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Kilniojo Korano reikšmių vertimas - Kilniojo Korano sutrumpinto aiškinimo vertimas į hindi k. * - Vertimų turinys


Reikšmių vertimas Sūra: Al-Ma’idah’   Aja (Korano eilutė):
اُحِلَّ لَكُمْ صَیْدُ الْبَحْرِ وَطَعَامُهٗ مَتَاعًا لَّكُمْ وَلِلسَّیَّارَةِ ۚ— وَحُرِّمَ عَلَیْكُمْ صَیْدُ الْبَرِّ مَا دُمْتُمْ حُرُمًا ؕ— وَاتَّقُوا اللّٰهَ الَّذِیْۤ اِلَیْهِ تُحْشَرُوْنَ ۟
अल्लाह ने तुम्हारे लिए जलीय जानवरों का शिकार करना तथा उस जानवर को हलाल कर दिया है, जो समुद्र तुम्हारे लिए फेंक देता है, चाहे वह जीवित हो या मृत, यह तुममें से उसके लाभ के लिए है जो निवासी है या यात्री है जिसके साथ वह खुद की आपूर्ति करता है, तथा उसने तुमपर भूमि का शिकार करना हराम कर दिया है जब तक कि तुम हज्ज या उम्रा के एहराम की स्थिति में हो। तथा अल्लाह के आदेशों का पालन करके और उसके निषेधों से बचकर, उससे डरो। क्योंकि उसी अकेले की ओर तुम क़ियामत के दिन लौटाए जाओगे, फिर वह तुम्हें तुम्हारे कर्मों का बदला देगा।
Tafsyrai arabų kalba:
جَعَلَ اللّٰهُ الْكَعْبَةَ الْبَیْتَ الْحَرَامَ قِیٰمًا لِّلنَّاسِ وَالشَّهْرَ الْحَرَامَ وَالْهَدْیَ وَالْقَلَآىِٕدَ ؕ— ذٰلِكَ لِتَعْلَمُوْۤا اَنَّ اللّٰهَ یَعْلَمُ مَا فِی السَّمٰوٰتِ وَمَا فِی الْاَرْضِ وَاَنَّ اللّٰهَ بِكُلِّ شَیْءٍ عَلِیْمٌ ۟
अल्लाह ने सम्मानित घर काबा को लोगों के लिए स्थापना का साधन बनाया है, जिसके साथ उनके धार्मिक हितों जैसे नमाज़, रोज़ा, ह़ज्ज एवं उम्रा की, तथा उनके सांसारिक हितों की स्थापना होती है, जैसे हरम में सुरक्षा एवं शांति और वहाँ हर चीज़ के फलों का पहुँचना। तथा उसने सम्मानित महीनों अर्थात् : ज़ुल-क़ा'दा, ज़ुल-ह़िज्जा, मुहर्रम और रजब को उनके लिए स्थापना का कारण बनाया है कि वे उनमें दूसरों कि ओर से लड़ाई से सुरक्षित रहते हैं, इसी तरह ह़ज्ज की क़ुर्बानी के जानवरों तथा उन पट्टों को जो यह इंगित करते हैं कि वे हरम के लिए ले जाए गए हैं, उनके लिए स्थापना का साधन बनाया है, क्योंकि वे अपने स्वामियों को हानि पहुँचाए जाने से बचाते हैं। अल्लाह ने तुमपर यह उपकार इसलिए किया ताकि तुम जान लो कि अल्लाह जानता है जो कुछ आकाशों में तथा जो कुछ धरती में है, और यह कि अल्लाह हर चीज़ को ख़ूब जानने वाला है। क्योंकि उसका - तुम्हारे लिए हितों को लाने और तुमसे नुक़सान को उनके आने से पहले दूर करने के लिए - इन नियमों को बनाना, इस बात का प्रमाण है कि वह बंदों के हितों की चीज़ों को जानता है।
Tafsyrai arabų kalba:
اِعْلَمُوْۤا اَنَّ اللّٰهَ شَدِیْدُ الْعِقَابِ وَاَنَّ اللّٰهَ غَفُوْرٌ رَّحِیْمٌ ۟ؕ
(ऐ लोगो!) यह जान लो कि निःसंदेह अल्लाह उसे बहुत कठोर दंड देने वाला है, जो उसकी अवज्ञा करे, तथा तौबा करने वाले को बहुत क्षमा करने वाला, उसपर बड़ा दयालु है।
Tafsyrai arabų kalba:
مَا عَلَی الرَّسُوْلِ اِلَّا الْبَلٰغُ ؕ— وَاللّٰهُ یَعْلَمُ مَا تُبْدُوْنَ وَمَا تَكْتُمُوْنَ ۟
रसूल का दायित्व केवल यह है कि उस उपदेश को पहुँचा दे, जिसको पहुँचाने का अल्लाह ने उसे आदेश दिया है, उसकी यह ज़िम्मेदारी नहीं कि लोगों को हिदायत की तौफीक़ दे, क्योंकि यह केवल अल्लाह के हाथ में है, तथा अल्लाह उसे जानता है जो कुछ तुम मार्गदर्शन या पथभ्रष्टता में से प्रकट करते और छिपाते हो। और वह तुम्हें उसका बदला देगा।
Tafsyrai arabų kalba:
قُلْ لَّا یَسْتَوِی الْخَبِیْثُ وَالطَّیِّبُ وَلَوْ اَعْجَبَكَ كَثْرَةُ الْخَبِیْثِ ۚ— فَاتَّقُوا اللّٰهَ یٰۤاُولِی الْاَلْبَابِ لَعَلَّكُمْ تُفْلِحُوْنَ ۟۠
