വിശുദ്ധ ഖുർആൻ പരിഭാഷ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - വിവർത്തനങ്ങളുടെ സൂചിക


പരിഭാഷ ആയത്ത്: (120) അദ്ധ്യായം: സൂറത്ത് ആലുഇംറാൻ
اِنْ تَمْسَسْكُمْ حَسَنَةٌ تَسُؤْهُمْ ؗ— وَاِنْ تُصِبْكُمْ سَیِّئَةٌ یَّفْرَحُوْا بِهَا ؕ— وَاِنْ تَصْبِرُوْا وَتَتَّقُوْا لَا یَضُرُّكُمْ كَیْدُهُمْ شَیْـًٔا ؕ— اِنَّ اللّٰهَ بِمَا یَعْمَلُوْنَ مُحِیْطٌ ۟۠
यदि (ऐ ईमान वालो!) तुम्हें कोई नेमत मिल जाए, जैसे शत्रुओं पर विजय अथवा धन और संतान में वृद्धि; तो उन्हें दु:ख और चिंता घेर लेती है, और यदि तुम्हें कोई विपत्ति पहुँचे, जैसे दुश्मनों की जीत अथवा धन एवं संतान में कमी, तो इससे वे प्रसन्न होते हैं और तुम्हारी विपदा पर खुश होते हैं। लेकिन यदि तुम अल्लाह के आदेशों तथा उसके निर्धारित भाग्यों पर धैर्य से काम लो और अपने ऊपर उसके क्रोध से बचते रहो; तो उनके छल करने और कष्ट देने से तुम्हें कोई नुकसान नहीं होगा। नि:संदेह अल्लाह उनकी चालबाज़ियों से अवगत है और वह उन्हें निराश लौटाएगा।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
ഈ പേജിലെ ആയത്തുകളിൽ നിന്നുള്ള പാഠങ്ങൾ:
• نَهْي المؤمنين عن موالاة الكافرين وجَعْلهم أَخِلّاء وأصفياء يُفْضَى إليهم بأحوال المؤمنين وأسرارهم.
• ईमान वालों को काफ़िरों से दोस्ती रखने और उन्हें जिगरी दोस्त बनाकर मुसलमानों की स्थितियों और उनके रहस्यों से अवगत कराने की मनाही।

• من صور عداوة الكافرين للمؤمنين فرحهم بما يصيب المؤمنين من بلاء ونقص، وغيظهم إن أصابهم خير.
• काफिरों की, मोमिनों के साथ शत्रुता के उदाहरणों में से एक यह है कि वे मोमिनों के संकट और घाटा से पीड़ित होने पर खुश होते हैं, और अगर उन्हें कोई भलाई पहुँचती है तो उसपर गुस्सा होते हैं।

• الوقاية من كيد الكفار ومكرهم تكون بالصبر وعدم إظهار الخوف، ثم تقوى الله والأخذ بأسباب القوة والنصر.
• काफिरों के छल और उनकी चाल से बचाव, धैर्य रखने और भय प्रकट न करने, फिर अल्लाह से डरते रहने तथा शक्ति और विजय के कारणों को अपनाने से संभव है।

 
പരിഭാഷ ആയത്ത്: (120) അദ്ധ്യായം: സൂറത്ത് ആലുഇംറാൻ
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വിശുദ്ധ ഖുർആൻ പരിഭാഷ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - വിവർത്തനങ്ങളുടെ സൂചിക

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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