وه‌رگێڕانی ماناكانی قورئانی پیرۆز - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - پێڕستی وه‌رگێڕاوه‌كان


وه‌رگێڕانی ماناكان ئایه‌تی: (117) سوره‌تی: سورەتی النساء
اِنْ یَّدْعُوْنَ مِنْ دُوْنِهٖۤ اِلَّاۤ اِنٰثًا ۚ— وَاِنْ یَّدْعُوْنَ اِلَّا شَیْطٰنًا مَّرِیْدًا ۟ۙ
ये मुश्रिक (बहुदेववादी) अल्लाह के साथ जिनकी पूजा करते और पुकारते हैं, वे केवल महिलाओं के नाम की मूर्तियाँ हैं, जैसे कि लात और उज़्ज़ा,जो न लाभ पहुँचा सकती हैं, न हानि। वास्तव में, वे केवल एक ऐसे शैतान की पूजा करते हैं जो अल्लाह की आज्ञाकारिता से निकला हुआ है और उसमें कोई अच्छाई नहीं है; क्योंकि उसी ने उन्हें मूर्तियों की पूजा करने का आदेश दिया है।
تەفسیرە عەرەبیەکان:
سوودەکانی ئایەتەکان لەم پەڕەیەدا:
• أكثر تناجي الناس لا خير فيه، بل ربما كان فيه وزر، وقليل من كلامهم فيما بينهم يتضمن خيرًا ومعروفًا.
• लोगों की अकसर कानाफूसियों में कोई भलाई नहीं होती, बल्कि उसमें गुनाह भी हो सकता है। उनकी आपस की बहुत कम ही बात-चीत में कोई भलाई और अच्छाई होती है।

• معاندة الرسول صلى الله عليه وسلم ومخالفة سبيل المؤمنين نهايتها البعد عن الله ودخول النار.
• अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से दुश्मनी और मोमिनों के रास्ते का विरोध करने का अंत, अल्लाह से दूर होना और जहन्नम में प्रवेश करना है।

• كل الذنوب تحت مشيئة الله، فقد يُغفر لصاحبها، إلا الشرك، فلا يغفره الله أبدًا، إذا لم يتب صاحبه ومات عليه.
• शिर्क (बहुदेववाद) को छोड़कर, सभी पाप अल्लाह की इच्छा के अधीन हैं, जिनके करने वाले को क्षमा किया जा सकता है। लेकिन शिर्क को अल्लाह कभी माफ़ नहीं करेगा, यदि शिर्क करने वाला पश्चाताप नहीं करता है और उसी पर मर जाता है।

• غاية الشيطان صرف الناس عن عبادة الله تعالى، ومن أعظم وسائله تزيين الباطل بالأماني الغرارة والوعود الكاذبة.
• शैतान का लक्ष्य लोगों को सर्वशक्तिमान अल्लाह की उपासना करने से विचलित करना है और उसके सबसे महान साधनों में से एक असत्य को छलपूर्ण आकांक्षाओं और झूठे वादों के द्वारा सुसज्जित करना है।

 
وه‌رگێڕانی ماناكان ئایه‌تی: (117) سوره‌تی: سورەتی النساء
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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