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وه‌رگێڕانی ماناكانی قورئانی پیرۆز - وەرگێڕاوی هیندی بۆ پوختەی تەفسیری قورئانی پیرۆز * - پێڕستی وه‌رگێڕاوه‌كان


وه‌رگێڕانی ماناكان سوره‌تی: النساء   ئایه‌تی:
فَبِمَا نَقْضِهِمْ مِّیْثَاقَهُمْ وَكُفْرِهِمْ بِاٰیٰتِ اللّٰهِ وَقَتْلِهِمُ الْاَنْۢبِیَآءَ بِغَیْرِ حَقٍّ وَّقَوْلِهِمْ قُلُوْبُنَا غُلْفٌ ؕ— بَلْ طَبَعَ اللّٰهُ عَلَیْهَا بِكُفْرِهِمْ فَلَا یُؤْمِنُوْنَ اِلَّا قَلِیْلًا ۪۟
अतः हमने उन्हें अपनी दया से दूर कर दिया, क्योंकि उन्होंने उस दृढ़ वचन को तोड़ दिया, जो उनसे लिया गया था, तथा इस कारण कि उन्होंने अल्लाह की निशानियों का इनकार किया और नबियों की हत्या करने का दुस्साहस किया एवं मुहम्मद - सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम - से कहा कि : "हमारे दिल एक आवरण में हैं, इसलिए आप जो कहते हैं उसे नहीं समझते।" जबकि मामला ऐसा नहीं है। बल्कि अल्लाह ने उनके कुफ़्र के कारण उनके दिलों पर मुहर लगा दी है, इसलिए कोई अच्छाई उन तक नहीं पहुँचती। अतः वे बहुत कम ईमान लाते हैं, जिससे उन्हें कोई फायदा नहीं होता है।
تەفسیرە عەرەبیەکان:
وَّبِكُفْرِهِمْ وَقَوْلِهِمْ عَلٰی مَرْیَمَ بُهْتَانًا عَظِیْمًا ۟ۙ
और हमने उन्हें उनके कुफ़्र के कारण, तथा इस कारण दया से निकाल दिया कि उन्होंने मरयम - अलैहस्सलाम - पर व्यभिचार का झूठा और निराधार आरोप लगाया।
تەفسیرە عەرەبیەکان:
وَّقَوْلِهِمْ اِنَّا قَتَلْنَا الْمَسِیْحَ عِیْسَی ابْنَ مَرْیَمَ رَسُوْلَ اللّٰهِ ۚ— وَمَا قَتَلُوْهُ وَمَا صَلَبُوْهُ وَلٰكِنْ شُبِّهَ لَهُمْ ؕ— وَاِنَّ الَّذِیْنَ اخْتَلَفُوْا فِیْهِ لَفِیْ شَكٍّ مِّنْهُ ؕ— مَا لَهُمْ بِهٖ مِنْ عِلْمٍ اِلَّا اتِّبَاعَ الظَّنِّ ۚ— وَمَا قَتَلُوْهُ یَقِیْنًا ۟ۙ
तथा हमने उनपर उनके गर्व करते हुए झूठमूठ यह कहने के कारण लानत भेजी : निःसंदेह हमने ही अल्लाह के रसूल मरयम के पुत्र ईसा मसीह को क़त्ल किया। हालाँकि न तो उन्होंने उन्हें क़त्ल किया, जैसा कि उनका दावा है, और न ही उन्हें सूली पर चढ़ाया। बल्कि उन्होंने एक ऐसे व्यक्ति को क़त्ल किया, जिसे अल्लाह ने ईसा - अलैहिस्सलाम - का सदृश बना दिया था और उसे सूली पर चढ़ाया। इसलिए उन्होंने सोचा कि क़त्ल होने वाला ईसा अलैहिस्सलाम ही थे। जिन यहूदियों ने ईसा अलैहिस्सलाम की हत्या का दावा किया और जिन ईसाइयों ने उन्हें यहूदियों के हवाले किया, दोनों ही उनके मामले में भ्रम और संदेह में हैं। क्योंकि उन्हें इसका कोई ज्ञान नहीं है। वे केवल अनुमान का पालन करते हैं और अनुमान से सच्चाई का कुछ भी लाभ नहीं होता है। उन्होंने निश्चित रूप से ईसा अलैहिस्सलाम को न तो क़त्ल किया और न उन्हें सूली पर चढ़ाया।
تەفسیرە عەرەبیەکان:
بَلْ رَّفَعَهُ اللّٰهُ اِلَیْهِ ؕ— وَكَانَ اللّٰهُ عَزِیْزًا حَكِیْمًا ۟
बल्कि अल्लाह ने ईसा अलैहिस्सलाम को उनकी साज़िश से बचा लिया और उन्हें उनके शरीर एवं आत्मा के साथ अपनी ओर उठा लिया। अल्लाह सदा से अपने राज्य में प्रभुत्वशाली है, कोई उसे पराजित नहीं कर सकता, अपने प्रबंधन, फ़ैसले और विधान में पूर्ण हिकमत वाला है।
تەفسیرە عەرەبیەکان:
وَاِنْ مِّنْ اَهْلِ الْكِتٰبِ اِلَّا لَیُؤْمِنَنَّ بِهٖ قَبْلَ مَوْتِهٖ ۚ— وَیَوْمَ الْقِیٰمَةِ یَكُوْنُ عَلَیْهِمْ شَهِیْدًا ۟ۚ
अह्ले किताब (यहूदियों एवं ईसाइयों) में से हर व्यक्ति, ईसा अलैहिस्सलाम पर उनके अंतिम युग में उतरने के पश्चात और उनकी मृत्यु से पहले अवश्य ईमान लाएगा, तथा क़ियामत के दिन ईसा अलैहिस्सलाम उनके कर्मों के साक्षी होंगे; कि उनमें से क्या शरीयत के अनुसार है और क्या उसके ख़िलाफ़।
تەفسیرە عەرەبیەکان:
فَبِظُلْمٍ مِّنَ الَّذِیْنَ هَادُوْا حَرَّمْنَا عَلَیْهِمْ طَیِّبٰتٍ اُحِلَّتْ لَهُمْ وَبِصَدِّهِمْ عَنْ سَبِیْلِ اللّٰهِ كَثِیْرًا ۟ۙ
यहूदियों के अत्याचार के कारण, हमने उनपर कई पाकीज़ा खाने की चीज़ों को हराम कर दिया, जो उनके लिए हलाल थीं। चुनाँचे हमने उनपर हर नाख़ून (पंजे) से शिकार करने वाला पक्षी हराम कर दिया, तथा गायों और बकरियों में से हमने उनकी चर्बी को उनपर हराम कर दिया, सिवाय उस (चर्बी) के जो उन दोनों की पीठों से लगी हुई हो। इसका एक कारण यह भी था कि वे खुद को और दूसरों को अल्लाह के मार्ग से रोकते थे, यहाँ तक कि भलाई से रोकना उनका स्वभाव बन गया था।
تەفسیرە عەرەبیەکان:
وَّاَخْذِهِمُ الرِّبٰوا وَقَدْ نُهُوْا عَنْهُ وَاَكْلِهِمْ اَمْوَالَ النَّاسِ بِالْبَاطِلِ ؕ— وَاَعْتَدْنَا لِلْكٰفِرِیْنَ مِنْهُمْ عَذَابًا اَلِیْمًا ۟
तथा उनके ब्याज का लेन-देन करने के कारण, जबकि अल्लाह ने उन्हें उसे लेने से मना किया था, तथा लोगों के धन को बिना किसी उचित अधिकार के लेने के कारण। और हमने उनमें से काफ़िरों के लिए एक दर्दनाक अज़ाब तैयार किया है।
تەفسیرە عەرەبیەکان:
لٰكِنِ الرّٰسِخُوْنَ فِی الْعِلْمِ مِنْهُمْ وَالْمُؤْمِنُوْنَ یُؤْمِنُوْنَ بِمَاۤ اُنْزِلَ اِلَیْكَ وَمَاۤ اُنْزِلَ مِنْ قَبْلِكَ وَالْمُقِیْمِیْنَ الصَّلٰوةَ وَالْمُؤْتُوْنَ الزَّكٰوةَ وَالْمُؤْمِنُوْنَ بِاللّٰهِ وَالْیَوْمِ الْاٰخِرِ ؕ— اُولٰٓىِٕكَ سَنُؤْتِیْهِمْ اَجْرًا عَظِیْمًا ۟۠
परंतु यहूदियों में से ठोस ज्ञान रखने वाले तथा ईमान लाने वाले लोग, उस क़ुरआन को सच्चा मानते हैं, जो अल्लाह ने (ऐ रसूल!) आपपर उतारा है, तथा वे उन किताबों को भी सत्य मानते हैं, जो आपसे पहले के रसूलों पर उतारी गई थीं, जैसे तौरात और इंजील, और वे नमाज़ क़ायम करते और अपने धन की ज़कात देते हैं, तथा इस बात पर विश्वास रखते हैं कि अल्लाह ही अकेला पूज्य है, जिसका कोई साझी नहीं, और क़ियामत के दिन को सत्य मानते हैं; ये लोग जिनके पास ये गुण हैं हम उन्हें बहुत बड़ा बदला प्रदान करेंगे।
تەفسیرە عەرەبیەکان:
سوودەکانی ئایەتەکان لەم پەڕەیەدا:
• عاقبة الكفر الختم على القلوب، والختم عليها سبب لحرمانها من الفهم.
• कुफ़्र का परिणाम दिलों पर मुहर लगाना है, और उनपर मुहर लगाना उन्हें समझ से वंचित करने का एक कारण है।