(ऐ रसूल!) आप कह दें कि कोई भी अपवित्र (बुरी) चीज़ किसी भी पवित्र (अच्छी) चीज़ के बराबर नहीं है, यद्यपि अपवित्र (बुरी) चीज़ की बहुतायत आपको भली लगे। क्योंकि उसकी बहुतायत उसकी श्रेष्ठता का संकेत नहीं देती है। अतः (ऐ बुद्धि वालो!) अपवित्र को छोड़कर और पवित्र को करके अल्लाह से डरो, ताकि तुम्हें जन्नत प्राप्त हो।
Tafsyrai arabų kalba:
یٰۤاَیُّهَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا لَا تَسْـَٔلُوْا عَنْ اَشْیَآءَ اِنْ تُبْدَ لَكُمْ تَسُؤْكُمْ ۚ— وَاِنْ تَسْـَٔلُوْا عَنْهَا حِیْنَ یُنَزَّلُ الْقُرْاٰنُ تُبْدَ لَكُمْ ؕ— عَفَا اللّٰهُ عَنْهَا ؕ— وَاللّٰهُ غَفُوْرٌ حَلِیْمٌ ۟
ऐ ईमान वालो! अपने रसूल से उन चीज़ों के संबंध में प्रश्न न करो, जिनकी तुम्हें कोई ज़रूरत नहीं है, और जो तुम्हारे धर्म के मामले में तुम्हारी मदद नहीं करती हैं। यदि वे तुम्हारे लिए प्रकट कर दी जाएँ, तो उनमें पाई जाने वाली कठिनाई के कारण तुम्हें बुरी लगेंगी। यदि तुम इन चीज़ों के बारे में जिनके बारे में पूछने से तुम्हें मना किया गया है उस समय प्रश्न करोगे जब रसूल पर वह़्य उतारी जाती है, तो वे तुम्हारे लिए स्पष्ट कर दी जाएँगी, और यह अल्लाह के लिए बड़ा आसान है। अल्लाह ने उन चीज़ों को नज़रअंदाज़ कर दिया है जिनके बारे में क़ुरआन खामोश है। अतः उनके बारे में प्रश्न न करो, क्योंकि अगर तुम उनके बारे में प्रश्न करोगे, तो तुम्हें उनके आदेश का बाध्य कर दिया जाएगा। तथा अल्लाह अपने बंदों के पापों को क्षमा करने वाला है यदि वे तौबा करते हैं, अत्यंत सहनशील है उन्हें उनपर दंडित नहीं करता है।
Tafsyrai arabų kalba:
قَدْ سَاَلَهَا قَوْمٌ مِّنْ قَبْلِكُمْ ثُمَّ اَصْبَحُوْا بِهَا كٰفِرِیْنَ ۟
तुमसे पहले भी कुछ लोगों ने इसी तरह की बातों के बारे में प्रश्न किए थे, फिर जब उन्हें उनका बाध्य कर दिया गया, तो उन्होंने उनके अनुसार कार्य नहीं किया। इसलिए वे उसके कारण काफ़िर हो गए।
Tafsyrai arabų kalba:
مَا جَعَلَ اللّٰهُ مِنْ بَحِیْرَةٍ وَّلَا سَآىِٕبَةٍ وَّلَا وَصِیْلَةٍ وَّلَا حَامٍ ۙ— وَّلٰكِنَّ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا یَفْتَرُوْنَ عَلَی اللّٰهِ الْكَذِبَ ؕ— وَاَكْثَرُهُمْ لَا یَعْقِلُوْنَ ۟
अल्लाह ने चौपायों को हलाल किया है। चुनाँचे उसने उनमें से उन जानवरों को हराम नहीं किया है, जिन्हें मुश्रिकों ने अपनी मूर्तियों के लिए अपने ऊपर हराम ठहरा लिया है। जैसे कि बहीरा, जो उस ऊँटनी को कहा जाता है, जिसके कान एक निश्चित संख्या में बच्चे जनने के बाद काट दिए जाते थे। तथा साइबा, जो उस ऊँटनी को कहा जाता है, जो एक निश्चित उम्र तक पहुँचने पर उनकी मूर्तियों के लिए छोड़ दी जाती थी। तथा वसीला, जो उस ऊँटनी को कहा जाता है, जिसने लगातार दो मादा बच्चे जने हों। तथा हामी, जो उस नर ऊँट को कहा जाता है, जिसकी पुश्त से कई ऊँट जन्म ले चुके हों। (अल्लाह ने इन्हें हराम नहीं किया), परंतु काफ़िरों ने झूठ-मूठ और मिथ्यारोपण करते हुए यह दावा किया कि अल्लाह ने उक्त जानवरों को हराम किया है, तथा अधिकांश काफ़िर सत्य और असत्य, हलाल और हराम के बीच अंतर नहीं करते हैं।
Tafsyrai arabų kalba:
Šiame puslapyje pateiktų ajų nauda:
• الأصل في شعائر الله تعالى أنها جاءت لتحقيق مصالح العباد الدنيوية والأخروية، ودفع المضار عنهم.
• अल्लाह तआला के अनुष्ठानों (कर्मकांडों) में मूल बात यह है कि वे लोगों के धार्मिक और सांसारिक हितों की पूर्ति और उनसे नुक़सान को दूर करने के लिए आए हैं।

