വിശുദ്ധ ഖുർആൻ പരിഭാഷ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - വിവർത്തനങ്ങളുടെ സൂചിക


പരിഭാഷ ആയത്ത്: (35) അദ്ധ്യായം: സൂറത്തുൽ അഹ്ഖാഫ്
فَاصْبِرْ كَمَا صَبَرَ اُولُوا الْعَزْمِ مِنَ الرُّسُلِ وَلَا تَسْتَعْجِلْ لَّهُمْ ؕ— كَاَنَّهُمْ یَوْمَ یَرَوْنَ مَا یُوْعَدُوْنَ ۙ— لَمْ یَلْبَثُوْۤا اِلَّا سَاعَةً مِّنْ نَّهَارٍ ؕ— بَلٰغٌ ۚ— فَهَلْ یُهْلَكُ اِلَّا الْقَوْمُ الْفٰسِقُوْنَ ۟۠
(ऐ रसूल!) आप अपनी जाति के लोगों के आपको झुठलाने पर उसी तरह धैर्य रखें, जिस तरह दृढ़ संकल्प वाले रसूलों : नूह, इबराहीम, मूसा और ईसा अलैहिमुस्सलाम ने धैर्य रखा। तथा उनके लिए यातना की जल्दी न करें। आपकी जाति के ये झुठलाने वाले लोग जब आख़िरत में वह यातना देख लेंगे, जिसका उनसे वादा किया जाता है, तो उन्हें अपनी यातना की दीर्घता के कारण ऐसा लगेगा कि वे दुनिया में दिन के एक घंटे से अधिक नहीं रहे। मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर उतरने वाला यह क़ुरआन तो संदेश का पहुँचा देना है और (यह) इनसानों एवं जिन्नों के लिए काफ़ी है। (अब) यातना से केवल वही लोग नष्ट किए जाएँगे, जो कुफ़्र और पापों के द्वारा अल्लाह की आज्ञाकारिता से निकल जाने वाले हैं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
ഈ പേജിലെ ആയത്തുകളിൽ നിന്നുള്ള പാഠങ്ങൾ:
• من حسن الأدب الاستماع إلى المتكلم والإنصات له.
• वक्ता की बात सुनना और उसके लिए चुप रहना अच्छे शिष्टाचार में से है।

• سرعة استجابة المهتدين من الجنّ إلى الحق رسالة ترغيب إلى الإنس.
• मार्गदर्शित जिन्नों का सत्य को स्वीकारने में जल्दी करना मानव जाति के लिए प्रोत्साहन का संदेश है।

• الاستجابة إلى الحق تقتضي المسارعة في الدعوة إليه.
• सत्य को स्वीकार करने के लिए आवश्यक है कि उसकी ओर बुलाने में जल्दी की जाए।

• الصبر خلق الأنبياء عليهم السلام.
• सब्र (धैर्य) नबियों (अलैहिमुस्सलाम) का आचरण है।

 
പരിഭാഷ ആയത്ത്: (35) അദ്ധ്യായം: സൂറത്തുൽ അഹ്ഖാഫ്
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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