വിശുദ്ധ ഖുർആൻ പരിഭാഷ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - വിവർത്തനങ്ങളുടെ സൂചിക


പരിഭാഷ ആയത്ത്: (31) അദ്ധ്യായം: സൂറത്ത് ഇബ്റാഹീം
قُلْ لِّعِبَادِیَ الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا یُقِیْمُوا الصَّلٰوةَ وَیُنْفِقُوْا مِمَّا رَزَقْنٰهُمْ سِرًّا وَّعَلَانِیَةً مِّنْ قَبْلِ اَنْ یَّاْتِیَ یَوْمٌ لَّا بَیْعٌ فِیْهِ وَلَا خِلٰلٌ ۟
(ऐ रसूल!) आप मोमिनों से कह दें : ऐ मोमिनो! पूर्ण रूप से नमाज़ पढ़ो, और अल्लाह के दिए हुए धन से आवश्यक और वांछनीय कार्यों में खर्च करो, रियाकारी के डर से गुप्त रूप से, और खुले तौर पर इसलिए कि दूसरे लोग तुम्हारा अनुसरण करें। इससे पहले कि वह दिन आ जाए, जिसमें न कोई क्रय-विक्रय होगा, न छुड़ौती स्वीकार की जाएगी कि उसके द्वारा अल्लाह के अज़ाब से छुटकारा प्राप्त कर लिया जाए, और न कोई दोस्ती होगी कि एक दोस्त अपने दोस्त के लिए सिफ़ारिश कर दे।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
ഈ പേജിലെ ആയത്തുകളിൽ നിന്നുള്ള പാഠങ്ങൾ:
• تشبيه كلمة الكفر بشجرة الحَنْظل الزاحفة، فهي لا ترتفع، ولا تنتج طيبًا، ولا تدوم.
• 'कुफ़्र के कलिमे' (शब्द) को इंद्रायन की बेल के समान बताया गया है, जो न ऊँची होती है, न अच्छा फल देती है और न स्थायी होती है।

• الرابط بين الأمر بالصلاة والزكاة مع ذكر الآخرة هو الإشعار بأنهما مما تكون به النجاة يومئذ.
• आख़िरत का ज़िक्र करते हुए नमाज़ और ज़कात का आदेश देने के बीच की कड़ी यह सूचना देना है कि वे दोनों उन चीज़ों में से हैं जिनके द्वारा उस दिन मुक्ति प्राप्त होगी।

• تعداد بعض النعم العظيمة إشارة لعظم كفر بعض بني آدم وجحدهم نعمه سبحانه وتعالى .
• कुछ बड़ी नेमतों को गिनाना कुछ लोगों के अल्लाह की नेमतों की नाशुक्री और इनकार करने की गंभीरता की ओर संकेत है।

 
പരിഭാഷ ആയത്ത്: (31) അദ്ധ്യായം: സൂറത്ത് ഇബ്റാഹീം
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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