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വിശുദ്ധ ഖുർആൻ പരിഭാഷ - ഖുർആൻ സംക്ഷിപ്ത വിശദീകരണം - പരിഭാഷ (ഹിന്ദി) * - വിവർത്തനങ്ങളുടെ സൂചിക


പരിഭാഷ അദ്ധ്യായം: സ്വാദ്   ആയത്ത്:

साद

സൂറത്തിൻ്റെ ഉദ്ദേശ്യങ്ങളിൽ പെട്ടതാണ്:
ذكر المخاصمة بالباطل وعاقبتها.
झूठ के द्वारा बहस करने और उसके परिणाम का वर्णन।

صٓ وَالْقُرْاٰنِ ذِی الذِّكْرِ ۟ؕ
{सॉद} इस तरह के अक्षरों (हुरूफ़-ए-मुक़त्तआत) के विषय में सूरतुल-बक़रा के आरंभ में बात गुज़र चुकी है। अल्लाह ने क़ुरआन की क़सम खाई है, जिसमें लोगों को उस चीज़ की याद दिलाना शामिल है, जो दुनिया और आखिरत में उनके लिए लाभदायक है। बात वैसी नहीं है, जैसा मुश्रिक लोग समझते हैं कि अल्लाह के साथ कोई भागीदार हैं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
بَلِ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا فِیْ عِزَّةٍ وَّشِقَاقٍ ۟
लेकिन काफ़िर लोग अल्लाह की तौहीद (एकेश्वरवाद) के बार में स्वाभिमान और अहंकार में हैं, तथा मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के विरोध और उनसे दुश्मनी में पड़े हुए हैं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
كَمْ اَهْلَكْنَا مِنْ قَبْلِهِمْ مِّنْ قَرْنٍ فَنَادَوْا وَّلَاتَ حِیْنَ مَنَاصٍ ۟
इनसे पहले हमने कितने ही समुदायों को विनष्ट कर दिया, जिन्होंने अपने रसूलों को झुठलाया था। फिर जब उनपर अज़ाब उतर आया, तो उन्होंने मदद की गुहार लगाई। लेकिन वह समय उनके लिए अज़ाब से बचने का समय नहीं था कि उन्हें मदद की गुहार लगाना कोई लाभ देता।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَعَجِبُوْۤا اَنْ جَآءَهُمْ مُّنْذِرٌ مِّنْهُمْ ؗ— وَقَالَ الْكٰفِرُوْنَ هٰذَا سٰحِرٌ كَذَّابٌ ۟ۖۚ
उन्होंने उस समय आश्चर्य प्रकट किया जब उनके पास उन्हीं में से एक रसूल आया, जो उन्हें उनके अपने कुफ़्र पर क़ायम रहने पर अल्लाह की यातना से डराता था। तथा काफ़िरों ने मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के लाए हुए धर्म की सच्चाई के प्रमाणों को देखकर कहा : यह एक जादूगर व्यक्ति है, जो लोगों को मोहित कर देता है। यह अपने इस दावे में बड़ा झूठा है कि वह अल्लाह का एक रसूल है, जिसकी ओर वह़्य (प्रकाशना) की जाती है।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اَجَعَلَ الْاٰلِهَةَ اِلٰهًا وَّاحِدًا ۖۚ— اِنَّ هٰذَا لَشَیْءٌ عُجَابٌ ۟
क्या इस व्यक्ति ने विभिन्न पूज्यों को एक ही पूज्य बना दिया, जिसके सिवा कोई दूसरा पूज्य नहीं?! निश्चय उसका यह कार्य अत्यंत आश्चर्यजनक है।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَانْطَلَقَ الْمَلَاُ مِنْهُمْ اَنِ امْشُوْا وَاصْبِرُوْا عَلٰۤی اٰلِهَتِكُمْ ۖۚ— اِنَّ هٰذَا لَشَیْءٌ یُّرَادُ ۟ۚ