• بيان عداوة اليهود لنبي الله عيسى عليه السلام، حتى إنهم وصلوا لمرحلة محاولة قتله.
• अल्लाह के नबी ईसा अलैहिस्सलाम के प्रति यहूदियों की शत्रुता का वर्णन, यहाँ तक कि वे उनकी हत्या करने की कोशिश करने के स्तर तक पहुँच गए।

• بيان جهل النصارى وحيرتهم في مسألة الصلب، وتعاملهم فيها بالظنون الفاسدة.
• ईसा अलैहिस्सलाम के सूली पर चढ़ाए जाने के मुद्दे के बारे में ईसाइयों की अज्ञानता और असमंजस, तथा उससे निपटने में भ्रष्ट अनुमानों का सहारा लेने का वर्णन।

• بيان فضل العلم، فإن من أهل الكتاب من هو متمكن في العلم حتى أدى به تمكنه هذا للإيمان بالنبي محمد صلى الله عليه وسلم.
• ज्ञान की फ़ज़ीलत का वर्णन। क्योंकि किताब वालों में से कुछ लोग ज्ञान में निपुण थे, यहाँ तक कि इस निपुणता ने उन्हें नबी मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर ईमान लाने के लिए प्रेरित किया।

 
وه‌رگێڕانی ماناكان سوره‌تی: النساء
پێڕستی سوره‌ته‌كان ژمارەی پەڕە
 
وه‌رگێڕانی ماناكانی قورئانی پیرۆز - وەرگێڕاوی هیندی بۆ پوختەی تەفسیری قورئانی پیرۆز - پێڕستی وه‌رگێڕاوه‌كان

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