ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌߘߊ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ߘߟߊߡߌߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ


ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߟߝߊߙߌ ߘߏ߫: (79) ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߤߎ߯ߘߎ߫ ߝߐߘߊ
قَالُوْا لَقَدْ عَلِمْتَ مَا لَنَا فِیْ بَنَاتِكَ مِنْ حَقٍّ ۚ— وَاِنَّكَ لَتَعْلَمُ مَا نُرِیْدُ ۟
उनकी जाति के लोगों ने उनसे कहा : (ऐ लूत!) तुम तो जानते ही हो कि हमें तुम्हारी बेटियों की या तुम्हारी जाति की महिाओं की न कोई ज़रूरत है, और न कोई इच्छा (वासना) है। निःसंदेह तुम भली-भाँति जानते हो कि हम क्या चाहते हैं। हम तो केवल पुरुषों को चाहते हैं।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
ߟߝߊߙߌ ߟߎ߫ ߢߊ߬ߕߣߐ ߘߏ߫ ߞߐߜߍ ߣߌ߲߬ ߞߊ߲߬:
• بيان فضل ومنزلة خليل الله إبراهيم عليه السلام، وأهل بيته.
• अल्लाह के मित्र इबराहीम अलैहिस्सलाम और उनके घर वालों की श्रेष्ठता और प्रतिष्ठा का वर्णन।

• مشروعية الجدال عمن يُرجى له الإيمان قبل الرفع إلى الحاكم.
• जिसके ईमान लाने की आशा हो, उसका मामला शासक तक पहुँचाने से पूर्व उसके बारे में बहस करने की वैधता।

• بيان فظاعة وقبح عمل قوم لوط.
• लूत की जाति के कार्य की कुरूपता का वर्णन।

 
ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߟߝߊߙߌ ߘߏ߫: (79) ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߤߎ߯ߘߎ߫ ߝߐߘߊ
ߝߐߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ ߞߐߜߍ ߝߙߍߕߍ
 
ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌߘߊ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - ߘߟߊߡߌߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

ߘߊߕߎ߲߯ߠߌ߲