكر، والبدء بالأسهل فالأسهل، فقد بدأ إبراهيم بتغيير منكر قومه بالقول والصدع بالحجة، ثم انتقل إلى التغيير بالفعل.
• बुराई को धीरे-धीरे बदलना और उसकी शुरूआत सबसे आसान से करना फिर उससे कम आसान की ओर आना। क्योंकि इबराहीम अलैहिस्सलाम ने अपनी जाति के अंदर मौजूद बुराई को बदलने की शुरूआत अपने कथन से उसकी निंदा करके और उसपर तर्क प्रस्तुत करके की। फिर उसे कार्य (हाथ) के द्वारा बदलने की ओर आए।

 
وه‌رگێڕانی ماناكان ئایه‌تی: (49) سوره‌تی: سورەتی الأنبياء
پێڕستی سوره‌ته‌كان ژمارەی پەڕە
 
وه‌رگێڕانی ماناكانی قورئانی پیرۆز - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - پێڕستی وه‌رگێڕاوه‌كان

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

داخستن