وه‌رگێڕانی ماناكانی قورئانی پیرۆز - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - پێڕستی وه‌رگێڕاوه‌كان


وه‌رگێڕانی ماناكان ئایه‌تی: (109) سوره‌تی: سورەتی المؤمنون
اِنَّهٗ كَانَ فَرِیْقٌ مِّنْ عِبَادِیْ یَقُوْلُوْنَ رَبَّنَاۤ اٰمَنَّا فَاغْفِرْ لَنَا وَارْحَمْنَا وَاَنْتَ خَیْرُ الرّٰحِمِیْنَ ۟ۚۖ
मेरे बंदों में से कुछ लोग, जो मुझपर ईमान लाए थे, कहा करते थे : ऐ हमारे रब! हम तुझपर ईमान लाए। अतः हमारे गुनाह माफ़ कर दे और हमपर दया कर। और तू सब दया करने वालों से बेहतर है।
تەفسیرە عەرەبیەکان:
سوودەکانی ئایەتەکان لەم پەڕەیەدا:
• الكافر حقير مهان عند الله.
• काफिर अल्लाह के निकट तुच्छ और अपमानित है।

• الاستهزاء بالصالحين ذنب عظيم يستحق صاحبه العذاب.
• नेक लोगों का मज़ाक़ उड़ाना बहुत बड़ा पाप है। ऐसा व्यक्ति अज़ाब का हक़दार है।

• تضييع العمر لازم من لوازم الكفر.
• उम्र को नष्ट करना कुफ़्र का एक आवश्यक तत्व है।

• الثناء على الله مظهر من مظاهر الأدب في الدعاء.
• अल्लाह की प्रशंसा करना दुआ में शिष्टाचार का एक प्रकटीकरण है।

• لما افتتح الله سبحانه السورة بذكر صفات فلاح المؤمنين ناسب أن تختم السورة بذكر خسارة الكافرين وعدم فلاحهم.
• जब अल्लाह ने इस सूरत का आरंभ ईमान वालों की विशेषताओं का उल्लेख करके किया, तो उचित था कि इसका अंत काफ़िरों के घाटे और उनकी असफलता का उल्लेख करके किया जाए।

 
وه‌رگێڕانی ماناكان ئایه‌تی: (109) سوره‌تی: سورەتی المؤمنون
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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