وه‌رگێڕانی ماناكانی قورئانی پیرۆز - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - پێڕستی وه‌رگێڕاوه‌كان


وه‌رگێڕانی ماناكان ئایه‌تی: (122) سوره‌تی: سورەتی التوبة
وَمَا كَانَ الْمُؤْمِنُوْنَ لِیَنْفِرُوْا كَآفَّةً ؕ— فَلَوْلَا نَفَرَ مِنْ كُلِّ فِرْقَةٍ مِّنْهُمْ طَآىِٕفَةٌ لِّیَتَفَقَّهُوْا فِی الدِّیْنِ وَلِیُنْذِرُوْا قَوْمَهُمْ اِذَا رَجَعُوْۤا اِلَیْهِمْ لَعَلَّهُمْ یَحْذَرُوْنَ ۟۠
मोमिनों के लिए उचित नहीं है कि वे सब के सब लड़ाई के लिए निकल खड़े हों, ताकि ऐसा न हो कि यदि उनका दुश्मन उनपर गालिब आ जाए तो उनका सफ़ाया कर दिया जाए। इसलिए ऐसा क्यों नहीं किया गया कि उनका एक समूह जिहाद के लिए निकलता और एक समूह अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के साथ रहता। ताकि वे आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से क़ुरआन और शरीयत के अहकाम सुनकर धर्म की समझ हासिल करते और अपनी जाति के लोगों को सचेत करते जब वे जो कुछ उन्होंने सीखा था उसे लेकर उनके पास लौटते; इस आशा में कि वे अल्लाह की यातना और उसके दंड से सावधान हो जाएँ तथा उसके आदेशों का पालन करने लगें और उसके निषेधों से बचने लगें। यह आयत उन सैन्यदलों के बारे में है, जिन्हें अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम आस-पास के क्षेत्रों में भेजते थे और उनके लिए अपने सहाबा के एक समूह का चयन करते थे।
تەفسیرە عەرەبیەکان:
سوودەکانی ئایەتەکان لەم پەڕەیەدا:
• وجوب تقوى الله والصدق وأنهما سبب للنجاة من الهلاك.
• अल्लाह का तक़्वा (परहेज़गारी) और सच्चाई दोनों आवश्यक हैं तथा वे विनाश से बचने का एक कारण हैं।

• عظم فضل النفقة في سبيل الله.
• अल्लाह के मार्ग में खर्च करने की महान श्रेष्ठता।

• وجوب التفقُّه في الدين مثله مثل الجهاد، وأنه لا قيام للدين إلا بهما معًا.
• अल्लाह के धर्म की समझ हासिल करने की आवश्यकता जिहाद के समान है, और यह कि दोनों के बिना धर्म की स्थापना नहीं हो सकती।

 
وه‌رگێڕانی ماناكان ئایه‌تی: (122) سوره‌تی: سورەتی التوبة
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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