വിശുദ്ധ ഖുർആൻ പരിഭാഷ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - വിവർത്തനങ്ങളുടെ സൂചിക


പരിഭാഷ ആയത്ത്: (40) അദ്ധ്യായം: സൂറത്തുൽ മാഇദ
اَلَمْ تَعْلَمْ اَنَّ اللّٰهَ لَهٗ مُلْكُ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ ؕ— یُعَذِّبُ مَنْ یَّشَآءُ وَیَغْفِرُ لِمَنْ یَّشَآءُ ؕ— وَاللّٰهُ عَلٰی كُلِّ شَیْءٍ قَدِیْرٌ ۟
(ऐ रसूल!) निश्चय आपको मालूम है कि अल्लाह ही के पास आकाशों तथा धरती का राज्य है। वह उनमें अपनी इच्छानुसार व्यवहार करता है। वह जिसे चाहता है, अपने न्याय से दंडित करता है और जिसे चाहता है, अपने अनुग्रह से क्षमा कर देता है। निःसंदेह अल्लाह सब कुछ करने में सक्षम है, उसे कोई चीज़ विवश नहीं कर सकती।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
ഈ പേജിലെ ആയത്തുകളിൽ നിന്നുള്ള പാഠങ്ങൾ:
• حكمة مشروعية حد السرقة: ردع السارق عن التعدي على أموال الناس، وتخويف من عداه من الوقوع في مثل ما وقع فيه.
• चोरी की सज़ा की वैधता की हिकमत : चोर को लोगों के धन पर अतिक्रमण करने से रोकना, और दूसरों को उसके जैसे कार्य में पड़ने से डराना है।

• قَبول توبة السارق ما لم يبلغ السلطان وعليه إعادة ما سرق، فإذا بلغ السلطان وجب الحكم، ولا يسقط بالتوبة.
• चोर की तौबा को स्वीकार करना जब तक कि वह शासक तक नहीं पहुँच जाता, तथा चोर के लिए चुराए हुए माल को वापस करना ज़रूरी है। यदि वह मामला शासक के पास पहुँच जाए, तो चोरी का हुक्म लागू करना अनिवार्य है, और अब तौबा करने से दंड समाप्त नहीं होगा।

• يحسن بالداعية إلى الله ألَّا يحمل همًّا وغمًّا بسبب ما يحصل من بعض الناس مِن كُفر ومكر وتآمر؛ لأن الله تعالى يبطل كيد هؤلاء.
• अल्लाह के धर्म की ओर बुलाने वाले को कुछ लोगों की ओर से होने वाले कुफ़्र, छल और षडयंत्र से चिंता और शोक नहीं करना चाहिए; क्योंकि अल्लाह तआला इनकी चालों को व्यर्थ कर देता है।

• حِرص المنافقين على إغاظة المؤمنين بإظهار أعمال الكفر مع ادعائهم الإسلام.
• मुनाफ़िक़ लोग इस्लाम का दावा करने के बावजूद कुफ़्र के कार्यों का प्रदर्शन करके मुसलमानों को क्रोधित करने (चिढ़ाने) के उत्सुक होते हैं।

 
പരിഭാഷ ആയത്ത്: (40) അദ്ധ്യായം: സൂറത്തുൽ മാഇദ
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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