ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌߘߊ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ߘߟߊߡߌߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ


ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߟߝߊߙߌ ߘߏ߫: (37) ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߟߞߌߛߍ ߟߎ߬ ߝߐߘߊ
اِنْ تَحْرِصْ عَلٰی هُدٰىهُمْ فَاِنَّ اللّٰهَ لَا یَهْدِیْ مَنْ یُّضِلُّ وَمَا لَهُمْ مِّنْ نّٰصِرِیْنَ ۟
(ऐ रसूल!) यदि आप इन लोगों को निमंत्रण देने का अपना भरसक प्रयास कर लें और उनके सत्य मार्ग पर आने के लिए बहुत लालायित रहें और उसके कारणों को अपनाएँ; किंतु अल्लाह जिसे गुमराह कर दे, उसे सीधी राह नहीं दिखाता। और ऐसे लोगों को अल्लाह के अलावा कोई नहीं मिलेगा, जो उनसे यातना को दूर करके उनकी मदद करे।
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• العاقل من يعتبر ويتعظ بما حل بالضالين المكذبين كيف آل أمرهم إلى الدمار والخراب والعذاب والهلاك.
• बुद्धिमान वह है, जो झुठलाने वाले गुमराह समुदायों पर उतरने वाले विनाश, तबाही और यातना से शिक्षा ग्रहण करता है।

• الحكمة من البعث والمعاد إظهار الله الحقَّ فيما يختلف فيه الناس من أمر البعث وكل شيء.
• दोबारा ज़िंदा करने की हिकमत, अल्लाह का पुनर्जीवन और हर उस चीज़ के बारे में सत्य को प्रकट करना है, जिसमें लोग मतभेद करते हैं।

• فضيلة الصّبر والتّوكل: أما الصّبر: فلما فيه من قهر النّفس، وأما التّوكل: فلأن فيه الثقة بالله تعالى والتعلق به.
• सब्र और तवक्कुल का महत्व : सब्र का इसलिए कि इसमें नफ़्स को क़ाबू में रखना (आत्म-संयम) पाया जाता है। और तवक्कुल का इसलिए कि इसमें अल्लाह पर भरोसा और उसके प्रति लगाव पाया जाता है।

• جزاء المهاجرين الذين تركوا ديارهم وأموالهم وصبروا على الأذى وتوكّلوا على ربّهم، هو الموطن الأفضل، والمنزلة الحسنة، والعيشة الرّضية، والرّزق الطّيّب الوفير، والنّصر على الأعداء، والسّيادة على البلاد والعباد.
• जिन मुहाजिरों ने घर-बार और धन-दौलत छोड़ी, कष्ट पर धैर्य से काम लिया और अपने रब पर भरोसा रखा, उनका बदला सबसे अच्छा घर, अच्छी स्थिति, सुखमय जीवन, प्रचुर पवित्र रोज़ी, दुश्मनों पर जीत तथा बंदों और देश पर संप्रभुता है।

 
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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