• عدم الإعجاب بالكثرة، فإنّ كثرة الشيء ليست دليلًا على حِلِّه أو طِيبه، وإنما الدليل يكمن في الحكم الشرعي.
• बहुतायत से खुश नहीं होना चाहिए, क्योंकि किसी वस्तु की बहुतायत इस बात का प्रमाण नहीं है कि वह अनुमेय या अच्छी है। बल्कि प्रमाण शरई हुक्म में निहित है।

• من أدب المُسْتفتي: تقييد السؤال بحدود معينة، فلا يسوغ السؤال عما لا حاجة للمرء ولا غرض له فيه.
• प्रश्नकर्ता के शिष्टाचार में से यह है कि : प्रश्न को कुछ निश्चित सीमाओं के साथ सीमित रखा जाए। इसलिए किसी ऐसी चीज़ के बारे में प्रश्न करना उचित नहीं, जिसकी आदमी को कोई आवश्यकता या उसमें उसका कोई उद्देश्य नहीं है।

• ذم مسالك المشركين فيما اخترعوه وزعموه من محرمات الأنعام ك: البَحِيرة، والسائبة، والوصِيلة، والحامي.
• मुश्रिकों (बहुदेववादियों) के पथों की निंदा, कि उन्होंने झूठ-मूठ पशुधन की वर्जनाओं (कुछ जानवरों के हराम होने) का दावा किया, जैसे : बहीरा, साइबा, वसीला तथा ह़ामी।

 
Reikšmių vertimas Sūra: Al-Ma’idah’
Sūrų turinys Puslapio numeris
 
Kilniojo Korano reikšmių vertimas - Kilniojo Korano sutrumpinto aiškinimo vertimas į hindi k. - Vertimų turinys

Išleido Korano studijų interpretavimo centras.

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