Check out the new design

വിശുദ്ധ ഖുർആൻ പരിഭാഷ - ഖുർആൻ സംക്ഷിപ്ത വിശദീകരണം - പരിഭാഷ (ഹിന്ദി) * - വിവർത്തനങ്ങളുടെ സൂചിക


പരിഭാഷ അദ്ധ്യായം: സ്സുമർ   ആയത്ത്:
اَفَمَنْ شَرَحَ اللّٰهُ صَدْرَهٗ لِلْاِسْلَامِ فَهُوَ عَلٰی نُوْرٍ مِّنْ رَّبِّهٖ ؕ— فَوَیْلٌ لِّلْقٰسِیَةِ قُلُوْبُهُمْ مِّنْ ذِكْرِ اللّٰهِ ؕ— اُولٰٓىِٕكَ فِیْ ضَلٰلٍ مُّبِیْنٍ ۟
क्या वह आदमी, जिसके सीने को अल्लाह ने इस्लाम के लिए खोल दिया है, और उसने उसकी राह पा ली है, चुनाँचे वह अपने रब की ओर से अंतर्दृष्टि पर है, उस व्यक्ति के समान हो सकता है, जिसका दिल अल्लाह की याद से सख़्त हो गया है?! वे दोनों कभी भी बराबर नहीं हो सकते। चुनाँचे मोक्ष उनके लिए है जो हिदायत पाने वाले हैं और घाटा उन लोगों के लिए है, जिनके हृदय अल्लाह के स्मरण से कठोर हैं। ये लोग सत्य से स्पष्ट गुमराही में हैं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اَللّٰهُ نَزَّلَ اَحْسَنَ الْحَدِیْثِ كِتٰبًا مُّتَشَابِهًا مَّثَانِیَ تَقْشَعِرُّ مِنْهُ جُلُوْدُ الَّذِیْنَ یَخْشَوْنَ رَبَّهُمْ ۚ— ثُمَّ تَلِیْنُ جُلُوْدُهُمْ وَقُلُوْبُهُمْ اِلٰی ذِكْرِ اللّٰهِ ؕ— ذٰلِكَ هُدَی اللّٰهِ یَهْدِیْ بِهٖ مَنْ یَّشَآءُ ؕ— وَمَنْ یُّضْلِلِ اللّٰهُ فَمَا لَهٗ مِنْ هَادٍ ۟
अल्लाह ने अपने रसूल मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर क़ुरआन उतारा है, जो सबसे उत्तम हदीस (बात) है। अल्लाह ने इसे परस्पर मिलता-जुलता उतारा है, इसका एक भाग दूसरे भाग से सच्चाई, अच्छाई, एकरूपता और विभेद-रहित होने में मिलता-जुलता है, जिसमें विभिन्न कहानियाँ और अहकाम (नियम), वादे और धमकियाँ, सत्यवादियों के गुण और असत्यवादियों की विशेषताएँ, आदि वर्णित हैं। इससे उन लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं, जो अपने पालनहार से डरते हैं, जब वे उसमें वर्णित सज़ा के वादों और दंड की धमकियों को सुनते हैं। फिर जब वे उसमें मौजूद आशा और शुभ समाचार को सुनते हैं, तो उनके चमड़े और दिल नरम होकर अल्लाह के ज़िक्र की ओर प्रेरित हो जाते हैं। यह उपर्युक्त क़ुरआन और उसका प्रभाव, अल्लाह का मार्गदर्शन है, वह जिसे चाहता है उसका मार्गदर्शन प्रदान करता है। और जिसे अल्लाह विफल कर दे और उसे हिदायत की तौफ़ीक़ न दे, तो उसके लिए मार्गदर्शन करने वाला कोई नहीं है।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اَفَمَنْ یَّتَّقِیْ بِوَجْهِهٖ سُوْٓءَ الْعَذَابِ یَوْمَ الْقِیٰمَةِ ؕ— وَقِیْلَ لِلظّٰلِمِیْنَ ذُوْقُوْا مَا كُنْتُمْ تَكْسِبُوْنَ ۟
क्या यह आदमी, जिसे अल्लाह ने हिदायत दी और दुनिया में उसे सफलता प्रदान की और आख़िरत में उसे जन्नत में दाखिल किया, उस आदमी के बराबर हो सकता है, जिसने कुफ़्र किया और कुफ़्र ही की अवस्था में मर गया, फिर अल्लाह ने उसके दोनों हाथों और पैरों को बेड़ियों में जकड़कर उसे जहन्नम में दाखिल कर दिया, जो आग से बचने के लिए अपने औंधे पड़े हुए चेहरे के सिवा किसी और अंग का प्रयोग नहीं कर सकता?! तथा कुफ़्र और पाप के द्वारा अपने ऊपर अत्याचार करने वालों से फटकार के रूप में कहा जाएगा : जो कुछ तुम कुफ़्र और पाप किया करते थे उसका स्वाद चखो। क्योंकि यही तुम्हारा प्रतिफल है।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
كَذَّبَ الَّذِیْنَ مِنْ قَبْلِهِمْ فَاَتٰىهُمُ الْعَذَابُ مِنْ حَیْثُ لَا یَشْعُرُوْنَ ۟
जो समुदाय इन बहुदेववादियों से पहले थे, उन्होंने भी झुठलाया, तो उनपर अचानक वहाँ से यातना आई कि उन्हें उसका आभास भी न था कि वे उसके लिए तौबा के द्वारा तैयारी करते।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
فَاَذَاقَهُمُ اللّٰهُ الْخِزْیَ فِی الْحَیٰوةِ الدُّنْیَا ۚ— وَلَعَذَابُ الْاٰخِرَةِ اَكْبَرُ ۘ— لَوْ كَانُوْا یَعْلَمُوْنَ ۟
तो अल्लाह ने इस यातना के ज़रिए उन्हें सांसारिक जीवन में अपमान, लज्जा और रुसवाई (फ़ज़ीहत) चखाई। और आख़िरत की यातना जो उनकी प्रतीक्षा कर रही है, इससे भी बड़ी और अधिक गंभीर है, अगर वे जानते होते।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَلَقَدْ ضَرَبْنَا لِلنَّاسِ فِیْ هٰذَا الْقُرْاٰنِ مِنْ كُلِّ مَثَلٍ لَّعَلَّهُمْ یَتَذَكَّرُوْنَ ۟ۚ
और हमने मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर उतरने वाले इस क़ुरआन में, लोगों के लिए, भलाई और बुराई, सत्य और असत्य तथा ईमान और कुफ़्र और अन्य चीज़ों के बारे में तरह तरह के उदाहरण प्रस्तुत किए हैं; इस आशा में कि लोग उन उदाहरणों से उपदेश ग्रहण करें, जो हमने उनसे बयान किया है, इसलिए वे सत्य पर अमल करें, और असत्य को छोड़ दें।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
قُرْاٰنًا عَرَبِیًّا غَیْرَ ذِیْ عِوَجٍ لَّعَلَّهُمْ یَتَّقُوْنَ ۟
हमने उसे अरबी भाषा में उतरने वाला क़ुरआन बनाया है। जिसमें किसी प्रकार का टेढ़ापन, कोई विचलन और कोई संदेह (गड़बड़) नहीं है। इस उम्मीद में कि लोग अल्लाह से, उसके आदेशों का पालन करके और उसके निषेधों से बचकर, डरें।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
ضَرَبَ اللّٰهُ مَثَلًا رَّجُلًا فِیْهِ شُرَكَآءُ مُتَشٰكِسُوْنَ وَرَجُلًا سَلَمًا لِّرَجُلٍ ؕ— هَلْ یَسْتَوِیٰنِ مَثَلًا ؕ— اَلْحَمْدُ لِلّٰهِ ۚ— بَلْ اَكْثَرُهُمْ لَا یَعْلَمُوْنَ ۟
अल्लाह ने बहुदेववादी और एकेश्वरवादी का उदाहरण दिया है। एक व्यक्ति ऐसा है, जो परस्पर विरोधी भागीदारों के स्वामित्व में है; यदि वह उनमें से किसी एक को प्रसन्न करता है, तो किसी दूसरे को क्रोधित कर देता है। इस तरह वह हैरानी और उथल-पुथल में रहता है। जबकि दूसरा व्यक्ति एक ही आदमी के लिए विशिष्ट है। वही अकेला इसका मालिक है और यह उसकी मंशा को जानता है। इसलिए वह निश्चिंत और उसका मन शांत रहता है। ये दोनों व्यक्ति बराबर नहीं हो सकते। हर प्रकार की प्रशंसा अल्लाह के लिए है। लेकिन उनमें से अधिकांश नहीं जानते हैं। इसलिए वे अल्लाह के साथ उसके अलावा को साझी ठहराते हैं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اِنَّكَ مَیِّتٌ وَّاِنَّهُمْ مَّیِّتُوْنَ ۟ؗ
(ऐ रसूल!) निश्चय आप मरने वाले हैं और निश्चय वे भी अनिवार्य रूप से मरने वाले हैं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
ثُمَّ اِنَّكُمْ یَوْمَ الْقِیٰمَةِ عِنْدَ رَبِّكُمْ تَخْتَصِمُوْنَ ۟۠
फिर (ऐ लोगो!) तुम क़ियामत के दिन अपने पालनहार के पास उन बातों को लेकर झगड़ोगे, जिनमें तुम वाद-विवाद किया करते हो। फिर यह स्पष्ट हो जाएगा कि कौन गलत है और कौन सही है।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
ഈ പേജിലെ ആയത്തുകളിൽ നിന്നുള്ള പാഠങ്ങൾ:
• أهل الإيمان والتقوى هم الذين يخشعون لسماع القرآن، وأهل المعاصي والخذلان هم الذين لا ينتفعون به.
• ईमान और तक़्वा वाले ही वे लोग हैं, जो क़ुरआन सुनकर विनम्र हो जाते हैं, जबकि गुनाहगार और विफल लोग उससे लाभ नहीं उठाते हैं।

