വിശുദ്ധ ഖുർആൻ പരിഭാഷ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - വിവർത്തനങ്ങളുടെ സൂചിക


പരിഭാഷ ആയത്ത്: (28) അദ്ധ്യായം: സൂറത്തുന്നഹ്ൽ
الَّذِیْنَ تَتَوَفّٰىهُمُ الْمَلٰٓىِٕكَةُ ظَالِمِیْۤ اَنْفُسِهِمْ ۪— فَاَلْقَوُا السَّلَمَ مَا كُنَّا نَعْمَلُ مِنْ سُوْٓءٍ ؕ— بَلٰۤی اِنَّ اللّٰهَ عَلِیْمٌۢ بِمَا كُنْتُمْ تَعْمَلُوْنَ ۟
मौत का फ़रिश्ता और उसके सहयोगी जिन लोगों की रूह़ इस हाल में निकालते हैं कि वे अल्लाह का इनकार करके स्वयं पर अत्याचार करने वाले होते हैं, तो वे मौत को अपने सामने देखकर आत्मसमर्पण कर देते हैं और अपने कुफ़्र तथा पाप का इनकार कर देते हैं, यह सोचकर कि इनकार करने से उन्हें फायदा होगा। तो इसपर उनसे कहा जाता है : तुम झूठ कहते हो। निश्चय तुम पाप करने वाले काफ़िर थे। तुम दुनिया में जो कुछ किया करते थे, अल्लाह उसे खूब जानता है। उसमें से कुछ भी उससे छिपा नहीं है और वह तुम्हें उसका बदला प्रदान करेगा।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
ഈ പേജിലെ ആയത്തുകളിൽ നിന്നുള്ള പാഠങ്ങൾ:
• فضيلة أهل العلم، وأنهم الناطقون بالحق في الدنيا ويوم يقوم الأشهاد، وأن لقولهم اعتبارًا عند الله وعند خلقه.
• ज्ञान वाले लोगों की प्रतिष्ठा और यह कि वही लोग दुनिया में तथा गवाही के दिन (आख़िरत में) सत्य बोलने वाले हैं। और यह कि उनकी बात का अल्लाह के पास और उसके बंदों के निकट एक महत्व है।

• من أدب الملائكة مع الله أنهم أسندوا العلم إلى الله دون أن يقولوا: إنا نعلم ما كنتم تعملون، وإشعارًا بأنهم ما علموا ذلك إلا بتعليم من الله تعالى.
• अल्लाह के साथ फ़रिश्तों के शिष्टाचार में से एक यह है कि उन्होंने ज्ञान को अल्लाह के हवाले कर दिया और यह नहीं कहा कि : हम जानते हैं, जो कुछ तुम किया करते थे।तथा इसमें यह भी संकेत है कि उन्हें इस बात का ज्ञान केवल अल्लाह के सिखाने से हुआ है।

• من كرم الله وجوده أنه يعطي أهل الجنة كل ما تمنوه عليه، حتى إنه يُذَكِّرهم أشياء من النعيم لم تخطر على قلوبهم.
• यह अल्लाह की उदारता और दानशीलता है कि वह जन्नत वालों को हर वह चीज़ प्रदान करेगा, जिसकी वे उससे इच्छा करेंगे। यहाँ तक कि वह उन्हें ऐसी नेमतें याद दिलाएगा, जिनका उनके दिलों में ख़याल भी नहीं आया होगा।

• العمل هو السبب والأصل في دخول الجنة والنجاة من النار، وذلك يحصل برحمة الله ومنَّته على المؤمنين لا بحولهم وقوتهم.
• कार्य ही जन्नत में प्रवेश करने और दोज़ख़ से मुक्ति का कारण और मूल आधार है। और यह मोमिनों पर अल्लाह की दया और उपकार से होगा, उनकी शक्ति और ताक़त से नहीं।

 
പരിഭാഷ ആയത്ത്: (28) അദ്ധ്യായം: സൂറത്തുന്നഹ്ൽ
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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