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വിശുദ്ധ ഖുർആൻ പരിഭാഷ - ഖുർആൻ സംക്ഷിപ്ത വിശദീകരണം - പരിഭാഷ (ഹിന്ദി) * - വിവർത്തനങ്ങളുടെ സൂചിക


പരിഭാഷ അദ്ധ്യായം: ത്തൗബഃ   ആയത്ത്:
یُبَشِّرُهُمْ رَبُّهُمْ بِرَحْمَةٍ مِّنْهُ وَرِضْوَانٍ وَّجَنّٰتٍ لَّهُمْ فِیْهَا نَعِیْمٌ مُّقِیْمٌ ۟ۙ
उनका पालनहार अल्लाह उन्हें अपनी दया की आनंददायक सूचना देता है और यह कि वह उनसे प्रसन्न हो जाएगा, फिर उनसे कभी नाराज़ नहीं होगा, तथा वे ऐसे बाग़ों में प्रवेश करेंगे जिनमें शाश्वत नेमतें हैं, जो कभी बाधित नहीं होंगी।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
خٰلِدِیْنَ فِیْهَاۤ اَبَدًا ؕ— اِنَّ اللّٰهَ عِنْدَهٗۤ اَجْرٌ عَظِیْمٌ ۟
वे उन बाग़ों में, दुनिया में किए हुए नेक कार्यों के बदले में, अनंत काल तक रहेंगे। निःसंदेह अल्लाह के यहाँ, निष्ठापूर्वक उसके आदेशों का पालन करने वाले तथा उसके निषेधों से बचने वाले के लिए बड़ा बदला है।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
یٰۤاَیُّهَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا لَا تَتَّخِذُوْۤا اٰبَآءَكُمْ وَاِخْوَانَكُمْ اَوْلِیَآءَ اِنِ اسْتَحَبُّوا الْكُفْرَ عَلَی الْاِیْمَانِ ؕ— وَمَنْ یَّتَوَلَّهُمْ مِّنْكُمْ فَاُولٰٓىِٕكَ هُمُ الظّٰلِمُوْنَ ۟
ऐ अल्लाह पर ईमान लाने वालो और उसके रसूल के द्वारा लाई गई बातों का अनुसरण करने वालो! अपने आनुवंशिक बापों और भाइयों और अपने रिश्तेदारों में से अन्य लोगों को अपना दोस्त मत बनाओ, कि ईमान वालों के रहस्यों को उन पर प्रकट करके और उनके साथ परामर्श करके उनके प्रति वफ़ादार बन जाओ; यदि वे एक अल्लाह पर ईमान लाने पर कुफ़्र को प्राथमिकता दें। तुममें से जो व्यक्ति उनके कुफ़्र पर बने रहने के बावजूद उनसे दोस्ती रखेगा और उनके प्रति स्नेह दिखाएगा, तो निश्चय उसने अल्लाह की अवज्ञा की, और अवज्ञा के कारण अपने आपको विनाश की जगह में डालकर खुद पर अत्याचार किया।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
قُلْ اِنْ كَانَ اٰبَآؤُكُمْ وَاَبْنَآؤُكُمْ وَاِخْوَانُكُمْ وَاَزْوَاجُكُمْ وَعَشِیْرَتُكُمْ وَاَمْوَالُ ١قْتَرَفْتُمُوْهَا وَتِجَارَةٌ تَخْشَوْنَ كَسَادَهَا وَمَسٰكِنُ تَرْضَوْنَهَاۤ اَحَبَّ اِلَیْكُمْ مِّنَ اللّٰهِ وَرَسُوْلِهٖ وَجِهَادٍ فِیْ سَبِیْلِهٖ فَتَرَبَّصُوْا حَتّٰی یَاْتِیَ اللّٰهُ بِاَمْرِهٖ ؕ— وَاللّٰهُ لَا یَهْدِی الْقَوْمَ الْفٰسِقِیْنَ ۟۠
(ऐ रसूल!) आप कह दीजिए : यदि (ऐ मोमिनो!) तुम्हारे बाप, तुम्हारे बेटे, तुम्हारे भाई, तुम्हारी पत्नियाँ, तुम्हारे रिश्तेदार, तुम्हारा धन जो तुमने कमाया है और तुम्हारा व्यापार जिसके प्रचलन को तुम पसंद करते हो और उसकी मंदी से डरते हो, तथा तुम्हारे घर जिनमें रहने का मोह रखते हो - यदि ये सब तुम्हें अल्लाह और उसके रसूल से, तथा उसकी राह में जिहाद करने से अधिक प्रिय हैं, तो अल्लाह की ओर से आने वाली यातना की प्रतीक्षा करो। और अल्लाह अपनी आज्ञाकारिता से निकल जाने वालों को उस काम को करने का सामर्थ्य नहीं देता, जिससे वह प्रसन्न होता है।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
لَقَدْ نَصَرَكُمُ اللّٰهُ فِیْ مَوَاطِنَ كَثِیْرَةٍ ۙ— وَّیَوْمَ حُنَیْنٍ ۙ— اِذْ اَعْجَبَتْكُمْ كَثْرَتُكُمْ فَلَمْ تُغْنِ عَنْكُمْ شَیْـًٔا وَّضَاقَتْ عَلَیْكُمُ الْاَرْضُ بِمَا رَحُبَتْ ثُمَّ وَلَّیْتُمْ مُّدْبِرِیْنَ ۟ۚ
निःसंदेह अल्लाह ने बहुत-से युद्धों में (ऐ ईमान वालो!) तुम्हारी कम संख्या और कमज़ोर तैयारी के बावजूद तुम्हारे दुश्मन बहुदेववादियों के खिलाफ तुम्हारी मदद की, जब तुमने अल्लाह पर भरोसा किया और साधनों को अपनाया, तथा अपनी अधिक संख्या पर आत्ममुग्ध नहीं हुए। क्योंकि अधिक संख्या, उनपर तुम्हारी जीत का कारण नहीं थी। तथा हुनैन के दिन भी तुम्हारी मदद की, जब तुम अपनी अधिक संख्या पर आत्ममुग्ध हो गए और कहने लगे : आज हम कम संख्या के कारण नहीं हारेंगे। पर तुम्हारी अधिक संख्या तुम्हारे कुछ काम न आई, जिसपर तुम आत्ममुग्ध थे। चुनाँचे तुम्हारा दुश्मन तुमपर हावी हो गया और धरती अपने विस्तार के बावजूद तुमपर तंग हो गई, फिर तुम अपने शत्रुओं से हारकर भाग खड़े हुए।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
ثُمَّ اَنْزَلَ اللّٰهُ سَكِیْنَتَهٗ عَلٰی رَسُوْلِهٖ وَعَلَی الْمُؤْمِنِیْنَ وَاَنْزَلَ جُنُوْدًا لَّمْ تَرَوْهَا ۚ— وَعَذَّبَ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا ؕ— وَذٰلِكَ جَزَآءُ الْكٰفِرِیْنَ ۟
फिर तुम्हारे अपने शत्रुओं से भाग जाने के बाद, अल्लाह ने अपने रसूल पर और ईमान वालों पर शांति उतारी, तो वे लड़ाई के लिए दृढ़ हो गए। तथा अल्लाह ने फ़रिश्ते उतारे जिन्हें तुमने नहीं देखा, और काफ़िरों को इस तरह दंडित किया कि वे मारे गए, बंदी बना लिए गए, (उनके) धनों पर क़ब्ज़ा कर लिया गया और संतानों को पकड़ लिया गया। यह बदला जो इन लोगों को दिया गया, यही उन काफ़िरों का बदला है, जो अपने रसूल को झुठलाते हैं और उनके लाए हुए संदेश से मुँह मोड़ते हैं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
ഈ പേജിലെ ആയത്തുകളിൽ നിന്നുള്ള പാഠങ്ങൾ:
• مراتب فضل المجاهدين كثيرة، فهم أعظم درجة عند الله من كل ذي درجة، فلهم المزية والمرتبة العلية، وهم الفائزون الظافرون الناجون، وهم الذين يبشرهم ربهم بالنعيم.
• मुजाहिदों की श्रेष्ठता के बहुत-से दर्जे हैं। चुनाँचे अल्लाह के निकट उनका दर्जा सबसे ऊँचा है। उन्हें उत्कृष्टता और उच्च पद प्राप्त है और वे सफल, कामयाब और मोक्ष प्राप्त करने वाले हैं। तथा वही लोग हैं, जिन्हें उनका पालनहार नेमतों की शुभ सूचना देता है।