• التكذيب بما جاءت به الرسل سبب نزول العذاب إما في الدنيا أو الآخرة أو فيهما معًا.
• रसूलों के लाए हुए संदेश को झुठलाना, इस दुनिया में, या आख़िरत में, या दोनों में यातना के उतरने का कारण है।

• لم يترك القرآن شيئًا من أمر الدنيا والآخرة إلا بيَّنه، إما إجمالًا أو تفصيلًا، وضرب له الأمثال.
• क़ुरआन ने दुनिया और आख़िरत संबंधी किसी भी चीज़ को सार रूप से या विस्तार से स्पष्ट किए बिना नहीं छोड़ा, तथा उसके लिए उदाहरण भी प्रस्तुत किए हैं।

 
പരിഭാഷ അദ്ധ്യായം: സ്സുമർ
സൂറത്തുകളുടെ സൂചിക പേജ് നമ്പർ
 
വിശുദ്ധ ഖുർആൻ പരിഭാഷ - ഖുർആൻ സംക്ഷിപ്ത വിശദീകരണം - പരിഭാഷ (ഹിന്ദി) - വിവർത്തനങ്ങളുടെ സൂചിക

മർക്കസ് തഫ്സീർ പ്രസിദ്ധീകരിച്ചത്.

അടക്കുക