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വിശുദ്ധ ഖുർആൻ പരിഭാഷ - ഖുർആൻ സംക്ഷിപ്ത വിശദീകരണം - പരിഭാഷ (ഹിന്ദി) * - വിവർത്തനങ്ങളുടെ സൂചിക


പരിഭാഷ അദ്ധ്യായം: റഅ്ദ്   ആയത്ത്:
اَفَمَنْ یَّعْلَمُ اَنَّمَاۤ اُنْزِلَ اِلَیْكَ مِنْ رَّبِّكَ الْحَقُّ كَمَنْ هُوَ اَعْمٰی ؕ— اِنَّمَا یَتَذَكَّرُ اُولُوا الْاَلْبَابِ ۟ۙ
वह आदमी जो जानता है कि अल्लाह ने जो कुछ (ऐ रसूल) आप पर अपनी ओर से उतारा है, वही सत्य है, जिसमें कोई संदेह नहीं है, और वह अल्लाह के आमंत्रण को स्वीकार करने वाला मोमिन व्यक्ति है, उस व्यक्ति के समान नहीं हो सकता, जो अंधा है और वह अल्लाह के आमंत्रण को स्वीकार ने करने वाला काफ़िर व्कायक्ति है। तथ्य यह है कि इससे सद्बुद्धि वाले लोग ही सीख लेते और उपदेश ग्रहण करते हैं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
الَّذِیْنَ یُوْفُوْنَ بِعَهْدِ اللّٰهِ وَلَا یَنْقُضُوْنَ الْمِیْثَاقَ ۟ۙ
जिन लोगों ने अल्लाह का आमंत्रण स्वीकार किया, वे ऐसे लोग हैं जो अल्लाह के साथ की हुई प्रतिज्ञा या उसके बंदों के साथ की हुई प्रतिज्ञा को पूरा करते हैं। तथा अल्लाह के साथ या उसके अलावा के साथ की हुई दृढ़ प्रतिज्ञाओं को नहीं तोड़ते।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَالَّذِیْنَ یَصِلُوْنَ مَاۤ اَمَرَ اللّٰهُ بِهٖۤ اَنْ یُّوْصَلَ وَیَخْشَوْنَ رَبَّهُمْ وَیَخَافُوْنَ سُوْٓءَ الْحِسَابِ ۟ؕ
और वे ऐसे लोग हैं, जो उन सभी रिश्तों-नातों को जोड़ते हैं, जिन्हें जोड़ने का अल्लाह ने आदेश दिया है, और वे अल्लाह का ऐसा भय रखते हैं, जो उन्हें अल्लाह के आदेशों का पानल करने और उसके निषेधों से बचने के लिए प्रेरित करता है, तथा उन्हें डर है कि कहीं अल्लाह उनके किए हुए प्रत्येक पाप का हिसाब न ले। क्योंकि जिसके हिसाब में एक-एक चीज़ की पड़ताल की गई, उसका सर्वनाश हो जाएगा।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَالَّذِیْنَ صَبَرُوا ابْتِغَآءَ وَجْهِ رَبِّهِمْ وَاَقَامُوا الصَّلٰوةَ وَاَنْفَقُوْا مِمَّا رَزَقْنٰهُمْ سِرًّا وَّعَلَانِیَةً وَّیَدْرَءُوْنَ بِالْحَسَنَةِ السَّیِّئَةَ اُولٰٓىِٕكَ لَهُمْ عُقْبَی الدَّارِ ۟ۙ
और वे ऐसे लोग हैं, जिन्होंने अल्लाह की प्रसन्नता के लिए अल्लाह के आज्ञापालन पर तथा अल्लाह ने जो कुछ अच्छा या बुरा उनपर नियत किया है, उसपर सब्र किया और अल्लाह की अवज्ञा से रुक गए, और संपूर्ण रूप से नमाज़ अदा किया, तथा हमारे दिए हुए धन से अनिवार्य हुक़ूक़ (अधिकार) का भुगतान किया, और उसमें से कभी दिखावे से बचने के लिए चुपके से स्वेच्छिक दान दिया और कभी खुले तौर पर दान किया ताकि दूसरे लोग उनका अनुकरण करें, तथा उनके साथ जो दुर्व्यवहार करे उसकी बुराई को उसके साथ अच्छा व्यवहार करके दूर करते हैं। इन विशेषताओं से विशेषित लोगों के लिए क़ियामत के दिन अच्छा परिणाम है।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
جَنّٰتُ عَدْنٍ یَّدْخُلُوْنَهَا وَمَنْ صَلَحَ مِنْ اٰبَآىِٕهِمْ وَاَزْوَاجِهِمْ وَذُرِّیّٰتِهِمْ وَالْمَلٰٓىِٕكَةُ یَدْخُلُوْنَ عَلَیْهِمْ مِّنْ كُلِّ بَابٍ ۟ۚ
यह अच्छा परिणाम ऐसे बाग़ हैं, जिनमें वे स्थायी रूप से समृद्धिपूर्वक रहेंगे। उसमें उनकी नेमत की पूर्ति इससे होगी कि उसमें उनके साथ उनके बाप-दादाओं, माताओं, पत्नियों और संतानों में से नेक लोग भी प्रवेश करेंगे। ताकि उनसे मुलाक़ात के द्वारा उनके आनंद को पूरा कर दिया जाए। और जन्नत में फ़रिश्ते उनके घरों के सभी द्वारों से बधाई देते हुए उनके पास आएँगे।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
سَلٰمٌ عَلَیْكُمْ بِمَا صَبَرْتُمْ فَنِعْمَ عُقْبَی الدَّارِ ۟ؕ