• في الآيات أعظم دليل على وجوب محبة الله ورسوله، وتقديم هذه المحبة على محبة كل شيء.
• इन आयतों में इस बात की सबसे बड़ी दलील है कि अल्लाह और उसके रसूल से प्रेम करना ज़रूरी है और इस प्रेम को हर चीज़ के प्रेम पर प्राथमिकता देना आवश्यक है।

• تخصيص يوم حنين بالذكر من بين أيام الحروب؛ لما فيه من العبرة بحصول النصر عند امتثال أمر الله ورسوله صلى الله عليه وسلم وحصول الهزيمة عند إيثار الحظوظ العاجلة على الامتثال.
• सभी युद्धों के बीच से हुनैन के युद्ध का उल्लेख, इसमें पाए जाने वाले इस पाठ के कारण किया गया है कि जीत अल्लाह और उसके रसूल के आदेश का पालन करने से प्राप्त होती है और अनुपालन पर दुनिया के लाभ को प्राथमिकता देने से हार का सामना करना पड़ता है।

• فضل نزول السكينة، فسكينة الرسول صلى الله عليه وسلم سكينة اطمئنان على المسلمين الذين معه وثقة بالنصر، وسكينة المؤمنين سكينة ثبات وشجاعة بعد الجَزَع والخوف.
• शांति उतरने की फ़जीलत। रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की शांति, आपके साथ मौजूद मुसलमानों के लिए आश्वासन और जीत के विश्वास की शांति है और ईमान वालों की शांति, घबराहट और भय के बाद दृढ़ता और साहस की शांति है।

 
പരിഭാഷ അദ്ധ്യായം: ത്തൗബഃ
സൂറത്തുകളുടെ സൂചിക പേജ് നമ്പർ
 
വിശുദ്ധ ഖുർആൻ പരിഭാഷ - ഖുർആൻ സംക്ഷിപ്ത വിശദീകരണം - പരിഭാഷ (ഹിന്ദി) - വിവർത്തനങ്ങളുടെ സൂചിക

മർക്കസ് തഫ്സീർ പ്രസിദ്ധീകരിച്ചത്.

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