उनके प्रमुख और बड़े लोग अपने अनुयायियों से यह कहते हुए चल खड़े हुए कि : तुम उसी पर चलते रहो, जिसपर पहले थे। मुहम्मद के धर्म में प्रवेश न करो। अपने पूज्यों की इबादत पर जमे रहो। क्योंकि मुहम्मद ने जो तुम्हें एक अल्लाह की इबादत करने के लिए बुलाया है, वह एक जानबूझकर की गई (सुनियोजित) बात है, वह चाहता है कि हमसे ऊपर उठ जाए और हम उसके अनुयायी (पीछे चलने वाले) बन जाएँ।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
مَا سَمِعْنَا بِهٰذَا فِی الْمِلَّةِ الْاٰخِرَةِ ۖۚ— اِنْ هٰذَاۤ اِلَّا اخْتِلَاقٌ ۟ۖۚ
मुहम्मद हमें जिस तौहीद (एकेश्वरवाद) की ओर बुला रहे हैं, वह बात हमने उस धर्म में नहीं सुनी जिसपर हमने अपने बाप-दादा को पाया और न ही ईसा अलैहिस्सलाम के धर्म में वह (तौहीद की) बात सुनी। यह बात जो हमने उनसे सुनी है, झूठ और गढ़ी हुई बात के सिवा कुछ नहीं है।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
ءَاُنْزِلَ عَلَیْهِ الذِّكْرُ مِنْ بَیْنِنَا ؕ— بَلْ هُمْ فِیْ شَكٍّ مِّنْ ذِكْرِیْ ۚ— بَلْ لَّمَّا یَذُوْقُوْا عَذَابِ ۟ؕ
क्या यह सही है कि हमारे बीच में से उसी पर क़ुरआन उतरे और यह उसी के लिए विशिष्ट हो, और यह हमपर न उतरे, जबकि हम सरदार और प्रमुख लोग हैं?! बल्कि, इन बहुदेववादियों को आपपर उतरने वाली वह़्य (प्रकाशना) के बारे में संदेह है। तथा उन्होंने अभी तक अल्लाह की यातना नहीं चखी है, इसलिए वे मोहलत दिए जाने से धोखे में पड़ गए हैं। यदि उन्होंने यातना का स्वाद चखा होता, तो अल्लाह का इनकार करने, उसके साथ साझी ठहराने और आपकी ओर जो वह़्य (प्रकाशना) की जाती है, उसके बारे में संदेह करने का साहस नहीं करते।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اَمْ عِنْدَهُمْ خَزَآىِٕنُ رَحْمَةِ رَبِّكَ الْعَزِیْزِ الْوَهَّابِ ۟ۚ
क्या इन झुठलाने वाले मुश्रिकों के पास आपके उस प्रभुत्वशाली पालनहार के अनुग्रह के खज़ाने हैं, जिसपर किसी का ज़ोर नहीं चलता, जो जिसे चाहता है जो चाहता है, देता है। तथा उसके अनुग्रह के खज़ानों में नुबुव्वत भी शामिल है। अतः वह जिसे चाहता है, उससे सम्मानित करता है। यह उनका नहीं है कि वे उसे जिसे चाहें दें और जिसे चाहें उससे वंचित कर दें।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اَمْ لَهُمْ مُّلْكُ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ وَمَا بَیْنَهُمَا ۫— فَلْیَرْتَقُوْا فِی الْاَسْبَابِ ۟
या आकाशों और धरती तथा उनके बीच मौजूद सारी चीज़ों की बादशाही उन्हीं के पास है? इसलिए उन्हें देने और न देने का अधिकार प्राप्त है? यदि यह उनका दावा है, तो उन्हें आकाश पर पहुँचाने वाले कारणों को अपनाना चाहिए, ताकि वे जो चाहें देने या न देने का फैसला जारी कर सकें। स्पष्ट है कि वे ऐसा हरगिज़ नहीं कर पाएँगे।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
جُنْدٌ مَّا هُنَالِكَ مَهْزُوْمٌ مِّنَ الْاَحْزَابِ ۟
मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को झुठलाने वाले ये लोग एक पराजित सेना हैं, अपने से पूर्व की उन सेनाओं की तरह, जिन्होंने अपने रसूलों को झुठलाया था।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