फ़रिश्ते जब भी उनके पास आएँगे, उनका यह कहते हुए अभिवादन करेंगे : तुमपर सलाम (शांति) हो! अर्थात् : तुम अल्लाह के आज्ञापालन और उसके कष्टदायक फैसलों पर धैर्य से काम लेने, और उसकी अवज्ञा से बचने के कारण विपत्तियों से सुरक्षित रहो। तो क्या ही अच्छा है इस घर का परिणाम, जो तुम्हें प्राप्त हुआ है।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَالَّذِیْنَ یَنْقُضُوْنَ عَهْدَ اللّٰهِ مِنْ بَعْدِ مِیْثَاقِهٖ وَیَقْطَعُوْنَ مَاۤ اَمَرَ اللّٰهُ بِهٖۤ اَنْ یُّوْصَلَ وَیُفْسِدُوْنَ فِی الْاَرْضِ ۙ— اُولٰٓىِٕكَ لَهُمُ اللَّعْنَةُ وَلَهُمْ سُوْٓءُ الدَّارِ ۟
और जो लोग अल्लाह की प्रतिज्ञा को उसे दृढ़ करने के बाद तोड़ देते हैं, और उन रिश्तों-नातों को काटते हैं, जिन्हें अल्लाह ने जोड़ने का आदेश दिया है, तथा अल्लाह तआला की अवज्ञा करके धरती में उत्पात मचाते हैं। यही अभागे (दुर्भाग्यशाली) लोग हैं, जिनके लिए अल्लाह की दया से निष्कासन है और उनके लिए बुरा परिणाम है, जो कि नरक है।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اَللّٰهُ یَبْسُطُ الرِّزْقَ لِمَنْ یَّشَآءُ وَیَقْدِرُ ؕ— وَفَرِحُوْا بِالْحَیٰوةِ الدُّنْیَا ؕ— وَمَا الْحَیٰوةُ الدُّنْیَا فِی الْاٰخِرَةِ اِلَّا مَتَاعٌ ۟۠
अल्लाह अपने बंदों में से जिसके लिए चाहता है, उसकी रोज़ी में विस्तार कर देता है और जिस पर चाहता है, तंग कर देता है। रोज़ी का विस्तार सौभाग्य और अल्लाह के प्रेम की निशानी नहीं है, और न ही उसका तंग होना दुर्भाग्य की निशानी है। और काफ़िर लोग दुनिया ही के जीवन पर प्रसन्न हैं। इसलिए उसकी ओर झुक गए हैं और उसी पर संतुष्ट हो गए हैं। हालाँकि दुनिया क जीवन आख़िरत के मुक़ाबले में थोड़े-से सामान के सिवा कुछ नहीं है, जो समाप्त हो जाने वाला है।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَیَقُوْلُ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا لَوْلَاۤ اُنْزِلَ عَلَیْهِ اٰیَةٌ مِّنْ رَّبِّهٖ ؕ— قُلْ اِنَّ اللّٰهَ یُضِلُّ مَنْ یَّشَآءُ وَیَهْدِیْۤ اِلَیْهِ مَنْ اَنَابَ ۟ۖۚ
अल्लाह और उसकी निशानियों का इनकार करने वाले कहते हैं : मुह़म्मद पर उनके पालनहार की ओर से कोई साक्षात निशानी क्यों नहीं उतारी गई, जो उनकी सच्चाई को इंगित करती, फिर हम उनपर ईमान ले आते। (ऐ रसूल!) आप इन प्रस्ताव रखने वालों से कह दें : अल्लाह जिसे चाहता है, अपने न्याय के अनुसार गुमराह करता है। और अपनी कृपा से उसका अपनी ओर मार्गदर्शन करता है, जो उसकी ओर तौबा के साथ लौटता है। तथा मार्गदर्शन उनके हाथ में नहीं है कि वे उसे निशानियाँ उतारने के साथ जोड़ें।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اَلَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَتَطْمَىِٕنُّ قُلُوْبُهُمْ بِذِكْرِ اللّٰهِ ؕ— اَلَا بِذِكْرِ اللّٰهِ تَطْمَىِٕنُّ الْقُلُوْبُ ۟ؕ
ये लोग जिन्हें अल्लाह मार्गदर्शन प्रदान करता है, वे हैं जो ईमान लाए, और उनके दिलों को अल्लाह को याद करने; उसकी पवित्रता का गान करने और उसकी स्तुति व प्रशंसा करने, तथा उसकी किताब की तिलावत करने और उसे सुनने से और इसके अलावा अन्य प्रकार के स्मरण से चैन और आराम मिलता है। सुन लो! केवल अल्लाह को याद करने ही से दिलों को आराम मिलता है। यही दिलों के लायक़ है।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
ഈ പേജിലെ ആയത്തുകളിൽ നിന്നുള്ള പാഠങ്ങൾ:
• الترغيب في جملة من فضائل الأخلاق الموجبة للجنة، ومنها: حسن الصلة، وخشية الله تعالى، والوفاء بالعهود، والصبر والإنفاق، ومقابلة السيئة بالحسنة والتحذير من ضدها.
• जन्नत को अनिवार्य करने वाले कुछ श्रेष्ठ व्यवहारों का प्रोत्साहन, जिनमें से कुछ ये हैं : रिश्तेदारों के साथ अच्छा संबंध, अल्लाह का भय, वादों की पूर्ति, धैर्य, ख़र्च करना और बुराई का बदला भलाई से देना, तथा इन व्यवहारों के विपरीत से सावधान करना।

