وه‌رگێڕانی ماناكانی قورئانی پیرۆز - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - پێڕستی وه‌رگێڕاوه‌كان


وه‌رگێڕانی ماناكان ئایه‌تی: (26) سوره‌تی: سورەتی غافر
وَقَالَ فِرْعَوْنُ ذَرُوْنِیْۤ اَقْتُلْ مُوْسٰی وَلْیَدْعُ رَبَّهٗ ۚؕ— اِنِّیْۤ اَخَافُ اَنْ یُّبَدِّلَ دِیْنَكُمْ اَوْ اَنْ یُّظْهِرَ فِی الْاَرْضِ الْفَسَادَ ۟
और फ़िरऔन ने कहा : मुझे मूसा को दंड के तौर पर क़त्ल करने दो। उसे भी चाहिए कि अपने बचाव के लिए अपने पालनहार को पुकारे। मुझे उसके अपने रब को पुकारने की कोई परवाह नहीं है। मुझे इस बात का डर है कि वह तुम्हारे धर्म को बदल देगा या धरती में क़त्ल एवं बिगाड़ के जरिए उपद्रव मचाएगा।
تەفسیرە عەرەبیەکان:
سوودەکانی ئایەتەکان لەم پەڕەیەدا:
• لجوء المؤمن إلى ربه ليحميه من كيد أعدائه.
• मोमिन दुश्मनों की चाल से बचने के लिए अपने पालनहार के शरण में आता है।

• جواز كتم الإيمان للمصلحة الراجحة أو لدرء المفسدة.
• किसी अधिक महत्वपूर्ण हित की रक्षा अथवा नुकसान से बचने के लिए ईमान को छिपाने का सबूत।

• تقديم النصح للناس من صفات أهل الإيمان.
• लोगों को नसीहत करना ईमान वालों की विशेषता है।

 
وه‌رگێڕانی ماناكان ئایه‌تی: (26) سوره‌تی: سورەتی غافر
پێڕستی سوره‌ته‌كان ژمارەی پەڕە
 
وه‌رگێڕانی ماناكانی قورئانی پیرۆز - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - پێڕستی وه‌رگێڕاوه‌كان

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

داخستن