كَذَّبَتْ قَبْلَهُمْ قَوْمُ نُوْحٍ وَّعَادٌ وَّفِرْعَوْنُ ذُو الْاَوْتَادِ ۟ۙ
ये झुठलाने वाले, पहले झुठलाने वाले नहीं हैं। क्योंकि इनसे पहले नूह अलैहिस्सलाम की जाति ने झुठलाया, आद ने झुठलाया तथा फ़िरऔन ने झुठलाया, जिसके पास मेखें होती थीं, जिनसे वह लोगों को दंडित किया करता था।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَثَمُوْدُ وَقَوْمُ لُوْطٍ وَّاَصْحٰبُ لْـَٔیْكَةِ ؕ— اُولٰٓىِٕكَ الْاَحْزَابُ ۟
तथा समूद ने झुठलाया, और लूत की जाति ने झुठलाया, और शुऐब की जाति ने झुठलाया। यही लोग वे गिरोह (सेनाएँ) हैं, जो अपने रसूलों को झुठलाने और उनके लाए हुए संदेश का इनकार करने पर एकजुट हुए।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اِنْ كُلٌّ اِلَّا كَذَّبَ الرُّسُلَ فَحَقَّ عِقَابِ ۟۠
इन गिरोहों में से हर एक ने रसूलों को झुठलाया। इसलिए उनपर अल्लाह की यातना सिद्ध हो गई और उनपर अल्लाह की सज़ा आ पहुँची, भले ही इसमें कुछ समय के लिए देरी हुई।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَمَا یَنْظُرُ هٰۤؤُلَآءِ اِلَّا صَیْحَةً وَّاحِدَةً مَّا لَهَا مِنْ فَوَاقٍ ۟
मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को झुठलाने वाले ये लोग केवल इस बात की प्रतीक्षा कर रहे हैं कि सूर में दूसरी फूँक मार दी जाए, जो अपरिवर्तनीय है। फिर वे यातना से ग्रस्त होंगे, अगर वे आपको झुठलाने की अवस्था में मर गए।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَقَالُوْا رَبَّنَا عَجِّلْ لَّنَا قِطَّنَا قَبْلَ یَوْمِ الْحِسَابِ ۟
उन्होंने मज़ाक़ उड़ाते हुए कहा : ऐ हमारे पालनहार! हमें हमारे हिस्से की यातना क़ियामत के दिन से पहले इस सांसारिक जीवन ही में दे दे।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
ഈ പേജിലെ ആയത്തുകളിൽ നിന്നുള്ള പാഠങ്ങൾ:
• أقسم الله عز وجل بالقرآن العظيم، فالواجب تَلقِّيه بالإيمان والتصديق، والإقبال على استخراج معانيه.
• अल्लाह ने अपने महान क़ुरआन की क़सम खाई है। इसलिए आवश्यक है कि उसपर ईमान रखा जाए, उसकी पुष्टि की जाए और उसके अर्थों को निकालने पर ध्यान दिया जाए।

• غلبة المقاييس المادية في أذهان المشركين برغبتهم في نزول الوحي على السادة والكبراء.
• बहुदेववादियों के मन में भौतिक मानकों की प्रधानता, कि उन्होंने सरदारों और बड़े लोगों पर वह़्य (प्रकाशना) उतरने की इच्छा की।

• سبب إعراض الكفار عن الإيمان: التكبر والتجبر والاستعلاء عن اتباع الحق.
• काफ़िरों के ईमान से दूर होने का कारण : सत्य का पालन करने से अहंकार, अभिमान और घमंड था।

 
പരിഭാഷ അദ്ധ്യായം: സ്വാദ്
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വിശുദ്ധ ഖുർആൻ പരിഭാഷ - ഖുർആൻ സംക്ഷിപ്ത വിശദീകരണം - പരിഭാഷ (ഹിന്ദി) - വിവർത്തനങ്ങളുടെ സൂചിക

മർക്കസ് തഫ്സീർ പ്രസിദ്ധീകരിച്ചത്.

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