• أن مقاليد الرزق بيد الله سبحانه وتعالى، وأن توسعة الله تعالى أو تضييقه في رزق عبدٍ ما لا ينبغي أن يكون موجبًا لفرح أو حزن، فهو ليس دليلًا على رضا الله أو سخطه على ذلك العبد.
• रोज़ी की कुंजियाँ अल्लाह के हाथ में हैं, और यह कि अल्लाह तआला का किसी बंदे की रोज़ी में विस्तार करना या उसमें तंगी करना, खुशी या दुख का कारण नहीं होना चाहिए।क्योंकि यह उस बंदे से अल्लाह के प्रसन्न या क्रुद्ध होने का प्रमाण नहीं है।

• أن الهداية ليست بالضرورة مربوطة بإنزال الآيات والمعجزات التي اقترح المشركون إظهارها.
• हिदायत आवश्यक रूप से उन निशानियों और चमत्कारों के उतारने के साथ जुड़ी हुई नहीं है, जो मुश्रिकों ने दिखाने का सुझाव दिया था।

• من آثار القرآن على العبد المؤمن أنه يورثه طمأنينة في القلب.
• मोमिन बंदे पर क़ुरआन का एक प्रभाव यह है कि वह उसे हार्दिक शांति देता है।

 
പരിഭാഷ അദ്ധ്യായം: റഅ്ദ്
സൂറത്തുകളുടെ സൂചിക പേജ് നമ്പർ
 
വിശുദ്ധ ഖുർആൻ പരിഭാഷ - ഖുർആൻ സംക്ഷിപ്ത വിശദീകരണം - പരിഭാഷ (ഹിന്ദി) - വിവർത്തനങ്ങളുടെ സൂചിക

മർക്കസ് തഫ്സീർ പ്രസിദ്ധീകരിച്ചത്.

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