ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌߘߊ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ߘߟߊߡߌߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ


ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߟߝߊߙߌ ߘߏ߫: (14) ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߌߓߎ߬ߙߊ߬ߤߌߡߊ߫ ߝߐߘߊ
وَلَنُسْكِنَنَّكُمُ الْاَرْضَ مِنْ بَعْدِهِمْ ؕ— ذٰلِكَ لِمَنْ خَافَ مَقَامِیْ وَخَافَ وَعِیْدِ ۟
उनका विनाश करने के बाद, हम (ऐ रसूलो) तुम्हें (और तुम्हारे अनुयायियों को) उस धरती में आबाद कर देंगे। यह झुठलाने वाले काफ़िरों का विनाश करने और उनका विनाश करने के बाद रसूलों और ईमान वालों को धरती में आबाद करने की उक्त बात उसके लिए है, जिसने मेरी महानता और मेरे उसका निरीक्षण करने को अपने मन में उपस्थित रखा, और मेरी उसे यातना की चेतावनी का भय रखा।
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• أن الأنبياء والرسل بشرٌ من بني آدم، غير أن الله تعالى فضلهم بحمل الرسالة واصطفاهم لها من بين بني آدم.
• नबी और रसूल इनसान ही हैं। लेकिन अल्लाह ने उन्हें संदेश के वाहन के साथ प्रतिष्ठता प्रदान की है और आदम की संतान में से उन्हें इस कार्य के लिए चुन लिया है।

• على الداعية الذي يريد التغيير أن يتوقع أن هناك صعوبات جَمَّة سوف تقابله، ومنها الطرد والنفي والإيذاء القولي والفعلي.
• अल्लाह की ओर बुलाने वाला व्यक्ति जो समाज में बदलाव लाना चाहता है, उसे इस बात की आशा रखनी चाहिए कि उसके सामने कई कठिनाइयाँ हैं, जिनसे उसका सामना होगा, जैसे निष्कासन, निर्वासन और वचन एवं कर्म से कष्ट पहुँचाना।

• أن الدعاة والصالحين موعودون بالنصر والاستخلاف في الأرض.
• अल्लाह की ओर बुलाने वालों और नेक लोगों से विजय और धरती में उत्तराधिकार का वादा किया गया है।

• بيان إبطال أعمال الكافرين الصالحة، وعدم اعتبارها بسبب كفرهم.
• काफ़िरों के कुफ़्र के कारण उनके अच्छे कार्यों को अमान्य करने और उनका एतिबार न करने का वर्णन।

 
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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